Daria
Daria (दड़िया) Daria (डारिया) Dariya (डरिया)[1] Dadiya (डाडिया) is a gotra of Jats found in Rajasthan and Madhya Pradesh. It is variant of Dara (डारा). They were supporters of Tomar Confederacy. [2]
Origin
They are said to be descendants of Dadimsi (दाडिमसी). Nain, Nyol, Dadiya and Kothari have descended from Common ancestor and have brotherly relations.[3]
Jat Gotras Namesake
- Daria = Daremæ (Pliny.vi.34)
Mention by Pliny
Pliny[4] mentions Troglodytice....We learn also from the same author that some nations of the Troglodytae have the name of Therothoæ28, being so called from their skill in hunting. They are remarkable for their swiftness, he says, just as the Ichthyophagi are, who can swim like the animals whose element is the sea. He speaks also of the Bangeni, the Gangoræ, the Chalybes, the Xoxinæ, the Sirechæ, the Daremæ, and the Domazames.
28 Apparently meaning in the Greek the "jackal-hunters," θηροθῶες. For an account of this animal, see B. viii. c. 52, and B. xv. c. 95.
History
इतिहास
ठाकुर देशराज [5] ने लिखा है ....चौधरी हरिश्चंद्र जी ने अपने वंश का परिचय देने और अपने जीवन पर प्रकाश डालने के लिए “मेरी जीवनी के कुछ समाचार”, "संक्षिप्त जीवनी", और “मेरी जीवन गाथा” नामों से तीन प्रयत्न किए गए हैं। यह प्रयत्न जिस उत्साह से आरंभ किए गए हैं उससे पूरे नहीं किए गए हैं। मानो यह काम इन्हें बोझिल सा जंचा। ठाकुर देशराज को उनका यह अधूरा प्रयास भी बहुत सहारा देने वाला सिद्ध हुआ। उनके लेखानुसार उनका गोत्र नैण है। जो उनके पूर्व पुरुष नैणसी के नाम पर प्रसिद्ध हुआ। नैण और उनके पूर्वज क्षत्रियों के उस प्रसिद्ध राजघराने में से थे जो तंवर अथवा तोमर कहलाते थे। और जिनका अंतिम प्रतापी राजा अनंगपाल तंवर था।
ठाकुर देशराज [6] ने लिखा है ....तंवरों ने दिल्ली को चौहानों के हवाले कर दिया था क्योंकि अनंगपाल तंवर नि:संतान थे, इसलिए उन्होने सोमेश्वर के पुत्र पृथ्वीराज चौहान, जो कि उनका दौहित्र था, को गोद ले लिया था। हांसी हिसार की ओर जो तंवर गए थे उनमें से कुछ ने राजपूत संघ में दीक्षा लेली और जो राजपूत संघ में दीक्षित नहीं हुये वे जाट ही रहे। नैणसी और उनके तीन भाई नवलसी, दाडिमसी, कुठारसी भी जाट ही रहे। ये चार थम्भ (स्तम्भ) कहलाते हैं। नैणसी के वंशज नैण, नवलसी के न्योल, दाडिमसी के दड़िया, और कुठारसी के कोठारी कहलाए। चौधरी हरिश्चंद्र जी का कहना है कि मैंने इन तीन गोत्रों को पाया नहीं। ठाकुर देशराज ने इनमें से न्योल गोत्र के जाट खंडेला वाटी में देखे हैं। वहाँ के लोगों का कहना है कि दिल्ली के तंवरों में से खडगल नाम का एक राजकुमार इधर आया था उसी ने खंडेला बसाया जो पीछे कछवाहों के हाथ चला गया।
यह उल्लेखनीय है कि जाट लैंड पर इन चारों गोत्रों - नैण, न्योल, दड़िया और कोठारी की जानकारी उपलब्ध है। कृपया इन गोत्रों की लिंक पर क्लिक करें। [7]
Dariya Sai village
- दड़िया साई (जाट गोत्र - दड़िया) : दड़िया साई नाम का गाँव झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की चक्रधरपुर विकास-खंड में है।
Villages founded by Daria clan
Dariyon Ka Bas (दड़िया का बास) - village in Jhunjhunu tahsil & district in Rajasthan.
Distribution in Rajasthan
Villages in Jhunjhunu district
Villages in Nagaur district
Dadiya (डाडिया) is Gotra of Jats found in Nagaur district in Rajasthan.
Found in villages : Mandookara, Jawla Parbatsar,
Distribution in Madhya Pradesh
Villages in Narsinghpur district
Daria (दङिया) clan found in Narsinghpur,
Villages in Khargone district
Villages in Indore district
Villages in Ratlam district
Dadiya (डाडिया) is Gotra of Jats found in Ratlam district in Madhya Pradesh.
Found in villages: Hanumanpalia,
Notable persons
- Pran Singh Daria - Narsinghpur, Ph:07792-231790[9]
- Anurag Dariya - from village Dariyon Ka Bas, Jhunjhunu, Rajasthan. IAS-2012, Rank 589
- Dr. Arvind Kumar Dariya - village Dariyon Ka Bas, Jhunjhunu, AYUSH department
- Amara Ram Dadiya - शहीद अमराराम जी दड़िया (जावला) 18 फरवरी 2008 को छत्तीसगढ़ में नक्सलीयों से लौहा लेते हुऐ विरगती को प्राप्त हुऐ।
- Prem Sukh Dadiya - IAS (2022), Rank 486, From Jawla Parbatsar, Nagaur, Rajasthan. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा-2022 में 486 वीं रैंक हासिल करने पर सफलता प्राप्त करने वाले प्रेमसुख दड़िया, जावला (परबतसर) नागौर को हार्दिक शुभकामनाएं।
References
- ↑ डॉ पेमाराम:राजस्थान के जाटों का इतिहास, 2010, पृ.300
- ↑ Thakur Deshraj: Bikaneriy Jagriti Ke Agradoot – Chaudhari Harish Chandra Nain, 1964, p. 7
- ↑ Thakur Deshraj: Bikaneriy Jagriti Ke Agradoot – Chaudhari Harish Chandra Nain, 1964, p. 9
- ↑ Natural History by Pliny Book VI/Chapter 34
- ↑ Thakur Deshraj: Bikaneriy Jagriti Ke Agradoot – Chaudhari Harish Chandra Nain, 1964, p. 7
- ↑ Thakur Deshraj: Bikaneriy Jagriti Ke Agradoot – Chaudhari Harish Chandra Nain, 1964, p. 9
- ↑ Laxman Burdak (talk) 02:47, 31 July 2017 (EDT)
- ↑ User:Sk56
- ↑ Jat Vaibhav Smarika Khategaon, 2010, p. 50
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