Khairwa
Khairwa (खैरवा) Khairua (खैरुआ) Khairva (खैरवा) Kherwa (खेरवा)[1] gotra Jats are found in Rajasthan and Madhya Pradesh.
Origin
Jat Gotras Namesake
History
खिर, खैर, खर, खिरवार, खरब का इतिहास
- नोट - यह भाग जाट समाज के जुलाई २००८ अंक (पृ. २३-२४) में प्रकाशित राजेंद्र फौजदार के लेख से लिया गया है
खैर वंश के भाट इन्हें पांडव वंशी क्षत्रियों की शाखा बताते हैं. पौराणिक क्षत्रियों की वंशावली से प्रतीत होता है कि खैर वंश कुरु-कुर-कैर का विदेशी रूप प्रतीत होता है. कैर और खैर दोनों समानार्थी भी हैं. भीम सिंह दहिया के अनुसार कुरु के चिन्ह मगध, इलाहबाद, पश्चिम एशिया, ईरान, मध्य एशिया, यूरोप और भारत में मिलते हैं. वहीँ खैर वंश की उपस्थिति भी पश्चिम एशिया, ईरान में स्पष्ट दीखती है. इन्हें ग्रीक में कोर्समेन पुकारा गया है. खैर (कैर) कुल के लोगों के नाम पर ही केरल प्रान्त का नाम पड़ा.
महाराजा कुरु के पुत्र सुघनु के तीन पुत्र परीक्षित, जहानु और सुहोत्र थे. परीक्षित कि आठवीं पीढ़ी में धृतराष्ट्र और पाण्डु हुए. जहानु निसंतान था और तृतीय पुत्र सुहोत्र क़ी आठवीं पीढ़ी में वृषभ हुए, जो कि कुरुवंशी ही कहलाये और पूर्वी भारत बिहार में अपना राज्य स्थापित किया. इनका ही वंशज जंतु मगध का राजा हुआ. महाभारत के युद्ध में क्षत्रिय वंशों के महाविनाश के बाद उनके वंशज दूर-दूर तक विस्तृत हुए. संभवतः कुरुओं कि कुछ शाखाएं उस दौरान भी मध्य एशिया, पश्चिम एशिया, ईरान, यूरोप, ग्रीक पहुँच गयी हों. जाटों की उत्पति एवं विस्तार में डॉ. अतल सिंह खोखर पृ. १०४ पर लिखते हैं कि राजा कुरु के नाम से टर्की के प्रान्त कुरु (Corch) तथा जांगल (Zonguldak) के मध्य का क्षेत्र कुरु कहलाया.
भीम सिंह दहिया जाट प्राचीन शासक के पृ. २९३ पर खैर कुल के बारे में लिखते हैं कि - ये लोग प्राचीन काल के लेखकों को कोरशमी (कुरुशमी) तथा अवेस्ता में वर्णित खेरसाओ हैं. प. २४८ पर बुध प्रकाश की पुस्तक स्टडीस इन अनसियेंट इन्डियन हिस्ट्री एंड सिविलाइजेसन १९६२ के पृ. ४०५ पर अंकित 'द एज आफ मृच्छ्कटिका' में इस नाटय कृति के अंक ६ में प्रयुक्त शब्द 'खेरखन' पर विचार करते हुए लिखते हैं - उस (अंग रक्षक) ने विदेशी कबीलों के नामों की एक लम्बी सूची दी, जिसमें कई विलक्षण एवं अविख्यात नाम भी हैं और जिनके स्रोत का पता नहीं है. इनमें एक नाम खेरखन भी है. बुध प्रकाश ने होशियारपुर तथा सहारनपुर के जाट कबीलों का अध्ययन कर लिया होता तो वे इतने विवस महसूस न करते. खेर एक जाट काबिले का नाम है. इस कुल के लोगों को खेर कहा जाता है तथा खान तो मध्य एशिया की एक विख्यात उपाधि है. जो एक राजा को प्रदान की जाती है. जैसे प्राचीन खाकान तथा मध्य प्राचीन खान. इस पूर्ण सूची में जिन नामों को दिया गया है इनमें खस, खत्ती , खादोबिलय, कन्नड़, कन्नवरण, द्रविड़, चीना, चोल, बब्बर, खेरखान आदि शामिल हैं.
इन कबीलों में खत्री,चीना, चोल (चहल, चाहर), बब्बर और खेरखस जाटों के कबीले हैं. चोल मध्य एशिया और दक्षिण भारत में भी हैं. मृच्छ्कटिका में इनके राजा का नाम खेरखान कहा गया है. यहाँ खेरसाओं और खेरखान का एक ही अर्थ है. - 'खेर लोगों का राजा'.
