Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-II

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जाट वीरों का इतिहास
लेखक - कैप्टन दलीप सिंह अहलावत
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परिशिष्ट-2: जाटवीरों के नाम पर देश-विदेश में प्रचलित संवत्, महाद्वीप, देश, प्रांत, क्षेत्र, नगर, गांव, दुर्ग, पर्वत, सागर, झील, नदी आदि की सूची
नं० विषय जिन जाटों के नाम पर प्रचलित हुए पृष्ठ
1 युधिष्ठिरी संवत् महाराज युधिष्ठिर 449
2 विक्रम् संवत विक्रमादित्य (भर्तृहरि का भाई) 457-485
3 शक संवत् सम्राट् कनिष्क 369
4 गुप्त संवत् सम्राट् चन्द्रगुप्त प्रथम 7-496
5 आन्ध्रालय या आस्ट्रेलिया आन्ध्र जाटवंश 223
6 आन्ध्र प्रदेश (भारत में) आन्ध्र जाटवंश 223
7 यूरोप (इसका नाम कारूपथ तथा अंगदित्यापुरी था) लक्ष्मण ने आबाद किया 339
8 अंगदेश (आज हंगरी) लक्ष्मण के पुत्र अंगद के नाम पर 339
9 सीथिया देश शक जाटवंश 332
10 तुर्किस्तान एवं तुर्की तंवर या तोमर जाटवंश 322
11 सरिन्दिया - उपरला हिन्द (यह चीनी तुर्किस्तान का बड़ा भूभाग था ऋषिकतुषार जाटवंश 270
12 तुखारिस्तान प्रदेश (भारत और ईरान के बीच था) तुषार जाटवंश 270
13 एलावर्त देश (आज का मंगोलिया) अहलावत जाटवंश 201
14 एलनज (लघु एशिया में) अहलावत जाटवंश 202
15 पार्थिया प्रदेश (मध्य एशिया में) पल्हव जाटवंश 351
16 खोतन प्रदेश (मध्य एशिया में) मौर्य-मोर जाटों ने बसाया 331
17 लघु एशिया (एशिया माइनर) यदुवंशज जाटों ने बसाया 335-336
18 वर्कदेश (आज सुमेरिया देश जो लघु एशिया में है) वर्क-वरिक जाटवंश 422
19 वाल्हीक देश (आज बल्ख या बैक्ट्रिया) वर्क-वरिक या वाल्हीक जाटवंश 343
20 दहिस्तान देश (मध्य एशिया में था, वहां दहिस्तान जिला आज भी है) दहिया जाटवंश 344
21 कालकूट देश (चीनी तुर्किस्तान में था) कालखण्डे-कालीरामन जाटवंश 352
22 कुरुक्षेत्र (हरयाणा में) और उत्तरी कुरु (साइबेरिया में) कुरु जाटवंश 343
23 कुरु देश (लघु एशिया में था), कुर नदी कुरु जाटवंश) 343
24 स्केण्डेनेविया (स्वीडन, डेनमार्क, नार्वे) जाटों ने आबाद किया 385-387-388

जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-1058


नं० विषय जिन जाटों के नाम पर प्रचलित हुए पृष्ठ
25 जटलैण्ड (यह डेनमार्क में एक प्रान्त है) जाटों के नाम पर 388
26 गौथलैण्ड (गॉटलैण्ड - स्वीडन देश का एक द्वीप है) जाटों के नाम पर 388
27 इंग्लैण्ड एंगल्स जाटों के नाम पर 400
28 नॉरमण्डी प्रान्त (फ्रांस में) नॉरमन जाटों के नाम पर 386
29 थ्रेश देश (आधुनिक बुल्गारिया) बल या बालान जाटवंश 385
30 शक या शाक द्वीप (आधुनिक ईरान) शक जाटों के नाम पर 416
31 असीरिया प्रदेश (आधुनिक कुर्दिस्तान) असि-असियाग जाटवंश 415
32 लाहियान जिला (कुर्दिस्तान प्रान्त में है) लोहियान]] जाटवंश 415
33 जाटाली प्रान्त (ईरान में) जाटों के नाम पर 120-416
34 हिरात प्रदेश (एक अफगानिस्तान में, दूसरा पाकिस्तान में है) जाटों के नाम पर 416
35 हिसार नगर (ईरान में, अब उजाड़ पड़ा है) जाटों के नाम पर 416
36 बाला हिसार (अफगानिस्तान में) बालान-बालियान जाटवंश) 416
37 मूंदा हिसार (अफगानिस्तान में) मून्द जाटवंश 416
38 जिला हिसार (हरयाणा में) जाटों का गढ 416
39 जिला शिवि (अफगानिस्तान में) शिवि जाटवंश 416
40 जिला कुर्रम (अफगानिस्तान में) कृमि जाटवंश 416
41 शिवस्थान देश (आधुनिक सीस्तान, ईरान में) शिवि जाटवंश 196-415
42 गातई क्षेत्र (अफगानिस्तान में) श्रीकृष्णजी के पुत्र गात्रवान के नाम पर 415
43 जबुलिस्तान देश (आधुनिक अफगानिस्तान) जोहिल-जौहल जाटवंश 417-440
44 पेशावर]] के निकट है) जोहिल-जौहल]] जाटवंश 417-440
45 कोदन क्षेत्र (बलोचिस्तान में) कादियान जाटवंश 418
46 गजनी (अफगानिस्तान में) यदुवंशी जाटराजा गज के नाम पर 338
47 बेबीलोन (सीरिया की प्राचीन राजधानी थी) यदुवंशी जाटराजा बाहुबल के नाम पर 339
48 बेबीलोनिया का झूलता हुआ बाग (लघु एशिया में) (Hanging Gardens of Babylonia) मांडा जाटगोत्र की राजकुमारी अमिथिया के नाम पर 429
49 अबारनियम देश (लघु एशिया में था) अबरा-अबारा जाटवंश 423
50 दरदिस्तान (गिलगित क्षेत्र में है) दरद जाटवंश 253
51 जटोती टापू तथा ज्यूटी द्वीप (यूनान में) जाटों के नाम पर) 310
52 मौर्या बस्ती (यूनान में) मौर्या-मोर जाटवंश 310
53 बंग देश बंग जाटवंश 443
54 दूसरा बंग देश (सुमात्रा में जो आज बंका नाम से है) बंग जाटवंश 443

जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-1059


नं० विषय जिन जाटों के नाम पर प्रचलित हुए पृष्ठ
55 चम्पा देश (यवद्वीप या जावा में) जिसकी राजधानी इन्द्रपुर और वहां की बड़ी नदी का नाम सरयु नदी है। अंग जाटवंश 444
56 अंगदेश (भारतवर्ष में) जिसकी राजधानी चम्पानगर (वर्तमान भागलपुर) थी। अंग जाटवंश 464
57 भारतवर्ष (पहले शुरु का नाम आर्यवर्त) पुरुवंशी जाट चक्रवर्ती सम्राट् भरत (दुष्यन्तपुत्र) के नाम पर 192
58 नव राष्ट्र (गुड़गांव व मथुरा के मध्य जो आज नूह कहलाता है)। खोतन देश (मध्य एशिया) में आज भी नूह झील है। नव या नौवर जाटवंश 194
59 जोहियावाड़ प्रदेश (पाकिस्तान में भावलपुर क्षेत्र) आज भी कहलाता है यौधेय या जोहिया जाटों के नाम पर 199
60 ककस्थान क्षेत्र (सिंध, पाकिस्तान) आज भी है काकुस्थ या काक जाटवंश 228
61 मालवा प्रदेश (एक मध्य भारत में, दूसरा पंजाब में है) मल्ल या मालव जाटवंश 254-255
62 मालव देश (उत्तरी भारत में रामायण काल में था) मल्ल या मालव जाटवंश 254
63 भटनेर क्षेत्र (बीकानेर का भाग था) एवं भटनेर दुर्ग भाटी जाटवंश 378
64 पौण्ड्र देश (दक्षिणी भारत में था) ययाति वंशज जाट राजा पौण्ड्र के नाम पर 24
65 मगध साम्राज्य की नींव एवं इसकी राजधानी राजगृह या राजगिरि (जो बाद में पाटलिपुत्र या आधुनिक पटना) कहलाई बृहद्रथ ने स्थापना की 464
66 पाटलिपुत्र नवीन नगर जाट सम्राट् अजातशत्रु ने स्थापना की 477
67 उशीनर कोट व नगर (पंजाब में वर्तमान शेरकोट) जाट सम्राट् उशीनर के नाम पर 24
68 हस्तिनापुर नगर (उत्तरप्रदेश में) पुरुवंशज जाट सम्राट् हस्ती के नाम पर 24
69 तक्षशिला नगर (पाकिस्तान में) भरतपुत्र तक्ष के नाम पर 293
70 लवपुर (लाहौर नगर) श्री रामचन्द्र जी के पुत्र लव के नाम पर 249-458
71 कुशवती या कुशस्थली नगर (आधुनिक द्वारिका) श्री रामचन्द्र जी के पुत्र कुश के नाम पर 458
72 मथुरा नगर शत्रुघ्न ने बसाया 257

जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-1060



नं० विषय जिन जाटों के नाम पर प्रचलित हुए पृष्ठ
73 पुष्कलावती नगरी (अफगानिस्तान में आधुनिक चारसद्दा) भरतपुत्र पुष्कल के नाम पर 293
74 चन्द्रकान्ता नगरी (उत्तरप्रदेश में मल्ल देश में थी) लक्ष्मणपुत्र चन्द्रकेतु के नाम पर 254
75 द्वारिका (प्राचीन कुशवती) श्रीकृष्ण जी ने बसाई 98, 231
76 मोहेनजोदड़ो नगर (पाकिस्तान में) अर्जुन ने बसाया 266
77 शालिवाहनपुर (शालपुर पंजाब में) जाट राजा शालिवाहन के नाम पर 420
78 समरकन्द, ताशकन्द, यारकन्द शक जाटों के नाम पर 346
79 कुण्डू नगर (पामीर पठार पर है) कुण्डू जाटों के नाम पर 352
80 कुन्सतुनतुनिया नगर (तुर्की की राजधानी) यदुवंशी जाटों ने बसाया 333
81 एकबताना नगर (ईरान में आधुनिक हमादाननगर) मांडा गोत्री जाटों ने बसाया 427
82 असिगढ नगर (मालवा मध्यप्रदेश में) असि गोत्री जाटों ने स्थापित किया 388
83 असिगढ नगर (स्केन्डेनेविया में) असि गोत्री जाटों ने स्थापित किया 388
84 जैसलमेर नगर (नेदरलैण्ड में) - यह राजस्थान में जैसलमेर नाम के तुल्य है जाटों ने स्थापित किया 388
85 कनिष्कपुर नगर (कश्मीर में था) जाट सम्राट कनिष्क के नाम पर 368
86 हुष्कपुर नगर (कश्मीर में था) कनिष्कपुत्र राजा हुविष्क के नाम पर 369
87 इन्द्रप्रस्थ पुरुवंशज जाट पाण्डवों ने बनाया एवं आबाद किया 280
88 दिल्ली (इन्द्रप्रस्थ का नाम) ढिल्लों गोत्री जाट दिल्लू के नाम पर 191
89 लोहे की कीली (लोह-स्तम्भ) विष्णुपद पहाड़ी पर स्थापित थी धारण गोत्री जाट सम्राट् चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने स्थापित की 505
90 दिल्ली में लोहे की कीली (महरौली की लाट) महाराजा अनंगपाल तोमर जाट ने इसे विष्णुपद पहाड़ी से लाकर दिल्ली में स्थापित किया 191, 559
91 सारनाथ का स्तम्भ (बिहार प्रान्त में है) मौर्य-मोर जाट सम्राट् अशोक ने बनवाया 311
92 चित्तौड़ (चित्रकूट) राजस्थान में मौर्य-मोर जाट सम्राट् चित्रांगद के नाम पर 312
93 चित्तौड़ के पास मानसरोवर एवं तालाब मौर्य-मोर जाट सम्राट् चित्रांगद के नाम पर 312
94 बिजनौर (उत्तरप्रदेश में) खौबे मौर्य जाटों ने स्थापित किया 314
95 जालौर का किला (राजस्थान में) दहिया जाट राजाओं ने बनवाया 215
96 डेराइस्माइलखान, डेरागाजीखान, डेराफतहखान (पाकिस्तान में) पूनिया गोत्र के जाट राजा जसवन्तसिंह ने अपने तीन पुत्रों के नाम पर बनवाये 220

जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-1061


नं० विषय जिन जाटों के नाम पर प्रचलित हुए पृष्ठ
97 गौराया नगर (पंजाब में) गौर वंशज जाटों के नाम पर 233
98 गौरूया देश और गोराया नगर (मध्य एशिया में था) गौर वंशज जाटों के नाम पर 233
99 [[Gaurir|गौरीर गांव (शेखावाटी - राजस्थान में) मान गोत्री जाट राजा बीजलसिंह की रानी गौरादेवी के नाम पर 302
100 महादया नगर (आधुनिक कान्यकुब्ज या कन्नौज उ० प्र० में) पुरुवंशज जाट राजा कुश ने बसाया 459
101 स्थानेश्वर (थानेसर हरयाणा में) वसाति गोत्री जाट राजा पुष्यभूति ने बसाया 508
102 टोंकरा (टोंक) नगर और आज टोंक जिला (राजस्थान) खोजा जाट गोत्र के जाट राजा रामसिंह ने आबाद किया 550
103 रणथम्भौर नगर व किला (राजस्थान में) जाट राजा रणमल के नाम पर 551
104 लैहड़ी नगर (आज लीड़ी ग्राम, जिला अजमेर में) सांगवाण गोत्र के जाट राजा लैहर या लहरी ने बसाया 551
105 धारा नगरी में किला, भोपाल का प्रसिद्ध ताल, कश्मीर का पापसूदन कुण्ड, केदार, रामेश्वर, सोमनाथ और उज्जैन के सुन्दर मन्दिर पंवार या परमार गोत्र के जाट राजा भोज ने बनवाये 553
106 उदयपुर (जिला ग्वालियर में) पंवार गोत्री जाट राजा उदयादित्य ने बसाया 553
107 विजय मन्दिर गढ (बयाना नगर से तीन मील पर) यदुवंशी जाट महाराजा विजयपाल ने बनवाया 563
108 शिवि नगर (पाकिस्तान जिला झंग में) और शिवि जिला (अफगानिस्तान में) शिवि जाटों के नाम पर 195, 196
109 भरतपुर दुर्ग एवं नगर की स्थापना, डीग, कुम्हेर, वैर के किले और भवन निर्माण जाट राजा बदनसिंह तथा उनके पुत्र महाराजा सूरजमल ने बनवाये 658-660
110 धौलपुर नगर धौला गोत्र के जाटों ने बसाया 748
111 धौलगढ़ (जिला अलवर में) धौला गोत्र के जाटों ने बसाया 748
112 अस्थल बोहर मठ (हरयाणा के जिला रोहतक में) सिन्धु गोत्र के जाट पूरण भगत ने स्थापित किया 539
113 गिलगित नगर एवं गिलगित पर्वत गिल जाटों के नाम पर 352, 1029
114 लोहरकोट (कश्मीर में पीरपंजाल पहाड़ी पर) लोहर-लोहित क्षत्रिय जाटों के नाम पर 296, 533
115 मन्डौर किला (जिस पर जयपुर नगर बसाया) काकवंशी जाटों ने बनवाया 548

जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-1062


नं० विषय जिन जाटों के नाम पर प्रचलित हुए पृष्ठ
116 तांग या टांग पर्वतमाला (मानसरोवर से आगे) तंगण जाटों के नाम पर 324
117 हिन्दू पहाड़ एवं हुंगहू नदी (चीन में) हैंगा जाटों के नाम पर 324
118 तुषारगिरि पर्वत (आधुनिक हिन्दूकुश) तुषार जाटों के नाम पर 269, 338
119 (i) हाला पर्वत (आधुनिक सोमगिरि - बलोचिस्तान में) (ii) हाला जि० (काठियावाड़ में) और हालाखण्डी प्रदेश (सिंध, बलोचिस्तान के मध्य का क्षेत्र था) हाला जाटों के नाम पर 418, 536, 1027
120 नेहरा पहाड़ (राजस्थान के जि० झुंझनू में) नेहरा जाटों के नाम पर 226
121 मौड़ा या मौरा पहाड़ (राजस्थान के जि० झुंझनू में) मौर्य-मोर जाटों के नाम पर 226, 313
122 कीरत सागर नामक सुन्दर झील (बुन्देलखण्ड में चन्देला गोत्री जाट राजा कीर्तिवर्मन ने खुदवाई 557
123 कैस्पियन सागर (रूस में) कश्यप जाटों के नाम पर 333
फिर इसी सागर का नाम हिरकानिया सागर हुआ वर्क-वरिक जाटों के नाम पर
फिर इसी सागर का नाम दहाय सागर हुआ दहिया गोत्र जाटों के नाम पर
फिर इसी सागर का नाम गिलन सागर हुआ गिल गोत्र जाटों के नाम पर
फिर इसी सागर का नाम बहर-अल-खजर हुआ (फिर कैस्पियन सागर कहा जाने लगा) खजर (गूजर गोत्र के) जाटों के नाम 333
124 वेन झील (रूस देश के प्रांत आर्मानिया में है) वेन गोत्र के जाटों के नाम पर 414
125 अकोदा गांव (जिला जोधपुर) का कुंआ चौ. हर्षराम जी ने बनवाया 447
126 वोल्गा नदी (यह उत्तर की ओर से आकर कैस्पियन सागर में गिरती है) वरिक-वर्क जाटों के नाम पर 344
127 वर्क देश (लघु-एशिया में था जो आधुनिक सुमेरिया है और वर्कानिक देश (रूस के याकुट्स्क प्रान्त में था) वहां विरकानिया पर्वत भी था ये सब वर्क-वरिक जाटों के नाम पर थे 343-344
128 वाना नदी (ईरान में है) वाना गोत्र के जाटों के नाम पर 305, 415
129 करन नदी (ईरान में है) ईरान की खाड़ी में गिरती है कुन्तीपुत्र कर्ण के नाम पर 337
130 अजरी नदी (ईरान में है) अंजना-आंजणा जाटों के नाम पर 416
131 दृषद्वती नदी (सरस्वती नदी) महाभारत काल में कुरुक्षेत्र की दक्षिणी सीमा बनाती थी, आजकल लोप है जाट सम्राट् उशीनर की रानी दृषद्वती के नाम पर 194

जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-1063


नं० विषय जिन जाटों के नाम पर प्रचलित हुए पृष्ठ
132 जाट गंगा या नील गंगा (यह भैरों घाटी में भागीरथी गंगा के साथ मिलती है) इस नदी को जाट खोदकर लाए थे, उनके नाम पर 103-104
133 काशी का दशाश्वमेध घाट भारशिव-भराईच जाटों के नाम पर 490
134 नोवगॉरॉड Novogorod) रूस में लेनिनग्राड के दक्षिण में स्लाव जाटों ने निर्माण कराया 349
135 दिल्ली स्थित बिड़ला मन्दिर की नींव रखने वाला जाट महाराजा उदयभान सिंह राणा धौलपुर नरेश 746-747
136 कुर्रम जिला (अफगानिस्तान में) कृमि जाटों के नाम पर 195
137 गढमुक्तेश्वर (उत्तरप्रदेश में) गढवाल जाट गोत्र के सरदार मुक्तासिंह ने इसका निर्माण कराया 1015

जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-1064


नोट - उपर्युक्त नाम संक्षेप में लिखे हैं। इनके अतिरिक्त और भी अनेक नाम हैं जो पाठकों को इस पुस्तक में मिलेंगे। जैसे - वैदिककाल, रामायण एवं महाभारत काल आदि से जाट शासित देश, प्रान्त, क्षेत्र आदि के नाम। देश-विदेश में जो भी जाट बहुसंख्यक गांव हैं वे सब जाटों के आबाद किए हुए हैं। जाट गोत्रों के वर्णन में उनके द्वारा बसाए गए अनेक गावों के नाम लिख दिए गए हैं।


परिशिष्ट-2 समाप्त



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