Mirdha

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Baldev Ram Mirdha

Mirdha (मिर्धा)[1][2] Mirda (मिरदा)[3] is title of Jats found in Jodhpur region of Rajasthan. Dilip Singh Ahlawat has mentioned it as one of the ruling Jat clans in Central Asia. [4] Mardan/Marda/Mardi clan is found in Afghanistan.[5] The Gotra of Mirdhas is Rad.

Origin

Jat Gotras Namesake

Jat Gotras Namesake

History

Maradha (मरधा) is a Mahabharata Tribe mentioned in 'geography' (VI.10.65).[7] The Mahabharata Tribe - Maradha (मरधा) may be identified with Jat Gotra - Mirdha (मिर्धा) found in Jodhpur region of Rajasthan.

Marudha (मरुध) were Defeated by Sahdeva in the south (II.28.7), they may be the Madhka in Yudhisthira's army. Both 'Maru' and 'Mada' are found in inscriptions; could refer to Jodhpur and Jaisalmer states (modern Marwar). Marudhanva is a term for desert and Marudha may, derive from it.

Bhim Singh Dahiya[8] writes that Mardha or Mirdha are the same as the Mardi of Herodotus and Amardi of Strabo. The word Mardi means “ Heroes”. Alexander defeated them in 330 B.C. between persepolis and the Persian Gulf. [9] [10] The Mileds are the same as Mardic of Herodotus, the Marda Jats.

They are also to be compared with Mridi (a man) after whom the city of Mardeyapura is named. [11] Mahabharata mentions Amartha, as a Janapada (country)' [12]

According to H. W. Bellew[13], Mardi have been recognised in the Dahi Marda Hazarah in Afghanistan, who are a free people, extends as far as the Baktri.

मिर्धा (राड़) का इतिहास

मिर्धा (राड़) जाटों के बही भाट रावजी श्री पुखराज पुत्र श्री बंशीलाल जी निवासी हरसोलाव तहसील मेड़ता जिला नागौर राजस्थान ने बताया कि श्री बलदेव राम जी साक्षात भगवान शिव के अवतार के रूपमें अवतरित हुए।उनके सभी ग्रुण महान थे वे बड़े शुरवीर, दयालू, दानी, कर्तव्यनिष्ठ, निङर एव अडिक व्यक्तित्व के धनी थे। जरुरतमदों व गरीबो के तो दास थे। वे गरीबाें ,किसानों,असहायो के दुःख दर्द से भली भांती परिचित थे तथा उनकी सहायता में हमेशा तत्पर थे। उनके बारे में मारवाड़ में दौहा प्रचलित है:-

अन्दारो इण देश में,मरूधर रा लोगां मांय।
उगो सुरज उणवार,राड़ वंश बलदेव।।
जागीरियां कर जपत,हियो शुत्रआं पर शेर।
बांकारा भळ काढिया,बहादूर हुयो बलदेव।।
कर कमेटी कानून से,जब्बर जित्यो जंग।
जलम दिमो धीन जाटणी,रंग है बलदेव रंग।।

इतिहास के अनुसार राड़ वंशी जाट महान नागवंशी यौद्वा पड़िहार खांप के क्षेत्रिय हैं जिन्होंने सदियों तक स्वाभिमान के साथ शासन किया व देश की आन बान व शान की रक्षा विःसं.११२० तक करते रहे।इस समय तक क्षेत्रियों के अधिकार कुछ के हाथ में चले गये।क्षात्र धर्म से विलासिता बढ रही थी।इससे परेशान क्षेत्रिये पलायन करने लगे और आपके पूर्वजो ने मण्डोर मारवाड़ से आगे बढकर आपके पूर्वजों ने मनाणा खेड़ा बसाया।इनके पूर्वज मेंदाजी के चरित्र व शक्ति के बारे मे यह दौहा है:-

मेन्दो राड़ मनाणेवालो,ज्याने जाणे दिल्लीवालो।
मेन्दा राड़ की मोचड़ी ,सौ दातांरां को मोल।।

