Dhanda
Dhanda
Dhanda (ढांडा)[1][2] [3] Malhan, Mahla, Mohil, Mahil, Mawlia [4][5] Gotra Jats are found in Punjab, Haryana, Maharashtra and Rajasthan. [6] It is one Of Hindu And Sikh Jat Gotras. [7]. Malhan are also found in dera ghazi khan and Ghotki district of Pakistan.They were supporter of Tomar Confederacy.
Origin
Jat Gotras Namesake
- Dhanda (ढांडा) (Jat clans) → Dhanda (ढांडा) is a village in Amarwara tahsil in Chhindwara district of Madhya Pradesh.
History
Dhanda, Malhan, Mawlia, Mahla, Mohil Jats are one of the ancient jats. They exists from Mahabharata period and they belongs to chandervanshi branch.Another fact is that Dhanda, Malhan, Mawaliya, Mahla,Mohil all are same gotra .Regarding this a panchayat was held 70 years ago in which most of villages in haryana agreed to use Dhanda .From the ancient times Dhanda (ढांडा) last name is used by them.Dhanda gotra real ancestral place was central Asia presently Iran from where they migrated to Punjab.They stayed in Punjab till Alexander's invasion.After strong wars against Alexander's army these people made Rajasthan as their permanent home and their they established their ruling area which was known as Mahilwati (माहिलवाटी). As their area name linked with mahil so some of them started using Mahil,Mahla,Mohil as their last name. Due to migrations to other places Pronunciation keeps on changing related with Mahil.But Dhanda remains the same. From Mahilwati they migrated towards Jaipur after that most of these people entered in haryana and Punjab by crossing through sikar,churu and their they established many big villages. They were supporters ofTomar Confederacy. Bhim Singh Dahiya mentions that a couple of Jat tribes are also mentioned in Kasika. While mentioning the six members constituting the Trigarta confederacy, the Kasika identifies two tribes as Kaundoparatha and Dandaki. Their modern descendants are still called by these names and they are the Kundu and Dhanda Jats in India.[8]
There is an ancient tribe mentioned in Shalya Parva, Mahabharata/Book IX Chapter 44 as Dandavahu. [9]
Garcha, Sirhe, Nain, Chandarh, Dhanda, Kandhole and Khosa Jatts are close kins who are thought to come from Turkistan (Scythian empire) in early history.
तारिम (सीता) नदी के तट पर
कुन्दा-कुण्डू - इस वंश का राज्य तारिम (सीता) नदी के तट पर था। इनके नाम पर पामीर पठार पर कुण्डू नगर है। इनके निकट डांढा (ढांडा) जाट भी थे।[10]
ढांडा गोत्र की महत्वपूर्ण जानकारी
Dhanda (ढांडा) गोत्र को ही कुछ क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे:- झज्जर, सिरसा, दिल्ली तथा पश्चिम उत्तर प्रदेश में (मल्हान, मालन, माल्याण)
फतेहाबाद में (मावलिया या मोलिया)
सीकर, चूरु ,हनुमानगढ में (महला) ।
एक अन्य तथ्य यह भी है कि ऊपर दिए गए सभी गोत्र का निकास Dhanda(ढांडा) गोत्र ही है । Dhanda(ढांडा) गोत्र के शाखा गोत्र: (मल्हान)/(माल्याण)/(मालन) (मावलिया)/(मोलिया) (नरेश), (मोहिल), (महला), (महलावत),
जर्तगण - त्रिगर्त
डॉ. धर्मचंद्र विद्यालंकार[11] ने लिखा है.... यास्काचार्य के पश्चात पाणिनि की अष्टाध्यायी ही हमारे पास एकमात्र शाब्दिक स्रोत इस विषय में है. जिसमें कुल्लू-कांगड़ा घाटी में उनकी संख्या पहले तीन त्रिगर्ता: तो बाद में वै छ: भी गिनाए गए हैं. इनका अपना एक गणसंघ भी [p.15]: था महाभारत ग्रंथ में भी विराटनगर (बहरोड) के पास त्रिगर्तों का निवास वर्णित है. संभवत: वर्तमान का तिजारा जैसा नगर ही रहा होगा.
