Lohkana
Loh (लौह) Lohra (लोहरा) Laur (लौर) Laur (लऊर) Laura (लौरा) Lora (लोरा) Lor (लोर) Lohkana(लोहखाना) Lahaukana (लहौकना) Lohkana (लोहकाना) are various names of a gotra of Jats found in Rajasthan, Haryana, Uttar Pradesh and Madhya Pradesh. Lori/Lari clan is found in Afghanistan.[1]
Origin
A Jat warrior named Lauh (लौह), formed a federation of Jats which was called Laur (लौर) or Lauh(लौह). [2]
They are also said to have originated from love son of lord Rama. in Mathura district they are also called as Lohkana.Laur and Lohkana is same gotra .Loh gotra is also found in choudhary caste (same as jat caste ) of gujrat in Mehsana District.
Lori is for Lari native of Laristan, and representative of the ancient Assyrian tribe. [3]
History
लववंशी क्षत्रिय जाटोँ का इतिहास
लववंशी क्षत्रिय जाटोँ का बहुत बड़ा इतिहास है । श्री रामचन्द्र जी के दो पुत्र थे एक लव और दूसरे कुश । लोहरा/लौर गोत्र और लोरस क्षत्रिय (खत्री) गोत्र लववंशी क्षत्रिय जाट हैं । लौर और खत्री एक ही गोत्र है । इसलिए दोनों गोत्र में शादी नही होती है ।
जैसे जैसे समय गुजरता गया लोग लववंशी क्षत्रिय जाटोँ को लौह (Lauh), लोह (Loh) कहने लगे या युँ कहो कि लौह (Lauh) या लोह (Loh) कहलाने लगे, लौह (Lauh)/लोह (Loh) का अर्थ है, लोहे के समान बलशाली, ताक़तवर, और समय के साथ शब्दोँ के अपभ्रंश (शब्दोँ का बिगड़ना बोली और क्षेत्र के अनुसार) के कारण लोग लौह (Lauh) से लौर (Laur/Lor) कहने लगे या युँ कहो कहलाने लगे और लोह (Loh) से लोहरा Lohra/लौरा Lohkana-लोह्कना/लोह्काना कहलाने लगे ।
खत्री Khatri भी शब्दोँ के अपभ्रंश के कारण ही प्रचलन मेँ आया । जो जाट आज अपने को खत्री Khatri लिखते हैं वो भी लववंशी क्षत्रिय जाट ही हैं । खत्री जाट पहले अपने आप को लववंशी क्षत्रीय जाट होने के कारण अपने को लोरस क्षत्रिय लिखते थे जो समय के साथ भाषा/बोली और शब्दोँ के अपभ्रंश के कारण लौरस क्षत्रिय (Loras Kshatri) से खत्री Khatri लिखने लग गए या युँ कहो कि खत्री Khatri लिखना प्रचलन मेँ आ गया । लौरस क्षत्रिय (Loras Kshatri) का अपभ्रंश ही खत्री/Khatri है ।
बड़गोती (Badgoti) गोत्र, जो लौर (Laur) गोत्र का ही सब गोत्र है । बड़गोती Badgoti अर्थ है "बड़े गोत्र का" । बड़गोती Badgoti जाट गोत्र भी लौर Laur/Lor के रूप में जाना जाता है या हम कह सकते हैं कि सही विवरण Badgotis लिए Laur/Lor होना चाहिए जिसके द्वारा वे आम तौर पर बुलंदशहर में जाने जाते हैँ । बड़गोती मूल रूप से बहुत अमीर, बड़ी भूमि होने वाली जाट की पीढ़ी के हैं । बड़गोती जाट राष्ट्र के प्रति समर्पित रहे हैँ । ये मुसलमानों और अंग्रेजों के खिलाफ अपने स्वयं के द्वारा देश की स्वतंत्रता के लिए लड़े । आज के समय मेँ हम इन्हें रक्षा और पुलिस सेवाओं में अधिकतम पा सकते हैं । ये ईमानदार, बहादुर और अपने काम के प्रति जिम्मेदार रहे हैँ । ये पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च प्रतिष्ठित जाट हैं ।
लववंशी क्षत्रिय जाट राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र मेँ बसे हुये हैं । लववंशी क्षत्रिय जाट गोत्र के 300 से अधिक गाँव हैं । भाषा (बोली) और क्षेत्र के अंतर के कारण कोई अपने को लौर Laur/Lor लिखता है और कोई लोहरा/लौरा Lohra/Laura लिखता है और जो लौरस क्षत्रिय (Loras Kshatri) लिखते थे वो जाट आज अपने को खत्री लिखते हैं ।
सभी की और अधिक जानकारी के लिए लववंशी क्षत्रिय जाटोँ की हर साल मार्च मेँ राम नवमी के दिन नरेला (दिल्ली) गाँव मेँ इनकी वार्षिक बैठक होती है । इस बार एक समुदाय का गठन किया जायेगा और लववंशी क्षत्रिय जाट गोत्र के इतिहास से संबंधित एक पत्रिका का संपादन भी होगा और पत्रिका लववंशी क्षत्रिय जाटोँ के गोत्रोँ के गाँवोँ मेँ मुख्य रुप से बाँटी जायेगी ।
लोरा वंशीय खाप हरयाणा का गठन
लोरा वंशीय भाईयों व बहनों के लिए दिनांक 25 नवम्बर 2012 का ऐतिहासिक अवसर लेकर आया। पहली बार इस समाज के करीब 11 जिलों में दूर-दूर बसे भाईयों ने घिलोड़ कलां जिला रोहतक में इकट्ठे होकर इस शुभ कार्य को पूरा किया। लोर वंशीय गोत्र के हरयाणा में सबसे बड़े गाँव बालसमंद जिला हिसार के चौधरी रणजीत सिंह लौरा, भूतपूर्व चेयरमैन को सर्वसम्मति से खाप प्रधान बनाया गया। सर्वश्री प्रिंसिपल जिले सिंह मांगलपुर, जींद , धर्मवीर सिंह पलडी, पानीपत, कैप्टन भीम सिंह, राखीगढ़ी (हिसार) सुन्दर सिंह, घिलोड़ कलां (रोहतक) को उप-प्रधान बनाया गया।
