Mumbai

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Author: Laxman Burdak IFS (R)
Jat Samaj Bhawan Mumbai

Mumbai (मुंबई) earlier known as Bombay is the capital of the Maharashtra. It is the most populous city in India, and the sixth most populous city in the world , with a population of approximately 20.5 million.

Variants

History

बंबई

विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है .....बम्बई, (AS, p.600) महाराष्ट्र: सोलवीं सदी तक मुंबई महानगरी छोटे-छोटे सात द्वीपों का समूह मात्र थी. प्राचीन ग्रीक भौगोलिकों ने इसी कारण इस स्थान को हेप्टेनिशिया (Haptenesia) या सप्तद्वीप नाम दिया था. दक्षिण भारतीय नरेश भीमदेव ने 15वीं सदी में महिकवती (वर्तमान महीम) में अपनी राजयसभा की थी.

1534 ई. में पुर्तगालियों ने गुजरात के सुल्तान से मुंबई को छीन लिया. इससे पहले बहादुर शाह ने इस स्थान को राजा भीमदेव के उत्तराधिकारी नगरदेव से प्राप्त किया था. मुंबई में उस समय ढेर, भंडारी तथा आदि निवासियों (कोली आदि जिनके नाम पर वर्तमान कोलाबा प्रसिद्ध है) की विरल बस्तियां थी. पुर्तगालियों ने मुंबई की स्थिति के महत्व को पहचान रखा था और उनके यहां आने पर इसकी व्यापारिक उन्नति प्रारंभ हुई. पुर्तगाल के जेसुअट पादरियों ने पहले पहले पहल इस स्थान पर गिरजाघर बनवाए और इसी देश के व्यापारियों ने मुंबई के समुद्री व्यापार का सूत्रपात किया. इतिहास से विदित होता है कि मुंबई के द्वीप को पुर्तगाल सरकार ने कुछ समय के लिए मास्टर डीगो नामक व्यक्ति को ठेके पर दे दिया था और फिर स्थाई रूप से डॉक्टर गार्सिया दा हार्ता (Garcia Da Harta) को. इस व्यक्ति ने भारतीय पेड़ पौधों के विषय में काफी खोजबीन की थी.

1665 ई. में सूरत से अंग्रेजों ने मुंबई पर आक्रमण किया. इसमें उन्हें हालैंड निवासियों ने भी सहायता दी. मुंबई का पुर्तगाली किला अंग्रेजों के हाथ में आ गया. उन्होंने नगर में काफी लूटमार मचाई और अनेक लोगों को बंदी बना लिया किंतु बेसीन से कुमक आ जाने पर पुर्तगालियों ने मुंबई को फिर से जीत कर उस पर पूरा अधिकार कर लिया. किंतु कुछ ही समय पश्चात 1616 ई. में पुर्तगाल के राजा डॉन अल्फांसो (Don Alfanso) षष्ठम ने अपनी बहन कैथरीन ब्रेगेंजा के इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय के साथ विवाह होने के उपलक्ष में, मुंबई को दहेज में दे दिया मानो वह उसकी व्यक्तिगत संपत्ति रही हो. और फिर चार्ल्स द्वितीय ने इसे 10 पाउंड वार्षिक किराए पर ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम उठा दिया. कंपनी का मुंबई पर अधिकार होने पर मुंबई [p.601]: के पुर्तगालियों ने जिनकी इस अजीब सौदे के बारे में राय न ली गई थी, अंग्रेजों का सशस्त्र विरोध किया किंतु 1665 ई. तक अंग्रेजों ने मुंबई पर अपना पूर्ण आधिपत्य स्थापित कर लिया.

मुंबई के नामकरण के विषय में कई मत हैं. किंवदंती है कि यहां प्राचीन काल में मुंबा देवी का मंदिर था जिसके कारण इस स्थान को मुंबई कहते थे. बंबई, मुंबई का ही पुर्तगाली उच्चारण है. कुछ लोगों का मत है कि मुंबई का नाम पुर्तगालियों का ही गढ़ा हुआ है और बॉन (Bon) तथा बेइया (Baia) शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है 'अच्छी खाड़ी'

बंबई परिचय

मुम्बई शहर, भूतपूर्व बंबई, महाराष्ट्र राज्य की राजधानी है। मुम्बई को भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यह दक्षिण-पश्चिम भारत देश का वित्तीय व वाणिज्यिक केंद्र और अरब सागर में स्थित प्रमुख बंदरगाह है। मुम्बई दुनिया के विशालतम व सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है।

