Bhopal

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Map of Bhopal District‎
Bhopal District

Bhopal (भोपाल) is Capital city and district headquarters in Madhya Pradesh.

Variants

History

Bhopal is said to have been founded by the Parmar King Raja Bhoj (1000–1055), who had his capital at Dhar. The city was originally known as Bhojpal named after Bhoj. In the 17th century Afghan Sardar Dost Mohammed Khan, who was a commander in the Mughal army posted at Mangalgarh, which lies to the north of the modern city of Bhopal took advantage of the disintegration of the Mughal empire, he usurped Mangalgarh and Berasia (now a tehsil of the Bhopal District). Sometime later, he helped the Gond Queen Kamalapati by executing her husband's assassins and restoring the little Gond kingdom back to her. The Queen gave him a princely sum of money and the Mouza village (which is situated near modern Bhopal city). After the death of last Gond queen, Dost Mohammed Khan took his chance and seized the little Gond Kingdom and established his capital 10 km away from modern Bhopal, at Jagdishpur. He named his capital Islamnagar, meaning the city of Islam. He built a small fort and some palaces at Islam nagar, the ruins of which can still be seen today. After few years, he built a bigger fort situated on the northern bank of the Upper Lake. He named this new fort Fatehgarh ("the fort of victory"). Later the capital was shifted to the current city of Bhopal.

Recently Inscription of Buddha have been discovered at village Nagauri in Nateran tahsil in Vidisha district of Madhya Pradesh. This Inscription is of 11-12th century and engraved on a rocks of 4-5 feet high. The archaeologists are of the view that there must some more inscription like this. There is a need to further research.

Jat Mahakumbh Bhopal 14.05.2023

भोपाल में रविवार दिनांक 14 मई 2023 को दशहरा भेल मैदान में जाट महाकुम्भ का अयोजन हुआ। जिसमें जाट समाज से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा हुई थी। महाकुम्भ, कुम्भ अयोजन की तर्ज पर आयोजित होता है। मध्य प्रदेश में पहला जाट महाकुम्भ वर्ष 1999 में उज्जैन में, 12 वर्ष बाद वर्ष 2011 में भोपाल में (वर्ष 2011 में आरक्षण रैली निकाली गई थी, उसे महाकुंभ कहा गया है। रैली श्री यशपाल मलिक जी के नेतृत्व में हुई थी।) तथा पुन: 12 वर्ष बाद वर्ष 2023 में भोपाल में आयोजित हुआ है। राजधानी में जाट समाज का पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजन हुआ।

यह महाकुंभ किसी व्यक्ति विशेष के नेतृत्व में आयोजित नहीं था। मध्यप्रदेश के समस्त जाट संगठनों और समाज सेवियों के परिश्रम का फल है। सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया है। इसमें व्यय की गई धनराशि (लगभग 35 लाख रुपये) समाजजनों द्वारा गांव-गांव, शहर-शहर घूमकर प्राप्त की गई थी । इसमें सबसे बड़ा सहयोग श्री कमल पटेल, कृषि मंत्री जी का रहा है । श्री राधे जाट और श्री रंजीत जाट की सेवा भी विशेष सराहनीय रही है । इस महाकुंभ का बीजारोपण उन्ही के द्वारा किया गया था। इस महाकुंभ के आयोजक आप और हम तथा समस्त जाट समाज है आप और हम की भावना के अनुरूप ही यह कार्यक्रम अत्यधिक सफल रहा है।

जाट महाकुम्भ आयोजन का उद्देश्य: जाट महाकुंभ भोपाल के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज को एकता के धागे में पिरोना तथा समाज की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक अस्मिता को मध्यप्रदेश में स्थापित करना है। मध्य प्रदेश में जाट समाज की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना, समाज में अपनी ऐतिहासिक धरोहर के बारे में जागृति पैदा करना, हमारे समाज के अनेक सांस्कृतिक, धार्मिक व्यक्तियों, राजा महाराजाओं जो ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर जाट हैं, उन्हें कुछ लोग अन्य जातियों का सिद्ध करने में लगे हुए हैं, उन्हें संरक्षित करना है।