(दिल्ली वालो-बादशाह,मोचड़ी-जूता,दातार-जागीरदार)

श्री बलदेव राम जी के पिता मगंलाराम जी माता का नाम लादी देवी था।आपका जन्म विं सं १९४५ माघ बदी तीज को बलाया में हुआ। आपका विवाह वि सं १९६८ बैसाख सुदी तीज को माडी देवी डिडेल गांव डेहरू । माडी देवी की कोख से रामनिवास जी मिर्धा का जन्म हुआ। अन्य जानकारी तो आपको उपलब्द है । इस महान आत्मा को हम सत् सत् नमन् करते है। राजस्थान के समस्त भूमि धारक आपके पिढी दर पिढी याद रखेगे ।आपने निशुल्क किसान जिस जमीन को जोतता था उसे मालिकाना हक दिलाया लेकिन चालाक नेहरु ने उन्हे देह खाते दार बना दिया।किसानों को जारिदारों के चूंगल से आजाद किया।इस काम में तत्कालिन किसान हितेशी नाथूराम राम जी मिर्धा,कुम्भा राम जी आर्य,दौलत राम जी सहारण व उस समय के नेताओ का अविस्मरिय योगदान को नहीं भूलाया जा सकता ।उन सभी आत्माओ को हम सब का नमन।

स्रोत: रामप्रसाद मुण्डेल।

Distribution in Rajasthan

Locations in Jaipur city

Bagruwalon ka Rasta, C Scheme, Lalkothi, Mansarowar Colony, Shastri Nagar, Tonk Road, Vidyut Nagar,

Villages in Jodhpur district

Boyal, Jodhpur, Sevki Khurd, Subdand,

Villages in Nagaur district

Agrot, Doodoli, Kalyanpura, Kuchera, Sindhlas,

Villages in Hanumangarh district

Hanumangarh,

Notable persons

  • Ram Chandra Mirdha (born:18.9.1989 - ) (मास्टर रामचंद्र मिर्धा), from Kuchera (कुचेरा), Nagaur, was a Social worker in Nagaur, Rajasthan. [14]
  • Ram Kishor Mirdha (राम किशोर मिर्धा), from Kuchera (कुचेरा), Nagaur, was a social worker in Marwar, Rajasthan.[15] He is son of Ram Chandra Mirdha. He was a journalist and editor of Lok-Sudhar.
  • राम नाथ मिर्धा, कुचेरा- मारवाड़ जाट कृषक सुधार सभा की प्रबंधकारिणी और कार्यकारिणी में रहकर आप ने जाट जाति की सेवा करके अपने को कृतार्थ किया है। [16]
  • Randheer Mirdha: RJS batch 2002, Add. Chief metropolitan magistrate-5 at Jaipur, from Nagaur, M: 9414284976

References

  1. B S Dahiya:Jats the Ancient Rulers (A clan study), p.241, s.n.146
  2. O.S.Tugania:Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu,p.56,s.n. 2062
  3. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. म-46
  4. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter IV, p.342
  5. An Inquiry Into the Ethnography of Afghanistan,H. W. Bellew, p.169
  6. V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.356
  7. तदैव मरधाश चीनास तदैव दश मालिकाः कषत्रियॊपनिवेशाश च वैश्यशूथ्र कुलानि च (VI.10.65)
  8. Jats the Ancient Rulers (A clan study)/The Antiquity of the Jats, p.298
  9. Rawlinson , op. cit. vol. I. P. 338
  10. Bhim Singh Dahiya, Jats the Ancient Rulers ( A clan study), p. 287
  11. Panini, VI, 2, 101
  12. Mahabharata , 6 / 9 / 94
  13. An Inquiry Into the Ethnography of Afghanistan, p.169
  14. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.180-181
  15. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.217
  16. Thakur Deshraj: Jat Jan Sewak, 1949, p.210
  17. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.218
  18. Kisan Chhatrawas Bikaner Smarika 1994, p.130, sn 308

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