'कितने पाकिस्तान' जैसी औपनान्याषिक रचना के कथाकार श्री कमलेश्वर ने भी उसी और स्पष्ट संकेत किया है. महाभारत में भी ऐसा एक प्रकरण आया है कि जब त्रिगर्त गणों ने अथवा जाटों के तीन कुलों ने विराटराज की गायों का अपहरण बलपूर्वक कर लिया था, तब वहीं पर छद्म वेशधारी अर्जुन ने अपने गांडीव नामक धनुष बाण से ही उन गायों को मुक्त कराया था. सभी वे तीन जाट जनगण के लोग राजभय से भयभीत होकर उत्तर पश्चिम की दिशा में प्रवास कर गए थे.
यह सुखद संयोग ही है कि बहरोड (विराटनगर) के ही निकट वर्तमान में भी एक सातरोड नामक गांव स्थित है, तो उसी नाम की एक खाप हांसी (असिका) नामक नगर के निकट उन्हीं लोगों की विद्यमान है. जिसका सामान्य सा नामांतरण भाषिक विकार या उच्चारण की भ्रष्टता के कारण सातरोड से सातरोल जैसा भी हो गया है. वहीं से राठी ही राष्ट्री या बैराठी का संक्षिप्त रूप धारण करने वाले वे लोग आगे हरियाणा के रोहतक (महम) और बहादुरगढ़ तक में भी पाए जाते हैं. संभवतः राठौड़ और रोड जैसे वंशज भी वही हों. वे पाणिनि मुनि के आरट्टगण भी संभव हैं.
पाणिनि जिन गण संघों की ओर इंगित करते हैं, उनमें दामला और दाण्डक (ढांडा) तथा कुंडू जैसे गणगोत्र वाची लोग भी हैं. वह हमें वर्तमान में भी कुरुक्षेत्र और कैथल जैसे जिलों में दामल और ढांडा एवं कुंडू जैसे कुलनामोंके साथ आबाद मिलते हैं. बल्कि ढांडा या दाण्डक लोगों का तो अपना एक बड़ा गांव या कस्बा ढांड के नाम से कैथल जिले में स्थित है तो बामल या बामला लोगों का भी अपना एक गांव भिवानी जिले में हमें मिलता है. हां कुंडू लोग उनसे थोड़े पीछे हिसार जिले के पावड़ा और फरीदपुर में बसे हुए हैं. उनके ये गांव शायद रोहतक के टिटौली गांव से ही निसृत हैं. तो पानीपत और पलवल जैसे जिलों में कुंडू जाटों के गांव आज भी आबाद हैं.
महर्षि पतंजलि जो कि ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी के वैयाकरण हैं और जिन्होंने महाभाष्य जैसा महान पाणिनि की अष्टाध्यायी के सूत्रों की व्याख्या के लिए रचा है. वे पुष्यमित्र शुंग नामक क्षत्रिय वंश विनाश कर्त्ता, ब्राह्मण शासक किंवा पौराणिक परशुराम के ही राजपुरोहित और प्रधान अमात्य या महामंत्री भी थे. उन्होंने पाणिनि की अष्टाध्यायी में आगत जर्तों को वाहिक या पश्चिमी पंजाब का ही निवासी वहां पर बताया है. दूसरे, वे उन्हें अब्राह्मणिक और अराष्ट्रिक अथवा गणों में संगठित होने के ही कारण अराजक और बहुभाषी या विकट वाचाल भी बतलाते हैं.
