Chanana
Chanana (चनाना) (Chandana) is village located in Chirawa tahsil of Jhunjhunu district in Rajasthan.
Jat Gotras
History
चनाणा गोलीकांड
सन 1946 में झुंझुनू जिले के चनाणा गाँव में किसान सम्मलेन का आयोजन किया गया था. सम्मलेन के अध्यक्ष नरोत्तम लाल जोशी व मुख्य अतिथि पंडित टिकाराम पालीवाल थे. किसान नेता सरदार हरलाल सिंह, नेतराम सिंह, ठाकुर राम सिंह, ख्याली राम, बूंटी राम और स्वामी मिस्रानंद आदि उपस्थित थे. सम्मलेन आरंभ हुआ ही था कि घुड़सवार, ऊँटसवार व पैदल भौमिया तलवारें, बंदूकें, भाले व लाठियां लेकर आये. सीधे स्टेज पर हमला किया जिसमें टिकाराम पालीवाल के हाथ चोट आई. दोनों ओर से 15 मिनट तक लाठियां बरसती रहीं. भौमियों के बहुत से आदमी घायल होकर गिर पड़े तो उन्होने बंदूकों से गोलियां चलाई जिससे कई किसान घायल हो गए और सीथल का हनुमान सिंह जाट मारा गया. किसानों ने हथियार छीनकर जो मुकाबला किया उसमें एक भौमिया तेज सिंह तेतरागाँव मारा गया और 10 -12 भौमियां घायल हुए. सभा में भगदड़ मच गयी और दोनों तरफ से क़त्ल के मुकदमे दर्ज हुए. आगे चलकर समझौता हुआ और दोनों ओर से मुकदमे उठा लिए गए. (डॉ. ज्ञानप्रकाश पिलानिया: पृ. 42-43)
चनाणा कांड
रामेश्वरसिंह[1] ने लेख किया है.... चनाणा गांव में जयपुर राज्य प्रजामंडल की ओर से मई 1946 में एक किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। उन दिनों जागीर के किसी गांव में सम्मेलन का आयोजन करना बड़ा कठिन काम था क्योंकि जागीदार इस तरह के सम्मेलन को अपने लिए एक चुनौती और अपमान मानते थे। चनाणा के जागीरदारों ने भी इसे अपने अहम एवं अधिकार पर कुठाराघात माना। इस सम्मेलन में श्री टीकाराम पालीवाल, सरदार हरलाल सिंह जी, श्री नरोत्तम लाल जोशी, श्री संत कुमार शर्मा आदि नेतागण एवं अनेक कार्यकर्ता शरीक हुए। जागीरदारों ने हथियार
बंद होकर इस मीटिंग को बंद करने के लिए अकस्मात हमला किया और लोगों को पीटने लगे। श्री हनुमानाराम सीथल वाले युवावस्था में ही इस चनाणा कांड में शहीद हुए। वे अपने पीछे अपनी विधवा पत्नी, वृद्ध माता-पिता एवं मासूम बच्चों को बिलखते छोड़ गए।
जागीरदार-काश्तकार संघर्ष में यह एक महत्वपूर्ण बलिदान था जिसने किसान जागृति के दीपक में और भी तेज चमक के लिए घी का काम किया। काश्तकार और जागीरदार दोनों ही पक्षों द्वारा पुलिस में मुकदमे दर्ज कराए गए। जागीरदारों में सरदार हरलाल सिंह एवं नरोत्तम लाल जी जोशी के खिलाफ कत्ल का आरोप लगाया। श्री संत कुमार जी बड़े भोजस्वी नेता थे। उनके भाषण बड़े जोशीले हुआ करते थे। वे इस प्रकार की बातें कहते थे कि लोग सुनकर चकित हो जाते। भय तो उनको जरा सा भी छू तक नहीं गया था। पं. ताड़केश्वर शर्मा पचेरी के जागीरदार के नग्न अत्याचार अपनी आंखों से देख चुके थे। उन्होंने अपने क्रांतिकारी विचारों से लोगों को बड़ा प्रभावित किया था। यह पढ़े लिखे थे इससे किसान आंदोलन को बड़ा लाभ मिला। श्री लादूराम जी कीसारी कई बार जेल गए और उन्होंने श्री नेतराम जी तथा श्री घासीराम जी का जन आंदोलन के समय पूरी तरह साथ दिया। चौ. थानौराम जी भोजासर वाले इस किसान आंदोलन में अन्य किसान नेताओं के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे।
Notable persons
- Lt. General J.P. Nehra
- Chaudhary Sultan Singh was a rich businessman. He belonged to this village, later shifted to Chirawa.
External links
References
Back to Jat Villages