Narwan: Difference between revisions

From Jatland Wiki
(New)
 
 
(38 intermediate revisions by 6 users not shown)
Line 1: Line 1:
'''Narwan''' is Jat Gotra in [[Punjab]].
'''Narwan (नरवान)''', [[Narban]] (नरबान) [[Nirwal]] (निर्वाल), [[Nirwan]] (निरवान) is [[Jat]] [[Gotra]] lives in [[Punjab]] [[UP]], [[Haryana]] and [[Delhi]].
== Distribution ==
 
[[Narwan]] population is 3,870 in [[Patiala]] district.<ref>History and study of the Jats. By Professor B.S Dhillon.
== History ==
ISBN-10: 1895603021 or ISBN-13: 978-1895603026.
 
p.126</ref>
कुलदीप सिंगरोहा रत्नडेरा लिखते हैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के फरीदाबाद  जिले में उत्तराखंड के कुछ भागों में जाटों का एक ऐसा वर्ग रहता है जिन्हें [[Pachchhande|पच्छान्दे]] या पंजाबी जाट कहा जाता है। उनमे से एक पच्छानंदे  जाटो का गोत है  NARWAN /NARBAN ये जाट करीब 250 वर्ष पहले पश्चिम (पंजाब) से आकर यहाँ बसे थे जिनमें अधिकतर सीख जाट थे।बाद में हिन्दू जाट बने.
== References ==
 
ये प्रमुख रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के कुछ भागों में तथा उत्तराखंड के जाट बहुलक्षेत्रों में प्रमुख रूप से 250 से अधिक गांवों में निवास करते हैं। 95 प्रतिशत हिन्दू धर्मी और 5 प्रतिशत सिख धर्मी हैं। इनमें धर्म का भेद नहीं है। आपस में विवाह-शादियाँ होती हैं।
 
डॉ रणजीतसिंह लिखते हैं... NARWAN /NIRWAL/NARBAN के विषय में सर्वप्रथम जानकारी देने वाले हेरोडोटस थे। इन्होंने अपने यात्रा विवरणों के अध्ययन के आधार पर यह लिखा है कि प्रथम दारा के पुत्र जरक्सीज के यूनान पर आक्रमण के समय उसके साथ NARWAN जाटों का दल था। इसी प्रकार बहुत से विद्वान भागवत और महाभारत के आधार पर यह मानते हैं कि अर्जुन के साथ में द्वारिका से आने वाला  NARWAN जाटो का समूह था और यह परिवार (जाट) घुमक्कड़ कबीलों के रूप में भारतीय सीमाओं से बाहर इधर-उधर बिखर गया। सिकंदर के आक्रमणों के बाद ईसाई तथा मुस्लिम संघर्षों के बाद वे पुनः ईरान के मार्ग से भारत में लौट आए। इस प्रकार Narwan /Nirwal NIRWAN जाट पच्छान्दे कहलाते हैं।
 
ब्रिटिश शासन के दौरान पटियाला जिले में नरवान की जनसंख्या 3,870 थी।  पटियाला जिले में मूल रूप से NARWAN NARBAN के लगतार  आस- पास 12 गांव है जो सभी पटियाला संगरूर रोड पर स्थित थे।  इन्हें सामूहिक रूप से बरह कहा जाता था। 5 गांव पटियाला में  दूसरे छोर पर है कुल 17 गांव है वासे तो 17 गांव का अपना इतिहास हैं पर एक गांव जहां से हरयाणा दिल्ली कुछ वेस्ट यूपी में मूव हो गए वो गांव है -
 
'''[[Bhedpura|भेड़पुरा]]''': भेड़पूरा से हरयाणा के बहुत गांव आकर बसे जेसे कुरुक्षेत्र जिले का [[Sirsala|सिरसला]] गांव  दाऊमाजरा-कुरुक्षेत्र भेडशों-अंबाला लेदी यमुनानगर जलूबी-अंबाला भोर सैदाँ-कुरक्षेत्र  ज़िला फरीदाबाद के गांव [[Tajupur|ताजुपुर]] ये सभी पटियाला जिले के सिख जाट थे वक्त ओर समय के साथ साथ हिन्दू बन गए ओर NARWAN से NARBAN जो बोली के आधार या कहो या कुछ भी कारण रहा हो पर अपना मूल गोत्र Narwan NIRWAL खो चुके हैं NARBAN का जाट इतिहास में कही भी उल्लेख नही मिलेगा क्योंकि मूल गोत्र NARWAN NIRWAN  है ना की नरबान !
 