मुम्बई एक प्राचीन बस्ती के स्थल पर बसा हुआ है और इसका नामकरण भगवान शंकर की पत्नी पार्वती देवी के एक रूप, स्थानीय देवी मुंबा के नाम पर किया गया है जिनका मंदिर उस स्थल पर था, जहाँ पर अब नगर का दक्षिण-पूर्वी हिस्सा अवस्थित है। मुम्बई लंबे समय से भारत के सूती वस्त्र उद्योग के केंद्र के रूप में विख्यात रहा है, लेकिन अब यहाँ विविध निर्माण उद्योग भी हैं और इसके वाणिज्यिक व वित्तिय संस्थान सशक्त और सबल हैं। इस शहर में अधिकांश बड़े, विकासशील औद्योगिक नगरों की पुरानी समस्या वायु व जल प्रदूषण, झुग्गी, बस्ती और अत्यधिक भीड़भाड़ मौजूद है। द्वीपीय अवस्थिति के कारण मुम्बई का विस्तार सीमित है।

इतिहास: मछुआरों की मूल जनजाति, कोली यहाँ के आरम्भिक ज्ञात निवासी थे, हालाँकि वृहद मुम्बई के कान्दीवली में पाए गए पुरापाषाण काल के पत्थर के औज़ार यहाँ पाषाण काल के दौरान मानव बस्ती की ओर संकेत करते हैं। प्राचीन यूनानी खगोलशास्त्री व भूगोलविज्ञानी टॉलमी के समय में यह क्षेत्र हेप्टेनिशिया (Haptenesia) के रूप में जाना जाता था और यह 1000 वर्ष ई. पू. में फ़ारस व मिस्र के साथ समुद्री व्यापार का प्रमुख केन्द्र था। तीसरी शताब्दी ई. पू. में यह अशोक के साम्राज्य का हिस्सा था और छठी से आठवीं शताब्दी में यहाँ चालुक्यों का शासन रहा, जिन्होंने अपनी छाप घरपुरी (एलीफ़ेन्टा द्वीप) पर छोड़ी। मालाबार पॉइन्ट पर बना वाकेश्वर मन्दिर सम्भवतः कोंकण तट के शिलाहर प्रमुखों के शासन (9वीं से 13वीं शताब्दी) के दौरान निर्मित किया गया था। दोगिरि के यादवों (1187-1318) के समय में इस द्वीप (जो बाम्बे द्वीप बना) पर महिकावती (माहिम) बस्ती की स्थापना हुई, जो 1924 में हिन्दुस्तान के ख़िलजी वंश के आक्रमणों के जवाब में बनाई गई। इन्हीं के वंशज वर्तमान मुम्बई में पाए जाते हैं और बहुत से स्थानों के नाम आज भी उसी युग से हैं। 1348 में आक्रमणकारी मुस्लिम सेनाओं ने इस द्वीप को जीत लिया और यह गुजरात राज्य का हिस्सा बन गया। माहिम को जीतने की पुर्तग़ाली कोशिश 1507 में असफल रही, लेकिन 1534 में गुजरात के शासक सुल्तान बहादुरशाह ने यह द्वीप पुर्तग़ालियों को सौंप दिया। 1661 में किंग चार्ल्स द्वितीय व पुर्तग़ाल के राजा की बहन कैथरीन आफ़ ब्रैगेंज़ा के विवाह के बाद यह ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया। राजा ने इसे 1668 में ईस्ट इंडिया कम्पनी को सत्तांतरित कर दिया। शुरुआत में कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) व मद्रास (वर्तमान चेन्नई) की तुलना में बंबई कम्पनी की बहुत बड़ी सम्पत्ति ने होकर केवल पश्चिमी तट पर कम्पनी की पैर जमाए रखने में सहायता करता था।

संदर्भ: भरतकोष-मुम्बई

Mumbai Jats Association

मुम्बई में जाट समाज वैसे तो काफ़ी पहले से है, लेकिन जाट समाज की अधिकृत नींव एवं कानूंन रजिस्ट्रेशन 1976 मे किया गया था। जाट समाज का अधिकृत दफ़तर……..फ़्लैट नं 3, हाइवे हाऊस, ग्राऊंड फ़्लोर, 29 जवाहरलाल नेहरू मार्ग, सान्ताक्रुज (पूर्व) मुम्बई-400055 पर स्थित है। दूरभाष नम्बर 26129968 है।

