Onkar Singh Chahar
लेखक:लक्ष्मण बुरड़क, IFS (R) |
Onkar Singh Chahar (born: 12.11.1931-death:19.1.2019) is a social worker and journalist from village Paharsar in Rajgarh tahsil of Churu district in Rajasthan. He is son of Hira Singh Chahar, social reformer, folk-singer and freedom fighter.
His family
Onkar Singh Chahar is son of Hira Singh Chahar of village Pahadsar, Rajgarh, Churu and Madi Devi Manju of village Galar, Bhadra, Hanumangarh.
He was married to Smt Meera Devi of village Bhawariya Degana, Degana, Nagaur, daughter of Hardeen Ram Rinwa on 25.6.1953
Onkar Singh Chahar has got three sons:
1. Ram Niwas Choudhary (born:13.8. 1956). His daughter Supriya (born:26.8.1983) is married to Yash Mehta
2. Om Prakash Choudhary (born:14.7.1964). He married to Smt Alkesh Chaudhary on 16.5.1989. His son is Aniruddh (born:2.8.1991) and daughter Anandit ( born:9.7.1996)
3. Ved Prakash (born:31.3.1971). He married to Smt Jaya on 4.12.1998. He has got daughter Manika (born:7.11.2004) and son Rudra (23.7.2007).
ओंकार सिंह चाहर का जीवन परिचय
ओंकार सिंह चाहर एक कर्मठ समाजसेवी पत्रकार हैं। आपके पिता स्वतन्त्रता सेनानी एवं भजनोपदेशक चौधरी हीरासिंह चाहर एक सच्चे समाज सेवक एवं देश भक्त थे। उनका परिवार आज उनके द्वारा बताई गई राह पर चलते हुए समाज में शिक्षा की कमी को दूर करने, समाज में फैली कुरीतियों का उन्मूलन करने व जनजागृती पैदा करने के अभियान में जुड़े हुए हैं। इस कार्य में हीरा सिंह के जेष्ठ पुत्र ओंकार सिंह चाहर बैंक से सेवानिवृति के बाद समाज की नामी संस्थाओं व पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से समाज में जन जागृति, सामाजिक संगठन एवं शिक्षा के प्रचार प्रसार में अमूल्य योगदान दे रहे हैं।
आपका पुत्र ओमप्रकाश चौधरी इंजीनियर है जो अमेरिका व भारत में अपनी फर्म Opal Soft Inc. Sanjose USA द्वारा सॉफ्टवेयर के व्यापार के साथ-साथ अपनी संस्कृति के प्रचार से भारत का नाम रोशन कर रहा है। ‘हीरा’ स्वरुप चौधरी हीरा सिंह के संक्षिप्त जीवन परिचय से प्रेरणा प्राप्त कर अपने समाज को मजबूत संगठित व आगे बढ़ाने में भरपूर योगदान दे रहे हैं।
परिवार परिचय
राजस्थान की अधिकतम गर्मी और सर्दी वाले जिले चुरू की तहसील राजगढ़ के गांव पहाड़सर के मूलनिवासी और स्वतंत्रता सेनानी हीरासिंह चाहर के घर श्रीमती माडी देवी मांजू, निवासी गालड, तहसील भादरा, हनुमानगढ़, की कोख से पैदा हुये।
आपके तीन छोटे भाई हैं - 1. स्वर्गीय रतिराम चाहर (15.4.1934 -6.1.2011), 2. स्वर्गीय मुंसीराम चाहर (25.5.1940 -9.5.2016) और 3. हजारीलाल चाहर (1.1.1947) तथा दो बहिनें हैं - 4. श्रीमती परमेश्वरी देवी (15.10.1928) और श्रीमती रामीदेवी (12.6.1944)
1. स्वर्गीय रतिराम चाहर (15.4.1934 से 6.1.2011), मिडिल पास, अपने परिवार को गांव डाबड़ी, तहसील भादरा में अपने बहनोई स्वर्गीय बीरबलराम पूनिया की छत्रछाया में व्यापारिक कारोबार के सहारे 5 लड़कों व 4 लड़कियों के परिवार को पैरों पर खड़ा कर 77 वर्ष की आयु में 6 जनवरी 2011 को स्वर्गवासी हो गए।
2. दूसरे भाई स्वर्गीय मुंसीराम चाहर (25.5.1940 से 9.5.2016) अपने दो लड़कों और 4 लड़कियों के परिवार का पालन पोषण खेती-बाड़ी एवं लघु व्यापार के सहारे गांव पहाड़सर में सभी सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए 70 वर्ष की आयु में 9 मई 2016 को स्वर्ग सिधार गए। पीछे उनका बड़ा लड़का श्री सुखबीर सिंह राजगढ़ में इंग्लिश मीडियम स्कूल के सहारे परिवार का बोझ संभाल रहे हैं। फौज में सर्विस के दौरान करगिल फतह का चश्मदीद गवाह के बाद शिक्षा को समर्पित है।