[[Bhedpura|भेड़पूरा]] गांव की स्थापना लगभग 400 साल पहले (1600-1700 ई.) निर्वान (जिसे नरवान भी कहा जाता है) गोत्र के जाट सिखों द्वारा की गई थी, जैसा कि उसी गोत्र के आसपास के अन्य 17 गाँव थे। आस पास के 17 गांवों में नारवानो का आज भी डंका बजता है ये गांव है - [[Bhedpura|भेड़पुरा]], [[Bhedpuri|भेड़पुरी]], छन्नन, धाकरबा, (धाकराबा) फतेहपुर, गज्जू माजरा, खीरी मल्लन, महमदपुर, पहाड़पुर, शेखूपुरा, सुल्तानपुर, सेन्हसरवाल, तरौरा कलां, तरौरा खुर्द, वाजिदपुर, हैं
 
दिल्ली में बदरपुरा गाँव है हालांकि बदरपुर दक्षिणी दिल्ली गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है, लेकिन यहां बड़ी संख्या में जाट समुदाय के निर्वाल नरवान गोत्र ने अपने पैर मजबूती से जमा लिए है
 
उत्तरप्रदेस में हापुड़ जिले के गांव आयदनगर, ततारपुर हापुड़,
 
मेरठ जिले के गाँव बहादुरपुर मेरठ
 
मुजफ्फरनगर जिले के गांवहैदरनगर जलालपुर, लालू खीरी, यहाँ पर ज्यादातर NIRWAL/NIRWAN मिलगे जिनकी अपनी  पस्चिमी उत्तर प्रदेश में एक खाप भी है हाल फिलहाल सोरम मुज्जफरनगर में हुई पचायत  में  वहाँ का चोधरी भी था
 
== Distribution in Uttar Pradesh ==
=== Villages in Hapur district ===
[[Ayadnagar]], [[Tatarpur Hapur]],
 
===Villages in Meerut District===
[[Bahadurpur Meerut]],
[[Khirwa Nauabad]],
 
=== Villages in Muzaffarnagar district ===
[[Haidarnagar Jalalpur]],
[[Lalu Kheri]],
[[Muzaffarnagar]],
 
== Distribution in Haryana  ==
=== Villages in Faridabad district ===
[[Tajupur]],
 
=== Villages in Kurukshetra district ===
[[Bhor Saidan]],
[[Dau Majra]],
[[Sirsala Thanesar|Sirsala]],
 
=== Villages in Yamunanagar district ===
[[Ledi]]
 
== Distribution in Delhi ==
*[[Badarpur South Delhi]],
 
== Distribution in Punjab ==
=== Villages in Gurdaspur district ===
[[Narwan]] named village is in [[Gurdaspur]] tahsil of Gurdaspur district in [[Punjab]], India.
=== Villages in Patiala district ===
 
[[Narwan]] population was 3,870 in [[Patiala]] district during British Rule.<ref>[[B.S Dhillon]]: [[History and study of the Jats]]. p.126</ref>
There were originally 12 villages of Nirwans in Patiala District, all located on [[Patiala]] [[Sangrur]] Road. These were collectively called as '''Barah'''. The following villages have predominant Nirwan population now:
# [[Bhedpura]],
# [[Bhedpuri]],
# [[Chhannan]],
# [[Dhakarba]], (Dhakrabba)
# [[Fatehpur]],
# [[Gajju Majra]],
# [[Kheri Mallan]],
# [[Mehmadpur]],
# [[Paharpur]],
# [[Shekhupura]],
# [[Sultanpur]],
# [[Senhsarwal]],
# [[Taraura Kalaan]],
# [[Taraura Khurd]],
# [[Wazidpur]],
==Notable Persons==
*Khet Singh [[Nirwan]] founded [[Khetri]] about 500 years back.  <ref>Dr. Raghavendra Singh Manohar:Rajasthan Ke Prachin Nagar Aur Kasbe, 2010,p. 221</ref>
*Dr. Manan Singh [[Nirwan]] (MBBS & MS), From [[Tatarpur]] village in [[Hapur]] tahsil of [[Hapur]] district in [[Uttar Pradesh]].
 
