Patusari
Patusari (पातुसरी) is village in Jhunjhunu tahsil & district in Rajasthan.
Location
Origin
The Founders
History
The incidence of Patusari village in 1939 is worth mentioning. Patusari village was in Mandawa thikana of Sikar Jagirdar. The Jagirdar was levying excessive taxes on the agricultural produce. He had also threatened to evacuate the villagers. The villagers collectively decided not to pay any taxes. Hardeo Singh Patusari and Balu Ram took a lead in this movement. The Jagirdar attacked the villagers but the villagers resisted peacefully. Village was evicted by the Jagirdar, crops were burnt, cattle were killed but the villagers did not heed to the Jagirdar and did not pay levy. This was unique example of entire village being evacuated. [1]
ठिकानेदारों द्वारा 4 फ़रवरी 1939 को गाँवों में भारी दमन किया गया . ककोड़ा गाँव में तो इस्माइलपुर के ठाकुर के भाई गंगा सिंह, जो कि फरार था, के निर्देशन में ठिकाने के आदमियों ने जोरदार लूट व मारपीट की. कई लोगों को भारी चोटें आईं जिसमें रामदत्त की माँ स्वरूपा तो अस्पताल में मर गयी. बडवासी में 4 फ़रवरी 1939 को कुछ किसानों को पकड़ लिया गया और नवलगढ़ की गढ़ी में काठ में दे दिया गया. 7 फरवरी को इसी गाँव से 15 आदमियों को ठिकाने के नौकर पकड़ लाये जिन्हें नवलगढ़ में खूब मारा-पीटा और बेइज्जत किया. रिजाणी गाँव में भी खूब मारपीट हुई. नवलगढ़ के कामदार हेम सिंह ने मुरादपुर के किसानों को बुलाकर पीटा. पातूसरी गाँव में तो लूट-खसोट का इतने जोरों का प्रदर्शन किया गया कि बहुत से किसान गाँव छोड़ कर भाग गए. नवलगढ़ ठिकाने की और से वायदापुरा में भी जबरदस्त मारपीट की गयी. [2]
सत्यदेव सिंह को सन 1937 में सरदार हरलाल सिंह एवं नेत राम सिंह उनके गाँव देवरोड़ से झुंझुनू ले आये. विद्यार्थी भवन में रहकर सत्यदेव ने शिक्षा ग्रहण की. उनका कहना है कि उस समय विद्यार्थी भवन में करीब 15 छात्र थे. इनके नाम थे - सुल्तान सिंह, गुलाब सिंह खाजपुर नया एवं पुराना, नत्थू सिंह बाडलवास, नाहर सिंह पातुसरी, सरदार हरलाल सिंह के दो पुत्र - नरेंद्र सिंह एवं फ़तेह सिंह, श्योदान सिंह, शीश पाल सिंह भादरवास, शिव लाल सिंह, नानक सिंह वारिसपुरा, अमर सिंह नरुका, सब्बल सिंह देरवाला, त्रिलोक सिंह अलपसर, संवत सिंह हनुमानपुरा आदि. [3]
Jat Gotras
Jat Monuments
Population
As per Census-2011 statistics, Patusari village has the total population of 2357 (of which 1216 are males while 1141 are females).[4]
Notable Persons
- Sumitra Singh - was born in village of Kisari in Jhunjhunu district in the family of Shri Ladu Ram Kisari on 3 May, 1930.
- Hardeo Singh Patusari (हरदेव सिंह पातुसरी) - शेखावाटी किसान आन्दोलन के नेता ।
- श्री बालूराम - शेखावाटी किसान आन्दोलन के नेता ।[5]
- Vinod Kumar Kadwasra became martyr of militancy on 11.05.1995 in Jammu and Kashmir. He was awarded Sena Medal (posthumous) for his act of bravery. He was from Patusari village in Jhunjhunu tahsil & district in Rajasthan.
- Unit - 7 Jat Regiment
External Links
References
- ↑ Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Adhunik Jat Itihas ( in Hindi) (The modern history of Jats), Agra 1998, Section9, p.36
- ↑ (डॉ पेमाराम, शेखावाटी किसान आन्दोलन का इतिहास, 1990, p. 169)
- ↑ राजेन्द्र कसवा: मेरा गाँव मेरा देश (वाया शेखावाटी), प्रकाशक: कल्पना पब्लिकेशन, जयपुर, फोन: 0141 -2317611, संस्करण: 2012, ISBN 978-81-89681-21-0, p. 175
- ↑ Censusindia - Patusari
- ↑ Shekhawati Ke Gandhi Amar Shahid Karni Ram/Shekhawati Me Shahidon Ki Parampara,p.3
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