भारत, मध्य एशिया, ईरान, यूरोप में कुरु, कुर, केर, कर्ब, कुरूश, कारा और खिर, खैर, खर, खैरबा, खरब का तुलनात्मक अध्ययन करने से ज्ञात होता है कि कुरु और खैर दोनों वंश एक ही समय पर साथ-साथ पाए जाते हैं. हालांकि उच्चारण में मध्य एशिया और यूरोप में 'क' वर्ण 'ख' वर्ण में बदल सकता है, किन्तु यह बदला नहीं है. दोनों वंशों की अपनी अलग पहचान के कारण संभवतः इतिहासकारों द्वारा भी यह सावधानी बरती गयी है.
कविराज योगेन्द्र शास्त्री के 'जाट इतिहास' पृ. २८८ और कैप्टन दलीप सिंह अहलावत के 'जाट वीरों का इतिहास' पृ. १०२४ पर लिखा है -
- "भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के पुत्र ब्रज के बड़े पुत्र खिर थे. इनकी परंपरा ने इसके नाम पर खिरवार वंश के जाट आज भी ब्रज के अंतर्गत आगरा जिले में रहते हैं. पथौली इस वंश की अच्छी रियासत रही है. पंजाब में तरण तारण के समीप खण्डूशाह, सांगोकी, शेरों, उसमा, झाली, गोलाबडा, मानकपुरा इस वंश के प्राचीन आर्यों की बस्तियां हैं. मध्य प्रदेश में यह खिरवार शब्द खिनवाल नाम पर प्रसिद्ध हैं. इधर इस वंश के कुछ पुरुष हरदा, होशंगाबाद में जाकर छत्रपति शिवाजी और उनकी परंपरा की सहायता करते हुए 'भौसला बहादुर' की उपाधि से सत्कृत हुए. राव जगभरथ जी के नृसिंह इष्ट थे, इन्होने नरसिंहावतार के दो मंदिर बनवाए और नरसिंहपुर नामक नगरी को बसाया. इनकी परंपरा देर तक इस नगरी पर स्वतंत्र शासन करती रही. इस परिवार (गोत्र) ने हिन्दू और सिक्खों में सामान प्रतिष्ठा प्राप्त की."
उपरोक्त कथ्य में खिरवार और खिनवार को एक ही माना है. जबकि ब्रज में खिरवार और खेनवार (खिनवार) अलग-अलग गोत्र हैं जो कि आपस में एक नहीं मानते. फिर भी अन्य विवरणों को देखते हुए उपरोक्त शेष विवरण सत्य के निकट प्रतीत होता है. ब्रज क्षेत्र में खिर या खेर वंश की स्थापना के बाद संभवतः इनकी एक शाखा पंजाब के तरण तारण क्षेत्र में चली गयी. इस वंश की एक अन्य शाखा राजस्थान में सीकर जिले के झाड़ली गाँव में सन १०९५ ई. में आबाद हुयी. यहाँ पर ये खैरवा कहलाये. सीकर से इस गोत्र के एक पूर्वज भभूत जी ने श्री सन १३५४ में नागौर जिले के जायल के पास झाड़ली गाँव आबाद किया. उस समय नागौर में दिल्ली बादशाह का सीधा शासन था. कालांतर में मुस्लिम शासकों से तंग आकर इनके वंशज बुद्धजी सन १४६० में भुंवाल (मेड़ता परगना) (भंवाल ?) में जाकर बस गए. यहाँ पर इन्होने कुएं खुदवाए. सन १६५९ में इनके वंशज भारमल जी खैरवा की तत्कालीन जागीरदार से अनबन हो जाने से खैरवा वंश के लोग भुंवाल को त्याग कर ग्राम लाम्बा जाटान में आकर बस गए. जहाँ इनकी १० वीं पीढ़ी आबाद है.
अकाल, महामारी एवं विपरीत प्राकृतिक कारणों से मारवाड़ के निवासी देश के अन्य भागों में पलायन करते रहे हैं. सन १८०४ में इनका पलायन मध्य प्रदेश की तरफ होने लगा, जहाँ कृषि योग्य भूमि एवं जल के अच्छे साधन थे. पांच पीढ़ी पूर्व पूराराम जी का परिवार प्रारंभ में हरदा में जा बसा. वर्तमान में हरदा के पास आलनपुर एवं अन्य तीन गाँवों (ताजपुरा,...) में ६५ खैरवा परिवार बसे हैं. लाम्बा जाटान के इंजीनियर रघुवीर सिंह खैरवा वर्तमान में हरिद्वार में बसे हैं.