==External Links==
==References==
<references/>
<references/>
----
----
Line 10: Line 84:
[[Category:Jat Gotras]]
[[Category:Jat Gotras]]
[[Category:Punjab]]
[[Category:Punjab]]
[[Category:Delhi]]
[[Category:Gotras in Patiala]]
[[Category:Gotras in Patiala]]
[[Category:Gotras in Gurdaspur]]
[[Category:Uttar Pradesh]]
[[Category:Gotras in Muzaffarnagar]]

Latest revision as of 12:17, 23 November 2024

Narwan (नरवान), Narban (नरबान) Nirwal (निर्वाल), Nirwan (निरवान) is Jat Gotra lives in Punjab UP, Haryana and Delhi.

History

कुलदीप सिंगरोहा रत्नडेरा लिखते हैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के फरीदाबाद जिले में उत्तराखंड के कुछ भागों में जाटों का एक ऐसा वर्ग रहता है जिन्हें पच्छान्दे या पंजाबी जाट कहा जाता है। उनमे से एक पच्छानंदे जाटो का गोत है NARWAN /NARBAN ये जाट करीब 250 वर्ष पहले पश्चिम (पंजाब) से आकर यहाँ बसे थे जिनमें अधिकतर सीख जाट थे।बाद में हिन्दू जाट बने.

ये प्रमुख रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के कुछ भागों में तथा उत्तराखंड के जाट बहुलक्षेत्रों में प्रमुख रूप से 250 से अधिक गांवों में निवास करते हैं। 95 प्रतिशत हिन्दू धर्मी और 5 प्रतिशत सिख धर्मी हैं। इनमें धर्म का भेद नहीं है। आपस में विवाह-शादियाँ होती हैं।

डॉ रणजीतसिंह लिखते हैं... NARWAN /NIRWAL/NARBAN के विषय में सर्वप्रथम जानकारी देने वाले हेरोडोटस थे। इन्होंने अपने यात्रा विवरणों के अध्ययन के आधार पर यह लिखा है कि प्रथम दारा के पुत्र जरक्सीज के यूनान पर आक्रमण के समय उसके साथ NARWAN जाटों का दल था। इसी प्रकार बहुत से विद्वान भागवत और महाभारत के आधार पर यह मानते हैं कि अर्जुन के साथ में द्वारिका से आने वाला NARWAN जाटो का समूह था और यह परिवार (जाट) घुमक्कड़ कबीलों के रूप में भारतीय सीमाओं से बाहर इधर-उधर बिखर गया। सिकंदर के आक्रमणों के बाद ईसाई तथा मुस्लिम संघर्षों के बाद वे पुनः ईरान के मार्ग से भारत में लौट आए। इस प्रकार Narwan /Nirwal NIRWAN जाट पच्छान्दे कहलाते हैं।

ब्रिटिश शासन के दौरान पटियाला जिले में नरवान की जनसंख्या 3,870 थी। पटियाला जिले में मूल रूप से NARWAN NARBAN के लगतार आस- पास 12 गांव है जो सभी पटियाला संगरूर रोड पर स्थित थे। इन्हें सामूहिक रूप से बरह कहा जाता था। 5 गांव पटियाला में दूसरे छोर पर है कुल 17 गांव है वासे तो 17 गांव का अपना इतिहास हैं पर एक गांव जहां से हरयाणा दिल्ली कुछ वेस्ट यूपी में मूव हो गए वो गांव है -

