Kirthal

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Kirthal (किरठल) (also Kirtal, Kirttal, Kirtthal) is a large village in Chhaprauli tahsil of Baghpat district in Uttar Pradesh.

Location

Its PIN Code is Kirthal-250617. STD Code - 01234. It is situated 20km away from Baraut town and 38km away from Baghpat city. Kirthal village has got its own gram panchayat. Asara, Hewa and Kakripur are some of the nearby villages.

चौहान खाप

18. चौहान खाप - उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत में चौहान वंशी लाकड़ा गोत्र के जाटों के 5 गांव रमाला, किरठल, लूम्ब, तुगाना और असारा बसे हुए हैं. यहां के लोग अपने को चौहान लिखते हैं और इन 5 गांवों की यह चौहान खाप है. इस खाप का मुख्यालय रमाला गांव में है. इस खाप के गांव तुगाना की बड़ी चौपाल से भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पहली बार हथकड़ी लगी थी. इसी खाप पर गांव किरठल में उत्तरी भारत का प्रसिद्ध गुरुकुल है. यह खाप पृथ्वीराज चौहान की वंशज है. असारा गांव अब मूले जाटों की श्रेणी में आता है. राधेश्याम चौहान (जाट गरिमा पत्रिका के प्रकाशक), अपूर्व कुमार आईएएस किरठल के हैं तथा लेखक (डॉ ओमपाल सिंह तुगानिया) भी इसी खाप से संबंध रखते हैं.[1]

आर्य महाविद्यालय को दान

ठाकुर देशराज[2] (1949) ने लिखा है ....स्वामी परमदास जी - [पृ.489]: रेवाड़ी फुलेरा रेलवे कार्ड लाइन पर भैंसलाना एक स्टेशन है। स्टेशन से पश्चिम की ओर मंढ़ा एक गाँव है। यहीं पर दादू संप्रदाय के साधुओं का एक मठ है। स्वामी परमदास जी इसी मठ के अंतिम जाट महंत थे। आप तीन भाई थे। बालदास जी, जयरामदास जी और परमदास जी। तीनों ही भाइयों ने संत रहते हुए जाट कोम की भारी सेवा की है।

स्वामी बालदास जी ने चौधरी हरलाल सिंह अलवर को श्रीमाधोपुर के पास जाटों में शिक्षा प्रसार के लिए रुपए देकर मदद की किंतु का वह काम पूरा नहीं हुआ।

जयरामदास जी जयपुर में ही समस्त भारत के जाटों में 20 वीं सदी के अद्वितीय पंडित और चिकित्सक है। आपने बीसियों हजारों की रसायने और काष्ठादिक औषधियां अपने पीछे छोड़ी थी। आपको इतिहास से बड़ा प्यार था। राजस्थानी जाटों के बारे में कई महत्वपूर्ण खोजें की थी। पूरा जीवन परिचय साधुमना चौधरी रीछपाल सिंह जी धमेडावासी ने लिखा है जो प्रकाशित हो चुका है।

अपने दोनों भाइयों के मरने पर स्वामी परमदास जी अपने मठ और गद्दी के मालिक हुए। वह बहुत कम पढ़े लिखे थे किंतु उनकी रुचि जाट कौम के हित के लिए अद्वितीय थी। उन्होंने अपने भाई की तमाम संपत्ति (औषधालय) जाट महासभा और किरथल आर्य महाविद्यालय को दान कर दी और अंतिम दिनों में तो उन्होंने अपना शरीर भी किरथल महाविद्यालय को दे


[पृ.490]: दिया। उन्हें गीता से अत्यंत प्रेम था। वह उनकी प्रिय पुस्तक थी उसके प्रचार पर जोर दिया था।

Prominent persons and Institutes

This place is known for Arya Mahavidyalaya, Kirthal. Initially in this school of Sanskrit language, there were only five students. Two among them were Raghuvir Singh Shastri and Dharmvir. The social service and efforts by Acharya Jagdev Sidhanthi led to its upgradation to the status of present College.

Jat Gotras

History

Population

Population of Kirthal according to Census 2011, stood at 12,634 (Males : 6928, Females : 5706).[3]

Book on Kirthal

डॉ यशपाल सिंह द्वारा रचित पुस्तक कीर्तिमान किरठल में ग्राम आंचल की गतिविधियां वर्णित हैं. यहां के उद्दात नागरिकों ने राजनीतिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक आदि समस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय प्रभाव को गतिमान किया तथा सार्वजनिक स्तर पर देश हित के लिए अपना सर्वस्व निछावर किया. उनका परिचय इस पुस्तक में लिपिबद्ध किया गया है. इस पुस्तक में किरठल के प्राचीनतम इतिहास को अत्यंत रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है.

Notable persons

  • Apoorva Kumar Singh: IAS - 1991 batch, Haryana Cadre, At Chandigarh now, FroM: Kirthal, Tehsil Baraut, Distt Baghpat, UP M: 9878288490
  • Mahakavi Balbeer Singh Karun (s/o Ch. Aman Singh, mohalla - Patti Khediwal, Kirthal, 9024708034) is an international famous poet of Hindi, published more than 26 books, including - Deeg Ka Jouhar ' Veer Gokula ' Dronacharya etc. And, his son Kavi Vineet Kumar Chauhan is also a well known international veer-ras poet (9414016168). At present, this family is living in Alwar (Raj).
  • Vineet Kumar Chauhan - Poet. son of Mahakavi Balbeer Singh Karun
  • Seema Dhaka Delhi - दिल्ली पुलिस में सिपाही पद पर तैनात Seema Dhaka ने 3 महीने में 76 गुमसुदा बच्चो को उनके परिवार से मिलवाया और दिल्ली पुलिस ने इस उपलक्ष्य में सीमा को सिपाही से ASI तैनात कर दिया.
  • (Late) Vedpal Verma Shastri (Lakra Gotra in Chauhan clan)— Born in Kirthal, Baghpat. Settled in Shahpur, Muzaffarnagar. Served as a lecturer of Sanskrit in Rashtriya Inter College, Shahpur, Muzaffarnagar. Was an active member of Arya Pratinidhi Sabha, Lucknow. Author of “Ved mein Kya aur Kahan”. Had been very active socially during his life span (in Muzaffarnagar & surrounding areas) and also served as a prachaarak of Arya Samaj, Veds and Swami Dayanand Saraswati.
  • SP Singh Builder
  • Adv Narender Singh MLA MLA 5 Times Chhaprauli
  • Gajendra Kumar Munna MLA Chhaprauli 1996

Gallery

External links

References


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