यही घोर घृणा जर्तगणों के प्रति हमें महाभारत के उस कर्ण-पर्व में भी देखने को मिलती है, जिसके अनुसार अपना रथ कीचड़ में फसने पर कर्ण अपने सारथी शल्य के भी सम्मुख उन्हीं जर्तगणों की जमकर खिंचाई करते हैं. वह सब कर्ण के ब्याज से उनके मुख में विराजमान ब्राह्मण ही तो बोल रहा था. क्योंकि जब मद्रराज शल्य उससे यही पूछते हैं कि तुम्हें भला हमारे जर्तगणों के विषय में ऐसी घिनौनी सूचना किसने दी है, तो वह यही स्पष्ट कर देता है कि उधर वाहिक देश से आगत एक ब्राह्मण ने ही उसे यह ज्ञान दिया था. गणतंत्र की व्यवस्था के समर्थक होने से ही महाभारत में जाटों को ज्ञाति कहा गया है.
पश्चिमी पंजाब अथवा वर्तमान के पाकिस्तान से सिकंदर के आक्रमण के पश्चात ही ये त्रिगर्त और षष्टगर्त जनगण आगे पूर्वी पंजाब से भी दक्षिण में राजस्थान की ओर प्रस्थान कर गए थे. ऐतिहासिक अध्ययन से भी हमें यही ज्ञात होता है कि व्यास नदी और सतलुज के उर्वर अंतर्वेद में आबाद यही तीन जर्तगण - मालव, कठ और शिवी गण राजस्थान से गुजरकर ही मालवा और काठियावाड़ी भी गए थे. मालवगण ने ही प्रथम ईशा पूर्व में शकों को पराजित करके दशपुर या दशार्ण प्रदेश और विदिशा को अपने ही कुल नाम पर 'मालवा' नाम दिया था.
Distribution in Punjab
Villages in Gurdaspur district
Dhanda named Villages are is in Batala tahsil in Gurdaspur district in Punjab.
Villages in Jalandhar district
Villages in Ludhiana district
Ruplon
villages in Firozpur district
Dighawali,Paniwala Mahla,Maujgarh,
Villages in Fathegarh sahib district
Villages in Moga district
Mahla Kalan,Mahla Khurd,Ramu Wala
Villages in Nawashahar district
Villages in Patiala district
Malhan village is in Dera bassi tahsil.
Villages in Rupnagar district
Villages in Sangrur district
Mahala,Mahali villages in Maler kotla tahsil, Mehlan village on sangrur dirba highway
Distribution in Haryana
Villages in Karnal district
Villages in Bhiwani district
Kungar, Baganwala, Mandholi Khurd, Premnagar (600), Mandhan Tosham, Mandholi Kalan[12] Dwarka Bhiwani, Ghasola, Dhani Mahu, Garanpura, Mansarwas, Thilor, Dhani phogat,
Villages in Charkhi Dadri district
loharwara,Santor,Bilawal,Morwala
Villages in Kurukshetra district
Barna, Barwa, Bhainsi Majra (50), Kharindwa (400), Machhrauli, Sarsa,
Villages in Jind district
Badanpur, Brah Kalan, Dhanda Kheri (500), Gatauli (800), Jay Jaywanti, Sangatpura (600), Sunderpur (100), Kharak Ramji (500), Buwana, Sunderpura,
Villages in Panipat district
Kawi (800), Gawalra (700), Garawadaa, Pahladpur Khalila (100),
Villages in Yamunanagar district
Bhagwangarh (150), Bhago Majra, Kandroli (250), Sudhail, Sudhul,
Villages in Kaithal district
Dhanauri (3500), Khedi Sandal (600), Kithana (2500), Kultaran,Kakot
धनौरी में ढांडा गोत्र के 3500 परिवार हैं। किठाणा में ढांडा गोत्र के 2500 परिवार है। किठाणा से ही बसे खेड़ी संदल में ढांडा गोत्र के 600 परिवार आबाद है।
Villages in Hisar district
Budana (750), Hasangarh, Hisar, Litani, Mirchpur (3000), Muklan, Neoli Kalan (1200), Parbhuwala, Sandlana (40), Mirzapur Hisar, Kanwari (25), devsar (250), shamsukh, Sheikhpura, Rakhi Khas, Moth, Saharwa, Telanwali Hisar, Siwani Bolan, Jagan, Dhansu, Dabra,
