Sarawag

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Sarawag/ Saravag (सरावग) Saravagi (सरावगी)[1] Saravgi (सरावगी) [2] Sarvag (सर्वाग)[3] Saraogi/Sarawagi (सरावगी) gotra Jats found in Rajasthan. [4] Sarawag is a Gotra of the Anjana Jats in Gujarat.

Origin

Sarawag (सरावग) clan is probably descended from Sarvaga (सर्वग), son of Bhima, of the period of Mahabharata.

History

The Puranic texts mention the janapada Hamsamarga in Northern and Himalayan region and Sarvaga (Himalayan only) in Matsya Purana Chapter 14.[5]


In the history of Vijayvargiya community we find mention that their ancestral person was Dhanapala, minister of Khanga Chauhan, Maharaja of Khandela. Dhanapala had four sons:Bija, Mahesh, Khandu and Sunda. These four persons were originators of four clans:


गणेश बेरवाल[7] ने लिखा है कि राजगढ़ के बारे में सरकारी गज़ट में अंकित है कि यह महान थार रेगिस्तान का गेट है, जहां से होकर दिल्ली से सिंध तक के काफिले गुजरते हैं। 1620 ई. के पहले यहाँ प्रजातांत्रिक गणों की व्यवस्था थी जिसमें भामू, डुडी, झाझरिया, मलिक, पूनीयां, राडसर्वाग गणतांत्रिक शासक थे । जैतपुर पूनीया गाँव था जहां से झासल, भादरा (हनुमानगढ़) तक का बड़ा गण था। जिसका मुख्यलय सिधमुख था। गण में एक ही व्यक्ति सिपाही भी था और किसान भी। लड़ाई होने पर पूरा गण मिलकर लड़ता था। राठोड़ों की नियमित सेना ने इनको गुलाम बनाया।

In Mahabharata

Adi Parva, Mahabharata/Mahabharata Book I Chapter 95 mentions Sarvaga (सर्वग) son of Bhima in verse (I.90.84). ...."Bhima also obtaining for a wife Valandhara, the daughter of the king of Kasi, offered his own prowess as dower and begat upon her a son named Sarvaga.[8]

Sarawag (सरावग) clan is probably descended from Sarvaga (सर्वग), son of Bhima, of the period of Mahabharata.

Distribution in Rajasthan

Sarawag (सरावग) Jats live in Sikar district of Rajasthan.

Villages in Churu district

Binasar, Boontiya, Kanawasi, Dhani Mauji, Dokwa, Rajgarh, Taranagar,

Villages in Sikar district

Chudi Miyan,

Villages in Hanumangarh district

Sarawag (सरावग) Jats live in villages: Meghana,

Villages in Jhunjhunu district

Shyampura Jhunjhunu, Lalpur

Villages in Jalor district

Mohiwara,

Notable persons from this gotra

  • Ramanand Sarawag - From Dhani Mauji, presently at Sadulpur, Vice-President, Rajasthan Teacher's Association, Churu. His daughter Punam selected for the post of Lecturer through RPSC, daughter Vasundhara in MBBS PG, son IIT Delhi. Mob:9460075579[9]
  • Shyam Choudhary Sarawag - From Meghana, Nohar,Mob 9462028619 Hanumangarh, Rajasthan. Journalist & personal assistant of Smt. Suchitra Arya EX-MLA, AICC-Member Daughter in law late. Kumbha Ram Arya.(श्रीमती सुचित्रा आर्य पुत्रवधू - चौधरी कुम्भाराम आर्य जी )
  • दलीप सरावग: गाँव बूटिया जिला चुरू में 15 जुलाई,1976 को माता श्रीमती सावित्री सरावग की कोख से जन्मा एक किसान पिता की संतान. माता पिता ने बचपन से ही व्यवहारिक ज्ञान की शिक्षा देते हुए संस्कारित किया कि अपने पूर्वजों और समाज के मान सम्मान हेतु कार्य करना चाहिये. चूरू शहर के संस्थापक श्रद्धेय चुहरू जाट, स्वामी गोपालदास जी, यति श्री ऋधकरण जी, संत भानी नाथ जी,चौधरी कुम्भाराम आर्य जी के महान कृतित्व को उभारना इन्होंने अपनी जीवनचर्या का हिस्सा बना लिया है. 4 मार्च,2005 से राजकीय सेवा में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. कुम्भाराम आर्य किसान फाउंडेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष, जाट कीर्ति संसथान चूरू के संगठन महासचिव सहित अनेक सामाजिक प्रकल्पों से जुड़े हैं. चूरू में जन जागृति के प्रणेता स्वामी गोपालदास जी के नाम पर वार्षिक स्वामी गोपालदास पुरस्कार शुरू किया है.
  • निकिता सरावग: गाँव बूटिया जिला चुरू. दलीप सरावग की बेटी निकिता सरावग ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की माध्यमिक परीक्षा 2018 में 98.83 प्रतिशत अंक प्राप्त कर समाज को गौरवान्वित किया.

External links

References

  1. O.S.Tugania:Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu,p.60, s.n. 2347
  2. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. स-111
  3. Ganesh Berwal: 'Jan Jagaran Ke Jan Nayak Kamred Mohar Singh', 2016, ISBN 978.81.926510.7.1, p.2
  4. Mahendra Singh Arya et al: Adhunik Jat Itihas, p. 284
  5. Misra, Sudama (1973). Janapada state in ancient India. Vārāṇasī: Bhāratīya Vidyā Prakāśana. p=306-321
  6. पीपुल्स समाचार:भोपाल, 28 सितम्बर 2010
  7. Ganesh Berwal: 'Jan Jagaran Ke Jan Nayak Kamred Mohar Singh', 2016, ISBN 978.81.926510.7.1, p.2
  8. "भीमसेनॊ ऽपि काश्यां बलधरां नामॊपयेमे वीर्यशुल्काम, तस्यां पुत्रं सर्वगं नामॊत्पादयाम आस (I.90.84)
  9. 'Jat Privesh', June 2015,p. 25

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