3.तीसरा छोटा भाई हजारीलाल चाहर (1.1.1947) - अपनी फौज की नौकरी 24 वर्ष पूरी कर 31 अगस्त 1989 को सेवानिवृत्ति के बाद 18 वर्ष प्राइवेट जे के सीमेंट वर्क्स निंबाहेड़ा (चित्तौड़गढ़) की डिस्पेंसरी में कंपाउंडर रहे। अब गांव पहाड़पुर में अपने तीन लड़के व एक लड़की को पैरों पर खड़ा करने और समस्त सभी सामाजिक दायित्व को निभा रहे हैं। उनकी पत्नी श्रीमती शांति देवी का निधन 26 फरवरी 2006 को 57 वर्ष की आयु में हो गया। आपका एक लड़का राकेश फौज की नौकरी में है तथा एक रोहतास कुमार फौज से सेवानिवृत्ति लेकर घर आकर पारिवारिक जिम्मेदारी निभा रहे हैं। तीसरा लड़का हरमोहन एक्सीडेंट के बाद गृह कार्यों में मददगार बना हुआ है।
आपकी दो बहने हैं: 4. श्रीमती परमेश्वरी देवी, 5. श्रीमती रामीदेवी
4. श्रीमती परमेश्वरी देवी (15.10.1928) पत्नी स्वर्गीय बीरबल राम पूनिया गांव डाबडी तहसील भादरा हनुमानगढ़। अपने दो लड़कों में 4 लड़कियों के परिवार में स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रही हैं।
5. दूसरी बहन श्रीमती रामीदेवी (12.6.1944) पत्नी श्री बनवारी लाल पूनिया, गांव मांगला वाया राजगढ़ चूरू खेती में पशुपालन के सहारे चार लड़के व तीन लड़कियों को पैरों पर खड़ा कर सामाजिक दायित्व निभाते जीवन निर्वाह कर रहे हैं।
ओंकार सिंह चाहर का विवाह और परिवार : आपका विवाह गांव भंवरिया तहसील डेगाना, नागौर, के मूलनिवासी हरदीन राम रिणवा की सुपुत्री मीरा देवी के साथ 25 जून 1953 को हुआ, मुकलावा 21 जून 1954 को हुआ। इस शादी का श्रेय श्रीराम जीवन रोज छोटी खाटू नागौर को जाता है।
आपके तीन लड़के हैं:
1. श्री राम निवास चौधरी (13.8. 1956) M.Sc., M.Tech., डिप्टी जनरल मैनेजर ओएनजीसी दिल्ली से 31 अगस्त 2016 को सेवानिवृत्त हुए।
- राम निवास चौधरी की एक लड़की सुप्रिया चौधरी BE (कंप्यूटर) 26.8.1983 की शादी यश मेहता (20.7.1984) BE,MBA, के साथ 24 फरवरी 2011 को हुई। पहले दोनों बहुराष्ट्रीय कंपनी गुडगांव में थे और अभी आस्ट्रेलिया में सेवारत हैं।
2. दूसरा लड़का श्री ओम प्रकाश चौधरी (14.7.1964) B.Sc., MCA, BMA है जिसकी शादी अल्केश चौधरी (7.6. 1964) एमए, के साथ 16 मई 1989 को हुई। जो अमेरिका व भारत में अपनी फर्म Opal Soft Inc. Sanjose USA द्वारा सॉफ्टवेयर के व्यापार के साथ-साथ अपनी संस्कृति के प्रचार से भारत का नाम रोशन कर रहे है।
- ओम प्रकाश चौधरी का लड़का अनिरुद्ध (2.8.1991) MBA पूरी पढ़ाई कर अमेरिकी कंपनी में सर्विस कर रहा है।
- ओम प्रकाश चौधरी की लड़की कुमारी अनंदीत MBA (USA) 9 जुलाई 1996 अमेरिकन यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत है। दोनों देशों के नाम रोशन कर रहे हैं।
3. तीसरा लड़का वेदप्रकाश चौधरी एमए एलएलबी 31 मार्च 1971 पत्नी श्रीमती जया एमए एसटीसी 5 जून 1978 का विवाह 4 दिसंबर 1998 को हुआ। लड़की मणिका 7 नवंबर 2004 कक्षा 7 में वह लड़का रुद्र 23 जुलाई 2007 कक्षा 5 में अध्ययनरत है। श्रीमती जया अध्यापिका 2005 से व वेद प्रकाश चौधरी 22 दिसंबर 1995 से सांख्यिकी सहायक नागौर से शुरू कर वर्तमान में सांख्यिकी अधिकारी जोधपुर के 121 रूप रजत टाउनशिप में निवास कर रहे हैं।
बैंक ऑफ बीकानेर में नौकरी
बैंक ऑफ बीकानेर में नौकरी: गांव पहाड़सर में बचपन बीता और गाँव की स्कूल से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद पिताजी हीरासिंह चाहर के कार्यक्षेत्र मारवाड़ के नागौर बोर्डिंग हाउस में रहकर मिडिल तक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद संगरिया के ग्रामोत्थान विद्यापीठ से मैट्रिक की परीक्षा 1950 में पास की। बैंक ऑफ बीकानेर, नागौर, में गोडाउन कीपर की सर्विस 16 अक्टूबर 1950 से शुरू की। उसके बाद प्रमोशन होते गए और अंत में शाखा प्रबंधक खेरवाड़ा उदयपुर (1971 - 1976) रहे। उसके बाद राजस्थान के विभिन्न शहरों व कस्बों की शाखाओं में पदस्थ रहे तथा 30 नवंबर 1989 को अंचल कार्यालय जोधपुर से 39 वर्षों की सेवा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत्त हुए। इस दौरान 8 वर्षों का गोल्डन पीरियड भीलवाड़ा में बीता।