जाट समाज की कार्य-कारिणी (दूरभाष नं) चौ. दारा सिंह जी अध्यक्ष चौ. नंदरूप जी उपाध्यक्ष 9323274424 श्री वी.डी. वर्मा जी उपाध्यक्ष 9323275600 चौ. बेग राज सिंह जी उपाध्यक्ष 9892219183 चौ. राम निवास जी सचिव 9323480300 चौ. शमसेर सिंह जी सह सचिव 9324243155 चौ. तौला राम जी कौषा अध्यक्ष 9820214735 चौधरी नंदरूप जी जाट समाज के सबसे सक्रीय शख्सियत हैं अतः जाट समाज के बारें मे या सदस्यता संबंधित कोई भी जानकारी बिना किसी हिचकिचाहट के उपर लिखित नंबर से या स्वयं मिल कर पा सकते हैं।

मुम्बई जाट भवन

मुम्बई जाट भवन में रुकने के लिये AC रूम उपलब्ध हैं. जाट भाइयों के लिये 50%छूट के साथ उपलब्ध हैं.

पता है प्लाट नम्बर 51, सेक्टर 44, एन. आर. आई. पाम बिच रोड, नेरुल, नवीं मुम्बई-4007006

सम्पर्क- चौधरी नंदरूप जी, उपाध्यक्ष (मो:9323274424) जाट समाज के सबसे सक्रीय शख्सियत हैं अतः जाट समाज के बारें मे या सदस्यता संबंधित कोई भी जानकारी बिना किसी हिचकिचाहट के उपर लिखित नंबर से या स्वयं मिल कर पा सकते हैं।

History

The name Mumbai is an eponym, derived from Mumba or Maha-Amba—the name of the Koli goddess Mumbadevi—and Aai, "mother" in the language of Marathi.[2] The oldest known names for the city are Kakamuchee and Galajunkja; these are sometimes still used.[3] Ali Muhammad Khan, in the Mirat-i-Ahmedi (1507) referred to the city as Manbai.[4] In 1508, Portuguese writer Gaspar Correia used the name Bombaim, in his Lendas da Índia ("Legends of India").[5] This name possibly originated as the Old Portuguese phrase bom baim, meaning "good little bay",[6] and Bombaim is still commonly used in Portuguese.[18] In 1516, Portuguese explorer Duarte Barbosa used the name Tana-Maiambu: Tana appears to refer to the adjoining town of Thane and Maiambu to Mumbadevi.[7]Other variations recorded in the 16th and the 17th centuries include: Mombayn (1525), Bombay (1538), Bombain (1552), Bombaym (1552), Monbaym (1554), Mombaim (1563), Mombaym (1644), Bambaye (1666), Bombaiim (1666), Bombeye (1676), and Boon Bay (1690).[8] After the British gained possession of the city in the 17th century, the Portuguese name was officially anglicised as Bombay.[21] By the late 20th century, the city was known as Mumbai or Mambai to Marathi and Gujarati speakers and as Bambai in Hindi, Persian and Urdu. The English name was officially changed to Mumbai in November 1995.[9]

Jat Gotras

Balhara, Chahar, Chhikara, Dahiya, Dalal, Katariya, Maan, Malik, Panghal, Parihar, Phardauda, Rathi, Sihag, Tomar,

Notable persons

  • Shiv Charan Singh, Khoor Mill Naaj (First Floor) Kohinoor Road, Dadar, Mumbai-14, Ph:022-24121011, 24121003 (Office) 24112223 (Res)
  • Pabu Ram Chaudhary (Phardauda), Prime Steel Corporation, 74/84 Patara Chal, Building Second, Pathan Street, Fifth Kumbharpada Lane, Phone; 23883873
  • B R Katariya, C-6/4/2:2, Sector-4, CBD, PO:Kankan Bhawan, Navi Mumbai, Ph: 022-275576910, Mob; 9809446910
  • Vasdew Singh Parihar, F-603 Panchshel Garden, Mahaveer Nagar, Kandawali (West) Ph: 022-28084153
  • Narendra Singh Chahar, 6th Floor, Suraj Apartment, Near Shanti Ashram, Boriwali West. Mob: 9332189920
  • Arun Chaudhary: IRS custom 2013 batch, AC, Mumbai, M: 7840088016

See also

External links

References

  1. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.600
  2. Chittar 1973, p. 6
  3. Patel & Masselos 2003, p. 4
  4. Shirodkar 1998, p. 3
  5. Yule & Burnell 1996, p. 102
  6. Shirodkar 1998, p. 7
  7. Shirodkar 1998, p. 2
  8. Yule & Burnell 1996, p. 103
  9. Greater Bombay District Gazetteer 1960, p. 6

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