Hansu Nehra

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Hansu Nehra was King of Nehra Gotra in lineage of Narpal Nehra. Hansu Nehra founded Hisar in 1263.

Variants

Genealogy

Genealogy oh Rao Hansu

Narapala Nehra (born:1073, Left Makrana and founded Narhar in 1115) → Nagraj (+Udaypal) → Harpal → Hardeo → Banbeer → Jugraj → Kheenvraj → Madaw Singh → Gopal → Kalu → Hansu Nehra (founded Hisar in 1263) (See - Harsawa)

History

Narpal Nehra (born:1073, founded Narhar: 1115) was a king of Nehra clan at Narhar in Jhunjhunu district of Rajasthan. His father Bahukapala had joined Chauhan Federation. Bahukapala's son Narapala Nehra left Makrana and founded Narhar town in 1115 AD in Jhunjhunu district of Rajasthan. One of Narpal's descendant Hansu Nehra founded Hisar in 1263.

हरसावा के नेहरा गोत्र की वंशावली में नरपाल

हरसावा के नेहरा गोत्र की वंशावली में नरहड़ के बसाये जाने का उल्लेख है. बाहुकपाल चौहान संघ में सम्मिलित हुए. संवत 1130 (=1073 ई.) में उनके लड़के नरपाल नेहरा हुए जिन्होने नेहरा गोत्र को प्रसिद्धि दिलवाई.

नरपाल नेहरा ने मकराना की धरती छोड़कर अपने नाम पर संवत 1172 (=1115 ई.) में गांव नरहड़ बसाया उनके लड़के दो हुए नगराज और उदय पाल. नगराज के बेटे हरपाल और मेव. हरपाल के छोटे भाई रायमल. हरपाल के हरदेव और बणबीर के जुगराज के रतन सिंह के खींवराज, कंवरपाल, कस्तूर. खींवराज के माधव सिंह के रिछपाल के गोपाल, रूपलाल और दुहड़. गोपाल के कालू के हांसू और बाढ़सिंह. हांसु ने संवत 1320 (1263 ई.) में हिसार बसाया.

हांसु के 14 लड़के हुये- 1. बड़े समुदर सिंह, 2. दुल सिंह, 3. चुण्डजी, 4. सोमसिंह, 5. बल्लू, 6. बुधपाल, 7. चोहिल, 8. भीव सिंह, 9. पदम सिंह, 10. माणक, 11. दे पाल, 12. लहरु, 13. काछु, 14. अमरथ सिंह. इनके नाम से 14 थाम्बा नेहरा जाटों के कहलाए. बादशाह गयासुद्दीन तुगलक (r. 1320-1325) से झगड़ा हुआ और झगड़े में राव हांसू वीरगति को प्राप्त हुए.

हिसार को छोड़कर हांसू के लड़कों ने गांव दहरोड़ बसाया.

1.बड़े समदर दहरोड से आकर गांव बाजोर में बस गए.

2.दुल सिंह के गांव बांठोद में बस गए व उनके वंशज फिर गांव हरसावानयाबास में बस गए. दुलसिंह के बेटे रणुराम और रड़मल हुये. रणु राम संवत 1370 (1313 ई.) में बांठोद आए. रणु राम के रावत के करणाराम के लोहडु, लाबू और लहरु राम हुये. लोहड़ू के धोलूराम के देव राम, रामू राम, दोराज और दूदू.

3.चुंडा राम के लड़के शहर पादु में बसे.

4.सोम सिंह के लड़के गांव लोदीपुर में बस गए.

5.बल्लू के लड़के गांव डसाना में बस गए.

6.बुधपाल के लड़कों ने गांव भूकाणा बसाया व दहरोड़ में रहे.

7.चोहिल ने गांव किठाना बसाया.

8.भीव सिंह के लड़कों ने गांव कोलशिया बसाया.

9.पदम सिंह के लड़के गांव नगली (?) में बस गए.

10. माणक के वंशज लांबा देवलास बस गए.

11. देपाल के वंशज गांव कांगणसर बस गए.

12.लहरू के वंशज ने गाँव कोलिया बसाया.

13. काछूजी वंशजों ने गांव सांवलोद बसाया.

14. अमरथ जी के एक लड़की हुई जिसने अपने नाम को प्रचलित रखने के लिए अपने पिता के सहयोग से गांव फोंगा बसाया जिनके वंशज फोगा जाट कहलाए. नहरा और फोगा जाटों में भाईचारे का संबंध है. इसलिए ही इन दोनों गोत्रों में अब तक कोई प्रकार की रिश्तेदारी नहीं हुई जो हिंदू धर्म की सामाजिक परंपरा के अनुसार उचित भी है.

(देखो - हरसावा)

External links

See also

References



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