जाट महाकुम्भ का आयोजन दिनांक 14 मई 2023 को भोपाल के जाट महाकुंभ के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, कृषि मंत्री मध्यप्रदेश कमल पटेल, विधायक नीना वर्मा, हरियाणा से आए अभय चौटाला, यशपाल मलिक, सांसद हनुमान बेनीवाल, अखिल भारतीय जाट महासभा के युद्धवीर सिंह आदि प्रमुख लोग पहुंचे।

समाज के महाकुंभ में पहुंचे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने तेजाजी की वीरता और सत्यवादिता का वर्णन यों किया - बचनबद्धता का पालन करने के लिए तेजाजी ने स्वयं को एक सर्प के सम्मुख प्रस्तुत कर दिया था। वे गायों की रक्षा करने के उपरांत युद्ध भूमि से आए थे और उनके शरीर का कोई भी हिस्सा हथियार की मार से अक्षत्‌ नहीं था। घावों से भरे शरीर पर अपना दंश रखने को सर्प को ठौर नजर नहीं आई, तो उसने काटने से इन्कार कर दिया। वचन-भंग होता देख घायल तेजाजी ने अपना मुँह खोल कर जीभ सर्प के सामने फैला दी थी और सर्प ने उसी पर अपना दंश रख कर उनके प्राण हर लिए थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि तेजाजी की याद में वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा और तेजाजी के निर्वाण दिवस पर तेजा दशमी पर ऐच्छिक अवकाश भी मिलेगा।

शिवराज सिंह ने शूरवीर मुख्य-मुख्य जाट राजाओं के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि जाट राजाओं और महापुरुषों के अध्याय स्कूलों के पाठ्य पुस्तकों में सम्मिलित किये जाएंगे तथा जाट इतिहास पढ़ाया जायेगा जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।

शिवराज सिंह ने जाट समाज के शैक्षणिक भवन के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर में जमीन देने की भी बात कही।

जाट समाज की प्रमुख मांगे -

1. तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस तेजा दशमी पर एक दिन का प्रदेश में शासकीय अवकाश घोषित किया जाए ।

2. मध्य प्रदेश राज्य वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए । मध्यप्रदेश सरकार ने जाट महाकुंभ की महत्वपूर्ण मांग "वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड" की मांग को स्वीकार करते हुए तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन कर 8 जून 2023 को कर दिया है। आदेश की प्रतिलिपि नीचे दी गयी है|

3. ओबीसी आरक्षण की बहाली की जावे 27% आरक्षण लागू किया जावे।

4. केंद्र की भर्ती परीक्षाओं में जाट समाज को ओबीसी में शामिल किया जावे।

5. चुनाव के समय टिकट वितरण में जाट समाज के उम्मीदवारों को हर पार्टी से 10-10 उम्मीदवारों को टिकट वितरण किया जाए।

6. हमारे समाज के महापुरुषों के इतिहास के साथ जो छेड़छाड़ की जा रही है उसे बंद किया जावे और एक इतिहासकारों की टीम बनाकर उसे सुधारा जावे ।

7. हूण विजेता जाट सम्राट यशोधर्मा विर्क की मूर्ति भोपाल में स्थापित की जावे एवं मंदसौर में स्थित मूर्ति के नीचे शिलालेख में जाट सम्राट यशोवर्धन विर्क अंकित किया जावे ।

8. जोगा जाट किले की मरम्मत कराकर उसे जाट राजा जोगा सिंह द्वारा निर्मित लिखकर वहां लगाया जावे ।