हिसार में ढांडा गोत्र के सभी गांव मिर्चपुर से बसे हुए है। मिर्चपुर में ढांडा गोत्र के 3000 परिवार है। न्योली कलां में 1200 परिवार ढांडा गोत्र के है।
Villages in Fatehabad district
Sekhupur Daroli, Jandli, Dhani Dulat,
Villages in Jhajjar District
Subana (500), Babepur, Gudha, Sasrauli,
Villages in Palwal District
Villages in Sirsa district
Odhan (800), Chautala, Jasania, Lakhuana, Nezia Khera,
Villages in Gurgaon district
Villages in Sonipat district
Villages in Delhi
Distribution in Rajasthan
Villages in Sikar district
Abhawas, Alafsar, Badalwas, Badhadar, Banthod, Bhainrupura, Bhauji ki Dhani, Bidoli, Bhilunda, Chhota Pana Ki Dhani, Chandpura, Dadia, Dedi Dhani, Deewan Ji Ka Bas, Dhani Berawali, Dinarpura Sikar, Disnau, Dujod, Hamirpura, Jajod, Jankipura Sikar, Jogiyon Ka Bas, Kanwarpura, Karnipura, Khud, Kochhor, Ladpur Nangal, Srimadhopur, Karanpura, Kerpura, Khinwasar, Khudi Bari, Palsana, Pura ki Dhani, Rasoolpur, Sukhpura, Theekaria, Sadinpura, Shivsinghpura, Srimadhopur, Swarupnagar, Swarupsar, Tidwa, Udansar, Ringus,
Villages in Jhunjhunu district
Ajari Kalan, Angasar, Ardawata, Badalwas, Bajawa, Bhadunda Khurd, Bhapar, Bhatiwar, Bhorki, Bhurasar ka Bas, Bugala, Chirasan, Godoo Ka Bas, Hansasari, Jalimpura, Kari, khajpur Naya, Kodesar, Lalpur, Loyal, Mahla Ki Dhani, Gudha Gorji, Nar Singhani, Posana, Seethal, Seja Ki Dhani, Shobha Ka Bas , Shri Amarpura, Sonasar, Tamkor, Warispura Bara,
villages in Churu district
Balrasar, Barjangsar, Bidasar, Chhapar, Dokwa, Dudhwa Khara, Hansasar, Kadia, Manpura Rajgarh, Mehla Ka Bas, Ojhriya, Raghunathpura, Raiya Tunda, Satyun, Sujangarh, Bas Dhakan,
Villages in Alwar district
Behror,Jat Behror,Kherli Pichnot,Tikla,
Villages in Jaipur district
Dhanota Jaipur, Dhani Nagan, Kishorpura, Laxmipura Chaksu, Maheshwas, Pindloi, Sali Jaipur (), Saypura, Sinwar Jaipur, Ladana, Renwal,
Villages in Hanumangarh district
Bhagwansar, Chaiya, Chhani Badi, Goluwala Niwadan, Mehriya, Nukera, Pakka Sarna, Phephana, Ramgarh Ujjalwas, Ramgarh, Ratanpura, Rorawali, Sangariya,
Villages in Tonk district
Janakipura, Govindpura Keriya, Keria, Lamba Harisingh, Rajwas, Rampura,
Villages in Nagaur district
Kakot, Kushalpura, Payali, Haripura,
Villages in Ajmer district
Distribution in Uttar Pardesh
Villages in Agra district
Villages in Aligarh district
Bhojpur, Jattari, Jikarpur, Khair, Mathna, Takkipur,
Villages in Bulandshahr district
Villages in Meerut district
Villages in Mathura district
Distribution in Madhya Pradesh
Villages in Raisen district
Distribution in Pakistan
Malhan /Mahil mulla jats are found in Dera Ghazi Khan , Okara,Ghotki, Khanewal, Sahiwal, Hafizabad, Bhawalpur dist . in Pakistan.They were living in areas of Hisar dist before Partition.