खाप गठन के समय सभी भाईयों से प्रधान रणजीत सिंह लौरा ने आह्वान किया कि हमें मिलजुल कर सामाजिक भाईचारा बनाना है। सामाजिक बुराईयों का मजबूती से विरोध करना है। खाप के उद्देश्यों की पूर्ती के लिए और इसे सही रूप से चलाने हेतु प्रधानजी ने व सभी उप-प्रधानों ने सर्वसम्मति से इन्द्रजीत आर्य (बालसमंद) को खाप का महासचिव तथा सुखबीर सिंह (घिलोड़ कलां) को कोषाध्यक्ष बनाया गया। (साभार: इन्द्रजीत आर्य, बालसमंद, मो: 9313592515, जाट ज्योति, जनवरी 2013, पृ 23)
Laur Khap
Laur Khap has 10 villages in Aligarh district in Uttar Pradesh. Main villages are Gauraula (गौरौला), Naglia Gauraula (नगलिया गौरौला). Jat Gotra - Laur.[4]. in Mathura district they are also called as Lohkana.
Distribution in Rajasthan
Villages in Alwar district
Lohra Jats have been living in Tatarpur, Alwar Rajasthan for more than 300 years. Tatarpur,
Villages in Hanumangarh district
Bhadi, Daultawaly, Gunjasari, Sikrodi Barani, Shivdanpura
Villages in Jaipur district
Locations in Jaipur city
Murlipura Scheme, Vaishali Nagar, Vidyadhar Nagar,
Villages in Sikar district
Arjunpura, Banathla, Banuda (4), Khud, Lora Ki Dhani (Khud),
Villages in Nagaur district
Gugarwar, Lora Ka Bas, Lorpura, Loroli Kalan, Loroli Khurd, Lohrana, Lalas Nagaur, Nalot, Rajlota,
Distribution in Uttar Pradesh
Villages in Mathura District
Villages in Aligarh district
Villages in Bulandshahar district
Bhootgarhi, Chikhal, Hurthala, Jagdishpur, Mahmoodpur, Manchad
Villages in Gautam Budh Nagar district
Distribution in Madhya Pradesh
Villages in Ratlam district
Villages in Ratlam district with population of Laur (लौर) gotra are:
Dhaturiya 1,
Villages in Ratlam district with population of Lor (लोर) gotra are:
Ratlam 1,
Distribution in Haryana
Villages in Bhiwani District
Villages in Faridabad District
Villages in Hisar District
Balsamand, Kumaria, Rakhi Garhi, Rakhi Khas
Villages in Jind District
Villages in Panipat District
Villages in Rohtak District
Villages in Rewari district
Alawalpur, Badhoj, Bidawas, Banipur, Jhabuwa, Khijuri,
Villages in Palwal district
Notable persons
- Virendra Singh Laur - Social worker and influential Jat leader, President Bulandsahar district Jat Mahasabha. Born at village Hurthala (हुर्थला), Surjavli, Uttar Pradesh.[5]
- Hari Singh Lora - [Manager Raj. State Land Development Bank] VPO - Banathala, Teh. - Danta Ramgarh, Distt. - Sikar, Present Address : 72, Nemi Nagar, Vaishali Nagar, Jaipur, Phone Number : 0141-2350315, Mob: 9414824395
- Chaudhari Ranjit Singh Lora - From village Balsamand Hisar is the President of Lora Khap.
- Dharmvir Singh Lora - From Palri Israna, Vice President Lora Khap.
- Sundar Singh Lora - From Ghilod Kalan, Vice President Lora Khap.
- Captain Bhim Singh Lora - From Rakhigarhi, Vice President Lora Khap.
- Sukhbir Singh Lora - From Ghilod Kalan, Treasurer Lora Khap.
- Indrajit Singh Arya Lora - From Balsamand Hisar, is General Secretary Lora Khap. Mob:9313592515
See also
References
- ↑ An Inquiry Into the Ethnography of Afghanistan By H. W. Bellew, The Oriental University Institute, Woking, 1891, p.184
- ↑ Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Ādhunik Jat Itihasa (The modern history of Jats), Agra 1998, p. 280
- ↑ An Inquiry Into the Ethnography of Afghanistan By H. W. Bellew, The Oriental University Institute, Woking, 1891, p.184
- ↑ Dr Ompal Singh Tugania: Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu, Agra, 2004, p. 21
- ↑ Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Ādhunik Jat Itihasa (The modern history of Jats), Agra 1998, p. 382
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