Chhota Naga
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Chhota Naga (छोटा नाग) was a Nagavanshi king of Chhota Nagpur.
Variants
- Chota Naga (छोटा नाग)
- Chutia Naga (चुटिया नाग)/(छुटिया नाग)
Jat clans
- Chusia (चुसिया) Chusiya (चुसिया) gotra of Jats started after people who moved out from place called Chutia Nagpur. [1]
Jat Gotras Namesake
Given below is partial list of the peoples or places in Chhota Nagpur of Chhattisgarh, which have phonetic similarity with Jat clans or Jat Places. In list below those on the left are Jat clans (or Jat Places) and on right are people or place names in Chhota Nagpur Districts. Such a similarity is probably due to the fact that Nagavanshi Jats had been rulers of this area in antiquity as is proved by Inscriptions found in this region and mentioned in Jat History Dalip Singh Ahlawat[2].
- चुटियासै (जाट गोत्र - चुसिया) : चुटियासै नाम का गाँव झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की सोनुआ विकास-खंड में है।
- Chutiya (चुटिया) is a historical village in Khairlanji tahsil in Balaghat district of Madhya Pradesh. It is situated on Chandan River and Wainganga River near the border of Maharashtra.
History
The name Nagpur is probably taken from Nagavanshis, who ruled in this part of the country in ancient times. Chota is a corruption of the word Chutia, a village in the outskirts of Ranchi, which has the remains of an old fort belonging to the Nagavanshis.[3] Chutia Naga or Chhota Naga was the name of Nagavanshi King who defended the territory from Mughals and gave name to this region. [4]
छोटा नागपुर
छोटा नागपुर (AS, p.349)- इस प्रदेश का नाम, किवदंती के अनुसार, छोटानाग नामक नागवंशी राजकुमार-सेनापति के नाम पर पड़ा है. छोटानाग ने, जो तत्कालीन नागराजा का छोटा भाई था, मुगलों की सेना को हराकर अपने राज्य की रक्षा की थी. सरहूल की लोककथा छोटानाग से संबंधित है. इस नाम की आदिवासी लड़की ने अपने प्राण देकर छोटानाग की जान बचाई थी. सर जॉन फाउल्टन का मत है कि छोटा या छुटिया रांची के निकट एक गांव का नाम है जहां आज भी नागवंशी सरदारों के दुर्ग के खंडहर हैं. इनके इलाके का नाम नागपुर था और छुटिया या छोटा इसका मुख्य स्थान था. इसीलिए इस क्षेत्र को छोटा नागपुर कहा जाने लगा. (देखें: सर जॉन फाउल्टन - बिहार दि हार्ट ऑफ इंडिया, पृ. 127) छोटा नागपुर के पठार में हजारीबाग, रांची, पालामऊ, मानभूम और सिंहभूम के जिले सम्मिलित हैं. [5]
जाट इतिहास
दलीप सिंह अहलावत [6] ने पुष्टि की है कि नागवंशी जाटों का राज्य कान्तिपुर, मथुरा, पद्मावती, कौशाम्बी, अहिक्षतपुर, नागपुर, चम्पावती (भागलपुर), बुन्देलखण्ड तथा मध्यप्रान्त पश्चिमी मालवा, नागौर (जोधपुर) पर रहा. इनके अतिरिक्त शेरगढ़ कोटा राज्य की प्राचीन भूमि पर, मध्यप्रदेश में चुटिया, नागपुर, खैरागढ़, चक्रकोट एवं कवर्धा में भी इस वंश का राज्य था.
External links
References
- ↑ Dr Mahendra Singh Arya etc,: Ādhunik Jat Itihas, Agra 1998 p.242
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III, p.242
- ↑ Sir John Houlton, 'Bihar, the Heart of India', pp. 127-128, Orient Longmans, 1949.
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.349
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.349
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III, p.242
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