Notable persons
- Choudhary Ved Pal Dhanda Former Deputy Speaker HARYANA
- Hon. Cap (Risaldar) Jai Lal Malhan : Victoria cross award
- Jailal Dhanda: Politician in Haryana
- Kamlesh Dhanda: Politician
- Jagdeep Dhanda: H.C.S. (Special Secretary PWD, Haryana. CEO,Zila Parishad)
- Yan Dhanda:English footballer
- Parmjit Dhanda: english Politician
- Amarjeet Dhanda:MLA from Julana
- Kuldeep Dhanda :Indian boxer
- Sunita Malhan : Rani Laxmi Bai award winner.
- Rajendra Singh Malhan : ADM, Agra.
- Dr. Anar Singh Malhan : Rajasthan state chairman of national human rights organization.
- Prem Chandra Dhanda : Padma Bhushan - 1962, Punjab, Medicine. [14]
- Nar Singh Dhanda - Ex Minister from Khedi Sandal (खेड़ी संदल) village in Kaithal of Haryana.
- Justice Pritam Pal - retired judge of the Punjab and Haryana High Court and presently Lokayukta of Haryana.
- Sant Tarachand - (1925-1997) (संत ताराचंद), Gotra Dhanda from village Dinod District Bhiwani, Haryana.
- Sukhda Pritam - Judicial Magistrate First Class. Daughter of Justice Pritam Pal
- Pooja Dhanda - Silver medalist in Commanwealth.
- Sant Ram - Retired deputy collector.
- Mahipal Dhanda - MLA from Panipat Rural constituency, Haryana.
- Ajai Pal Pritam - Advocate Supreme Court of India, son of Justice Pritam Pal.
- Aman Pal - Advocate Punjab and Haryana High Court, son of Justice Pritam Pal.
- Smt. Premlata Singh - MLA from Uchana Kalan
- Late Colonel Amar Singh Dhanda - Was an army officer from Kawi village, tah: Madlauda, dist: Panipat, Haryana.
- comrade Trilok Singh - Communist MLA sikar district Rajesthan.
- Ramswarup Singh Mahla - From Alwar is a social worker.
- Surinder Singh Barwala - Politician in Haryana.
- Kuldeep Singh Dhanda - Khap President.
- Kunwar Singh Mahla - From Sawarupsar, Sikar.
- Khadag Singh Mahla - Freedom fighter in shekhawati farmers movement.
- Dool Singh Mahla - Proffesor in Pilani college.
- Baksha Ram Mawaliya - Founder of Jat Bazar, Sikar.
- Squadron Leader L Malhan (Jhajjar) - Indian Air force
External Links
References
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. ध-22
- ↑ History and study of the Jats/Chapter 10
- ↑ B S Dahiya:Jats the Ancient Rulers (A clan study), p.238, s.n.60
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. ध-13
- ↑ O.S.Tugania:Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu,p.45,s.n. 1291
- ↑ Ashok Dingar & A.B. Sumrao, “Maharashtra mein Jaton ki Biradari” – Jat Veer Smarika 1987-88, Jat Samaj Kalyan Parishad Gwalior. pp. 65,66,67
- ↑ Jat History Thakur Deshraj/Chapter VIII,s.n. 150,p-585
- ↑ Jats the Ancient Rulers (A clan study), p.73
- ↑ शवेतवक्त्रः सुवक्त्रश च चारु वक्त्रश च पाण्डुरः। दण्डबाहुः सुबाहुश च रजः कॊकिलकस तदा ।Mahabharata (9.44.68)
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter IV,p.352
- ↑ Patanjali Ke Jartagana or Jnatrika Kaun The,p.14-15
- ↑ User:Deepak4sehrawat
- ↑ User:Sk56
- ↑ Ministry Of Home Affairs (Public Section), Padma Awards Directory (1954-2013), Year-Wise List
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