Note - Kherwara is a town and tahsil in in Udaipur District in Rajasthan. It needs to research its relation with Khirwar Gotra.
Kherwa Bhat
Distribution in Rajasthan
Villages in Jaipur district
Jekampura, Khatwari Khurd, Chosla, Rajas
Villages in Jhunjhunu district
Bakra, Dholakhera, Jejusar, Posana,
Villages in Sikar district
Devipura Sikar, Jharli, Kalyanpura, Pratappura, Pratappura Srimadhopur, Roop Pura(Thoi),
Villages in Hanumangarh district
Birkali, Kulchandra, Kishanpura Utaradha, Shyora Tada
Villages in Nagaur district
Villages in Churu district
Dheerwas Bara, Manpura Rajgarh,
Distribution in Madhya Pradesh
Villages in Bhopal district
Villages in Harda district
Abagaon Khurd, Adampur Harda, Ajnas Ryt, Alanpur Harda, Dewas Harda, Dhani Tajpura, Dhanwada, Harda, Gogiya, Gondagaon Kalan, Kherwa Dhani, Kusia, Ranhai Khurd, Ratatalai, Sannasya, Sontalai, Tajpura (Harda),
Villages in Sehore district
Richharia Kadim, Jamunia (Sehore), Nasrullaganj
Villages in Dewas district
Distribution in Haryana
Villages in Sirsa district
Distribution in Punjab
Villages in Firozpur district
Notable persons from this clan
- Bala Ram Khairwa (b.-m.11.9.1967) became martyr in Indo China War on 11.9.1967. He was from Posana village in Udaipurwati tahsil of Jhunjhunu district in Rajasthan.
- Dr Ram Lal Choudhary (Kherwa) - ARS-Scientist (Agronomy), ICAR-Directorate of Rapeseed-Mustard Research, Indian Council of Agricultural Research, Dept. of Agricultural Research & Education, MINISTRY OF AGRICULTURE & FARMERS WELFARE, GOVERNMENT OF INDIA,Sewar, Bharatpur- 321 303, Rajasthan, India. Born at village Khatwari Khurd, Phulera, Jaipur. Rajasthan.
- Dr. Ramniwas - Addl. Commissioner, Income Tax from Vill.-Dholakhera, Udaipurwati, Jhunjhunun , Rajasthan.
- Raghuvir Singh Kherwa - Engineer, Born at village Lamba Jatan in Nagaur district in Rajasthan on 30-9-1942[2] B-7, Shivalik Nagar, BHEL Haridwar, Mob: 09411121126
- Mohit Khairwa - IIT Mumbai. s/o Raghuvir Singh Kherwa. [3]
- Neki Ram Jat (Kherwa) - Range Officer, Rajasthan. VP.Kalyanpura Via.Thai Nay Kua Bhamoarda Joda, Current Address : 2/106 Housing Board Colony, Devipura, Sikar. Resident Phone: 01572240606, Mob: 9414469148
- Chandra Singh Khairwa - Principal School Education, Date of Birth : 8-April-1951, Dhani Khairwan PO- Jharli, tah -Srimadhopur, Distt- Sikar, Mob: 9414400101,
- RK Kherwa: IFS, Rajasthan Cadre, DFO Jaipur, M: +919414043922. Village:Jharli Sikar, Srimadhopur tahsil in Sikar district, Rajasthan.
- Rohitashva Kumar Khairwa became martyr on 21.10.2022 in a helicopter crash at Migging village in the border state Arunachal Pradesh's Upper Siang district on Friday 21.10.2022. In this crash Maj Vikas Bhambhu, Maj Mustafa Bohara, Cfn Aswin KV, Hav Biresh Sinha & Nk Rohitashva Kumar laid down their lives in the line of duty in helicopter crash at Migging, Arunachal Pradesh. Nk Rohitashva Kumar was from Posana village in Udaipurwati tahsil of Jhunjhunu district in Rajasthan.
Gallery of Kherwa people
-
R S Khairwa
External links
References
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. ख-51
- ↑ Mahendra Singh Arya et al.: Adhunik Jat Itihas, Agra 1998, p. 378
- ↑ 'Jat Privesh', August 2015,p. 11
Back to Gotras