Salkalan
Salkalan Tomar (सलकलान तोमर )[1][2] Salakalan Tomar (सलकलान तोमर ) Salaklan (सलकलान) Salakhlan (सलखलान) Salaklain (सलकलाइन तोमर)[3] Sarkalan (सरकलान)[4] Salkalayan (सलकलायन) Silkalan (सिलकलान)[5] is sub Gotra of Tomar Jats in Uttar Pradesh. [6] In Afghanistan,Sali/Sargala/Sargali stands for Salaklain, Jat. [7] Toor, Tomar and Salkalan are considered to be names of the same gotras. They were supporters of Tomar Confederacy. [8]
Origin
This is a sub gotra of Tomar gotra .It originated from ancestor named Salakpal (सलकपाल/सुलक्षण पाल ). They are Chandravanshi. [9] सुलक्षण पाल तोमर ने दिल्ली पर राज्य किया था।
Jat Gotras Namesake
- Salakalan = Sileni = Silae (Pliny.vi.23)[10]
तोमर वंश
दिल्ली सम्राट अनंगपाल द्वितीय को जो तोमर की उपाधि दी गई थी, बाद में वह विश्व प्रसिद्ध तोमर वंश में परिवर्तित हो गई. सुलक्षण पाल तोमर से सलखलान गोत्रीय जाट, कलश पाल तोमर से कलसलान गोत्रीय गुज्जर, तथा बलराम से बालान गोत्रीय जाटों की उत्पत्ति सिद्ध होती है. [11]
Salkin Village
- सल्किन (जाट गोत्र - सलकलाइन) : सल्किन नाम का गाँव झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की सोनुआ विकास-खंड में है।
History
Ram Swarup Joon[12] writes about Sulankhlan or Sulokhan : The ancestor of this gotra was one Sulkhyianpal Tanwar. After settling down near Delhi in village Samchana and Gorad they crossed the Yamuna and occupied the fertile land beyond it, while 84 villages are inhabited by this gotra.
तोमर गोत्र को दिल्ली के राजा सलअक्शपाल तोमर के नाम पर ही सलकलान कहते है इनकी खाप को देश खाप कहते जिसके नाम दो कारन से देश खाप है एक तो यह की सलअक्शपाल राजा के पुत्र देशपाल इस खाप के मुखिया थे । इनके नाम पर ही इस खाप का नाम देश खाप पड़ा है दूसरा यह खाप बहुत अधिक क्षेत्र में है जी को देश नाम से जानते इसलिए ही इनको देश वाले भी कहते है देश खाप कभी गुलाम नहीं रही किसी गैर राजा के अधीन नहीं रही | तोमर जाट ज्यादातर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत जिले में निवास करते है बागपत क्षेत्र में तोमर गोत्र के 84 गांवों हैं तोमर खाप इस क्षेत्र में देश खाप के रूप में जाना जाता है श्री सुखबीर सिंह के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह इस देश खाप के चौधरी के रूप में मनोनीत किया गया है 976 ई. में सलअक्शपाल तोमर दिल्ली (इंद्रप्रस्थ) के सिंहासन पर सत्तारूढ़ थे| उन्होंने 25 साल 10 महीने के लिए शासन किया| जब अपने भाई जयपाल के लिए 1005 में दिल्ली के राज सिहांसन छोड़ कर समचना चले गये कुछ समय बाद यमुना को पार कर के 1005 ई. में सलअक्शपाल ने समचना (आधुनिक रोहतक) को और फिर कुछ समय के बाद में यमुना नदी को पार किया और इस तोमर क्षेत्र का हिस्सा बन गया मेरठ गजट हमें बताता है कि जिले "मेरठ” महिपाल राजा के राज का हिस्सा था| जब राजा सलअक्शपाल तोमर इस क्षेत्र में आया था उसे के साथ 500 योद्धा थे जिनमें से 405 जाट थे,
They are mentioned as Sanakanika in Line-22 of Allahabad Pillar Inscriptions of Samudragupta, alongwith Khara, Kak, etc. - all Jat clans.[13] [14]
- (L. 22.)-Whose imperious commands were fully gratified, by giving all (kinds of) taxes and obeying (his) orders and coming to perform obeisance, by the frontier-kings of Samatata,Davaka, Kamarupa, Nepala,Kartripura, and other (countries), and by the Mālavas, Arjunāyanas, Yaudheyas, Madrakas, Abhiras, Prārjunas, Sanakanikas Kākas, Kharaparikas, and other (tribes);-
Salkalan is considered to be a sub gotra of Tomar Jats. Similarly Chabuk , Toor ,Kuntal are also a sub gotra of Tomars. Most of them are from Baraut region of Baghpat.
Distribution in Uttar Pradesh
Salkalan (सलकलान) gotra Jats are found in Muzaffarnagar district in Uttar Pradesh.
Villages in Muzaffarnagar district
Bamnauli, Madinpur, Muzaffarnagar
Villages in Meerut district
Kasampur Kheri, Budhpur (near Kasampur Kheri).
Villages in Aligarh district
Village in Moradabad district
Gwarou near Bilari,
Notable Persons
External Links
See also
References
- ↑ B S Dahiya:Jats the Ancient Rulers (A clan study), p.242, s.n.200
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. स-124
- ↑ O.S.Tugania:Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu,p.60, s.n. 2328
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. स-124
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. स-124
- ↑ Jat History Thakur Deshraj/Chapter VIII,s.n. 326, p.586
- ↑ An Inquiry Into the Ethnography of Afghanistan, H. W. Bellew, p.25,120,121
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III,p.192
- ↑ Mahendra Singh Arya et al: Adhunik Jat Itihas, p. 281
- ↑ Jat History Thakur Deshraj/Chapter V, p. 144
- ↑ Dr Ompal Singh Tugania, Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu/Gotra, p.6
- ↑ Ram Swarup Joon: History of the Jats/Chapter V, p. 103-104
- ↑ Indian Antiquity, Vol. II
- ↑ Bhim Singh Dahiya, Jats the Ancient Rulers (A clan study)/Jat Clan in India, p.258
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