समाज सेवा
ओंकार सिंह चाहर अपने सभी सामाजिक दायित्वों को पूरा करने के बाद अपने पिता हीरासिंह चाहर से विरासत में मिली समाज सेवा को अपना मुख्य उद्देश्य समझकर समाज में जनजागृति के अभियान को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं के प्रचार-प्रसार में लगकर वह सामाजिक महत्व के लेख प्रकाशित कर समाज में चेतना के अग्रदूत बन गए हैं। सामाजिक पत्रिकाओं में मुख्यत: जाट समाज पत्रिका, जाट बंधु मासिक आगरा, ग्राम बजट पाक्षिक जयपुर, जाट ज्योति दिल्ली, विश्व जाट गौरव दिल्ली, सूरज सुजान दिल्ली, जाट परिवेश लाडनू नागौर, जाट रत्न रोहतक, जाट वीर ग्वालियर, निरामय जीवन जोधपुर आदि सभी के आजीवन सदस्य हैं।
स्वर्गीय हीरा सिंह मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना: चौधरी हीरा सिंह की यादगार को कायम रखने हेतु उनके आश्रितों द्वारा 2001 में उक्त ट्रस्ट की स्थापना ग्राम डाबड़ी तहसील भादरा हनुमानगढ़ में की गई थी जिसके अंतर्गत समय-समय पर सामाजिक सेवा के कार्यक्रम आयोजित कर समाज के कमजोर निचले तबके के लोगों के स्वास्थ्य शिक्षा व सामाजिक महत्व के क्षेत्र में लाभ पहुंचाया जा रहा है।
सामाजिक संस्थाओं से जुड़ाव: आप अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। निम्न मुख्य सामाजिक संस्थाओं के सदस्य के रूप में भाग लेते हैं:
- वीर तेजा मंदिर शिक्षण संस्थान, भगत की कोठी जोधपुर
- जाट समाज संस्थान, जोधपुर
- श्री बलदेव राम मिर्धा ग्रामीण शिक्षण संस्थान, जोधपुर
- जाट मंदिर समिति पुष्कर, अजमेर
- जाट समाज कल्याण परिषद, ग्वालियर
- विश्व आर्यन फाउंडेशन, दिल्ली
- अखिल भारतीय जाट धर्मशाला, हरिद्वार
सामाजिक संस्थाओं में भागीदारी:
- महासचिव राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन नई दिल्ली (राजस्थान राज्य)
- उपाध्यक्ष किसान यूनियन जिला जोधपुर इकाई
- संरक्षक जाट गौरव अहमदाबाद
- आजीवन सदस्य जाट कीर्ति संस्थान चूरू राजस्थान
- अध्यक्ष स्वर्गीय हीरासिंह चाहर मैमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट डाबड़ी हनुमानगढ़
- अध्यक्ष अखिल भारतीय जाट धर्मशाला ट्रस्ट हरिद्वार
- आजीवन सदस्य ऑल इंडिया रिटायर्ड बैंक एसोसिएशन
आप जन कल्याण सेवाओं के अंतर्गत भारतीय जीवन बीमा निगम जोधपुर प्रथम शाखा में अभिकर्ता के रूप में मार्च 1995 से जुड़े। आम जनता को बीमा संबंधी योजनाओं की जानकारी देकर लाभान्वित करने में अहम भूमिका निभाई।
आप सभी प्रकार के व्यसनों से कोसों दूर रहते हैं। अति परिश्रमी, धैर्यवान, विविध धर्मों के विश्वासी, मिलनसार, प्रेम, शांति, अहिंसा के समर्थक, स्त्री शिक्षा व शक्ति करण के पक्षधर, समाज सेवा, विचारक पत्रकार, समाज में सर्वांगीण विकास कार्य में बढ़-चढ़कर भागीदार बनना, दृढ़ संकल्पी, चरित्रवान, ईमानदार जैसे शब्दों का पालन कर उन्हें व्यवहारिक जीवन में उतारने के इच्छुक, सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत पर चलते, व्यस्त मस्त रहो के अनुकूल जीवन ढाल सुखी जीवन, बिना टेंशन जीवन जीने का आनंद लेते, कर्मठ कार्यकर्ता की आने वाले हैं। पहचान रखने वाले घर परिवार के हर कार्य में जिम्मेदारी के एहसास के साथ समाज के हर छोटे-बड़े का आदर सम्मान में लीन हैं।
समाज तो भविष्य में आप से अनेक आशाएं जुड़ी हैं। आपका यह प्यार, स्नेह, मार्गदर्शन चिरस्थाई की उम्मीद के साथ अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को उत्साहवरदक और प्रेरणास्पद रहेगा।
सम्मान
- राजस्थान जाट महासभा जोधपुर द्वारा जाट समाज सेवा सम्मान 2003
- दूसरा विश्व जाट जागृति सम्मेलन तालकटोरा दिल्ली 2004
- राजस्थान आदर्श जाट महासभा पुष्कर में समाज सेवा सम्मान 29 मई 2007
- आल इंडिया रिटायर्ड बैंक एम्प्लोयीज असोसियेशन एसबीबीजे 6 जनवरी 2009
- वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान जोधपुर वृद्धजन सम्मान 1 अक्टूबर 2016