9. फसलों के न्यूनतम समर्थं मूल्य पर कानून बनाया जाए ।

10. जाट महापुरुषों के इतिहास को मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए यथा चंदेरी के जाट राजा पूरणमल जिन्होंने बाबर को हराया था, यशोधर्मा विर्क जिन्होंने विश्व विजेता हूणों को हराया था, गोहद नरेश महाराजा भीम सिंह राणा जिनके किले को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया है और जिनके राज्य में 360 किले और गढ़ियां थी, आजाद हिंद फौज के संस्थापक राजा महेंद्र प्रताप जी, हिंदू धर्म रक्षक महाराजा सूरजमल जी, महाराजा रणजीत सिंह जी, वीर गोकुला, भक्त शिरोमणि कर्मा बाई, धन्ना भगत आदि. उपरोक्त सभी महापुरुषों की प्रतिमाएं पूरे प्रदेश में स्थापित की जाएं एवं इन्हें मध्यप्रदेश शिक्षा पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए।

11. ग्वालियर स्थित महाराजा भीम सिंह राणा की छतरी एवं भीमताल को यथा स्थान संरक्षित किया जाए।

12. ओंकारेश्वर धर्मशाला को भी यथा स्थान रखा जाए।

जाट महाकुम्भ में पधारे कुछ वक्ताओं के वीडियो निचे दिए गए हैं:

जाट महाकुम्भ के बारे में समाचार पत्रों में छपी कुछ ख़बरें निचे दी गयी हैं:

भूपाल = भोपाल

विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...भूपाल (म.प्र.), (AS, p.675): कहते हैं कि परमार वंशीय नरेशों में प्रसिद्ध राजा भोज ने 1010 ई. के लगभग इस नगर को बसाया था. भोज पाल इसका प्राचीन नाम था. अब तक भोपाल का एक भाग भोजपुर के नाम से प्रसिद्ध है जहां का प्राचीन कला पूर्ण शिवालय इस स्थान का सुंदर स्मारक है. भोपाल के निकट प्राचीन काल में एक बड़ी झील राजा भोज ने सिंचाई के लिए बनवाई थी. इसके बांध को गुजरात के सुल्तान होशंगशाह ने कटवा दिया था. कहा जाता है कि 3 साल तक इस झील का पानी निरंतर बहता रहा और 3 साल में यह स्थान बसने योग्य हुआ था. आजकल भी भोपाल के पास का क्षेत्र बहुत उपजाऊ है. वर्तमान ताल इसी प्राचीन झील का अवशिष्ट अंश हो सकता है. किंवदंती के अनुसार वास्तव में यह झील बहुत पुरानी है और कई लोग इसे रामायण में वर्णित पंपसर भी मानते हैं किंतु यह अभिज्ञान ठीक नहीं जान पड़ता क्योंकि पंपासरोवर [p.676]: किष्किंधा के निकट था (देखें पंपा, किष्किंधा). भोपाल के ताल के तट पर प्राचीन गोंड शासिका कमलापति का दो मंजिला भवन है. कहा जाता है यह प्रासाद पहले 7 मंजिला था और इसकी कई मंजिल तालाब के अंदर हैं. यह जन-प्रवाद यहां प्रचलित है कि कमलापति ने अपना पति की मृत्यु का संकेत पाकर अट्टालिका से नीचे ताल में कूदकर आत्महत्या कर ली थी.

भोपाल में, भूतपूर्व मुसलमानी राजवंश का राज्य 18 वीं सदी के उत्तरार्ध में स्थापित हुआ था. इस राजवंश के शासनकाल के अनेक राज महल तथा सुंदर भवन यहाँ के भव्य स्मारक हैं. इनमें सात मंजिला ताजमहल जो शाहजहां बेगम का निवास-गृह था, अब भी भोपाल के गतवैभव का साक्षी है. सचिवालय से प्राय 2 फर्लांग की दूरी पर भोपाल के भूतपूर्व नवाब हमीदुल्ला खां का महल है जिसे अहमदाबाद कहा जाता है.