भेड़पुरा: भेड़पूरा से हरयाणा के बहुत गांव आकर बसे जेसे कुरुक्षेत्र जिले का सिरसला गांव दाऊमाजरा-कुरुक्षेत्र भेडशों-अंबाला लेदी यमुनानगर जलूबी-अंबाला भोर सैदाँ-कुरक्षेत्र ज़िला फरीदाबाद के गांव ताजुपुर ये सभी पटियाला जिले के सिख जाट थे वक्त ओर समय के साथ साथ हिन्दू बन गए ओर NARWAN से NARBAN जो बोली के आधार या कहो या कुछ भी कारण रहा हो पर अपना मूल गोत्र Narwan NIRWAL खो चुके हैं NARBAN का जाट इतिहास में कही भी उल्लेख नही मिलेगा क्योंकि मूल गोत्र NARWAN NIRWAN है ना की नरबान !

भेड़पूरा गांव की स्थापना लगभग 400 साल पहले (1600-1700 ई.) निर्वान (जिसे नरवान भी कहा जाता है) गोत्र के जाट सिखों द्वारा की गई थी, जैसा कि उसी गोत्र के आसपास के अन्य 17 गाँव थे। आस पास के 17 गांवों में नारवानो का आज भी डंका बजता है ये गांव है - भेड़पुरा, भेड़पुरी, छन्नन, धाकरबा, (धाकराबा) फतेहपुर, गज्जू माजरा, खीरी मल्लन, महमदपुर, पहाड़पुर, शेखूपुरा, सुल्तानपुर, सेन्हसरवाल, तरौरा कलां, तरौरा खुर्द, वाजिदपुर, हैं

दिल्ली में बदरपुरा गाँव है हालांकि बदरपुर दक्षिणी दिल्ली गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है, लेकिन यहां बड़ी संख्या में जाट समुदाय के निर्वाल नरवान गोत्र ने अपने पैर मजबूती से जमा लिए है

उत्तरप्रदेस में हापुड़ जिले के गांव आयदनगर, ततारपुर हापुड़,

मेरठ जिले के गाँव बहादुरपुर मेरठ

मुजफ्फरनगर जिले के गांवहैदरनगर जलालपुर, लालू खीरी, यहाँ पर ज्यादातर NIRWAL/NIRWAN मिलगे जिनकी अपनी पस्चिमी उत्तर प्रदेश में एक खाप भी है हाल फिलहाल सोरम मुज्जफरनगर में हुई पचायत में वहाँ का चोधरी भी था

Distribution in Uttar Pradesh

Villages in Hapur district

Ayadnagar, Tatarpur Hapur,

Villages in Meerut District

Bahadurpur Meerut, Khirwa Nauabad,

Villages in Muzaffarnagar district

Haidarnagar Jalalpur, Lalu Kheri, Muzaffarnagar,

Distribution in Haryana

Villages in Faridabad district

Tajupur,

Villages in Kurukshetra district

Bhor Saidan, Dau Majra, Sirsala,

Villages in Yamunanagar district

Ledi

Distribution in Delhi

Distribution in Punjab

Villages in Gurdaspur district

Narwan named village is in Gurdaspur tahsil of Gurdaspur district in Punjab, India.

Villages in Patiala district

Narwan population was 3,870 in Patiala district during British Rule.[1] There were originally 12 villages of Nirwans in Patiala District, all located on Patiala Sangrur Road. These were collectively called as Barah. The following villages have predominant Nirwan population now:

  1. Bhedpura,
  2. Bhedpuri,
  3. Chhannan,
  4. Dhakarba, (Dhakrabba)
  5. Fatehpur,
  6. Gajju Majra,
  7. Kheri Mallan,
  8. Mehmadpur,
  9. Paharpur,
  10. Shekhupura,
  11. Sultanpur,
  12. Senhsarwal,
  13. Taraura Kalaan,
  14. Taraura Khurd,
  15. Wazidpur,

Notable Persons

External Links

References

  1. B.S Dhillon: History and study of the Jats. p.126
  2. Dr. Raghavendra Singh Manohar:Rajasthan Ke Prachin Nagar Aur Kasbe, 2010,p. 221

Back to Jat Gotras