विदेश यात्रा: आपके पुत्र ओमप्रकाश चौधरी ने अपने माता-पिता को अमेरिका भ्रमण हेतु बुलाया जिसका पूरा खर्चा आने जाने का किराया, वहाँ घुमाने का पूरा खर्चा बहन किया। ये यात्राएं वर्ष 1996, वर्ष 2005 वर्ष एवं 2015 में की गईं।
संदेश: युवाओं को संघर्षरत रहने, नशा-वृति से दूर अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्ण समर्पित सजग रहते, गरीब कमजोर और शोषित वर्ग की सहायता, समाज को संगठित करना, समाज के संगठन को मजबूत कर भाईचारा, सहयोग की भावना, जनसंख्या नियंत्रण, बेरोजगारी मिटाने, तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा, कृषि के साथ अन्य व्यवस्थाओं का अपनाना आदि के विकास कार्यों में परिवर्तन लाने में युवाओं को आगे आना होगा। जिससे शिक्षित समाज की आने वाली पीढ़ी के लिए स्वर्णिम भविष्य होगा।
वर्तमान पता: ओंकार सिंह चाहर, छ-5, भगत की कोठी विस्तार योजना, पाली रोड जोधपुर (राजस्थान)। पिन:342005, मोबाइल 9001064615
सौजन्य: दयानन्द चौधरी, जगतपुरा जयपुर (राजस्थान), Mob: 9953840001 एवं जाट कीर्ति संस्थान चुरू द्वारा प्रकाशित उद्देश्य-2, जून-2013 के पृष्ठ 141 पर छपे लेख पर आधारित। इस लेख में दिये गये चित्र श्री ओंकार सिंह चाहर के पुत्र श्री राम निवास चौधरी द्वारा ईमेल से उपलब्ध कराये गए हैं। (Email: Ram Niwas Choudhary<ramniwasc@yahoo.com>)
Gallery
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Smt Madi Devi Wife of Hira Singh Chahar
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Onkar Singh Chahar
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Hazari Lal Chahar: Brother of Onkar Singh Chahar
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Onkar Singh Chahar's family
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Onkar Singh Chahar's sons and family
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Onkar Singh Chahar with wife Meera Devi
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Onkar Singh Chahar, his son Ram Niwas Choudhary & Om Prakash Choudhary and family
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Onkar Singh Chahar with his three sons
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Om Prakash Chahar & his wife Alkesh
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Om Prakash Choudhary with ex. Chief of Indian Army General Dalbir Singh Suhag
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O P Chahar & his family with Ashok Gehlot, Ex.CM Rajasthan
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O P Chahar with D R Mehta, Ex. Chairman, SEBI & Dy. Governor RBI
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O P Chahar with family at Harward, from where he graduated
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Om Prakash Chahar with his wife, son and daughter
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Onkar Singh Chahar's sons: 1.Ram Niwas Choudhary, 2.Om Prakash Choudhary, 3. Ved Prakash Choudhary
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Onkar Singh Chahar's son Ram Niwas Choudhary and his daughter Supriya
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Ram Niwas Chaudhary with his son on graduation
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Supriya Choudhary & her husband Yash Mehta
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Ved Prakash Chahar with his wife & children
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OP Choudhary and Family
References
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