भोपाल परिचय

भोपाल शहर मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी है। भोपाल मध्य प्रदेश राज्य के मध्य भारत में स्थित है। भूतपूर्व रजवाड़े भोपाल का एक हिस्सा यह शहर मालवा पठार की उपजाऊ समतल भूमि पर स्थित है। भोपाल शहर का नाम राजा भोज द्वारा शहर की सीमाओं के अंदर निर्मित एक ताल, भोज ताल से लिया गया है। एक और मत यह है कि यह 'भोज पाल' या 'भोज के बांध' पर आधारित है। जिसने भोपाल शहर के ताल को उत्पन्न किया। भोपाल शहर 1722 से अस्तित्व में है, जब दोस्त मुहम्मद ने मौजूदा ताल की उत्तरी दिशा में फ़तेहगढ़ क़िले का निर्माण प्रारंभ किया। किसी भी अतिरेकी बहाव को नियंत्रित करने के लिए ऊपरी ताल (बड़ा तालाब) और निचला ताल एक जलसेतु से जुड़े हैं।

स्थापना: बादशाह अकबर ने रानी दुर्गावती के गोंडवाना राज्य से अलग करके जागीर बना दिया। कुछ काल तक यह एक नवाब के अधीन रहा था और उसके पश्चात् 1761 ई. के बाद वह अर्ध-स्वतंत्र हो गया। लेकिन 1817 ई. में इसका शासक अंग्रेज़ों के साथ सहायक संधि करने के लिए बाध्य हुआ। 1948 ई. में भोपाल रियासत भारतीय गणराज्य में मिला ली गयी और संप्रति यह मध्य प्रदेश की राजधानी है।

इतिहास: भोपाल ब्रिटिश साम्राज्य का दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम प्रदेश था। इसके शासक ब्रिटिश शासन के प्रति निष्ठावान बने रहे और मराठों के साथ कई युद्ध भी लड़े। 1818 में स्थापित भोपाल एजेंसी ब्रिटीश सेंट्रल इंडिया एजेंसी का एक उपखंड था, जो पूर्व सामंती प्रदेशों राजगढ़, नरसिंहगढ़ और दूसरी कई रियासतों को समाविष्ट किए हुए था। आज़ादी के बाद भी भोपाल भारत की एक पृथक् रियासत बना रहा और 1949 में इसे भारत में मिला लिया गया। 1952 में नवाबों का निर्बाध शासन समाप्त हो गया और एक प्रधान आयुक्त का राज्य स्थापित किया गया। 1956 में यह मध्य प्रदेश राज्य के साथ मिल गया।

भोपाल गैस त्रासदी: 2 और 3 दिसंबर 1994 की दरमियानी रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) नाम की गैस सहित कई विषैली गैसों का 32 टन के आसपास रिसाव हुआ। मरने वालों की संख्या शुरू में 5000 के आसपास दर्ज की गयी थी। कई आंकड़ों के हिसाब से दो सप्ताह के भीतर 18000 मौतें हुईं और अनुमान है की गैस विषाक्तता से संबंधित रोगों से 8000 मौतें और हुईं। ग्रीनपीस संगठन ने अपने अनुमान में हताहतों की संख्या 20,000 के आसपास बताई। हर साल 3 दिसंबर को आधिकारक रूप से शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी भोपाल के समस्त सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। भोपाल गैसकांड को अक्सर दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना के रूप में पेश किया जाता है।

यातायात और परिवहन: वायु मार्ग: राजा भोज विमानतल को भी भोपाल हवाई अड्डा भी कहा जाता है। यह ओल्‍ड सिटी से 12 किलोमीटर की दूरी पर है। दिल्ली, मुंबई और इंदौर से यहाँ के लिए इंडियन एयरलाइन्‍स की नियमित हवाई जहाज़ हैं। ग्वालियर से यहाँ के लिए सप्‍ताह में चार दिन हवाई जहाज़ हैं।

रेल मार्ग: भोपाल का रेलवे स्‍टेशन देश के विविध रेलवे स्‍टेशनों से जुड़ा हुआ है। यह रेलवे स्‍टेशन दिल्‍ली - चैन्नई रूट पर पडता है। शताब्‍दी एक्‍सप्रेस भोपाल को दिल्‍ली से सीधा जोड़ती है। साथ ही यह शहर मुम्‍बई, आगरा, ग्वालियर, झांसी, उज्जैन आदि शहरों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्‍यम से जुड़ा हुआ है।

सडक मार्ग: सांची, इंदौर, उज्जैन, खजुराहो, पंचमढ़ी, जबलपुर आदि शहरों से आसानी से सडक मार्ग से भोपाल पहुँचा जा सकता है। मध्‍य प्रदेश और पड़ोसी राज्‍यों के अनेक शहरों से भोपाल के लिए नियमित बसें चलती हैं।

बड़ा तालाब: 'बड़ा तालाब' मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मध्य में स्थित मानव निर्मित एक झील है। इस तालाब का निर्माण 11वीं सदी में किया गया था। भोपाल की यह विशालकाय जल संरचना अंग्रेज़ी में 'अपर लेक' कहलाती है। इसी को हिन्दी में 'बड़ा तालाब' कहा जाता है। इसे एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील भी माना जाता है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पश्चिमी हिस्से में स्थित यह तालाब भोपाल के निवासियों के पीने के पानी का सबसे मुख्य स्रोत है।

भोपाल के 'बड़े तालाब' का निर्माण 11वीं सदी में 'परमार वंश' के राजा भोज ने करवाया था। बेहद प्राचीन और जन-उपयोगी इस जलाशय का इतिहास अनेक खट्टे-मीठे अनुभवों से भरा हुआ है। तालाब का कुल भराव क्षेत्रफल 31 किलोमीटर है। भोपाल की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को यह झीलनुमा तालाब लगभग तीस मिलियन गैलन पानी रोज देता है। इस बड़े तालाब के साथ ही एक 'छोटा तालाब' भी यहाँ मौजूद है और यह दोनों जल क्षेत्र मिलकर एक विशाल 'भोज वेटलैण्ड' का निर्माण करते हैं, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय रामसर सम्मेलन के घोषणा पत्र में संरक्षण की संकल्पना हेतु शामिल है।

उद्योग और व्यापार: भोपाल शहर ने व्यापार, वाणिज्य और उद्योग में तेज़ी से प्रगति की है। यह अनाज, तेल, किराना व लेखन-सामग्री का एक व्यापक थोक और खुदरा केंद्र है। लगभग एक-तिहाई जनता श्रमिकों के रूप में गिनी जाती है। नौ औद्योगिक, श्रेणियों में से श्रमिक मुख्यतः अन्य सेवाओं, व्यापार, वाणिज्य, ग़ैर घरेलू विनिर्माण, निर्माण और परिवहन व संचार में संलग्न हैं। भोपाल में मुख्य उद्योगों में कपास और आटा मिलें, वस्त्र बुनाई, चित्रकारी और ट्रांसफार्मर, स्विचगियर, कर्षण मोटर और दूसरे भारी विद्युत उपकरणों के अतिरिक्त दियासलाई, लाख और खेल सामग्री का निर्माण भी सम्मिलित है। बटुवा निर्माण, ज़री कसीदाकारी, काष्ठ और लौह फ़र्नीचर का उत्पादन, हलवाई और नानाबाई की दुकान व बीड़ी निर्माण लघु उद्योग में शामिल हैं।

पर्यटन: भोपाल का मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। भोपाल शहर प्राकृतिक सुन्दरता और सांस्कृतिक विरासत के साथ साथ आधुनिक शहर के सभी आयाम प्रस्तुत करता है। प्राचीनता के वैभव से मन भर जाए और अगर मध्य युगीन भारत को देखने का मन करे तो आप भोपाल शहर में घूमना शुरू कर सकते है क्योंकि भोपल ने अपने अन्दर अज भी नवाबी तहजीब और नवानियत को कैद कर रखा है। मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा मध्‍य कालीन नवाबों के वैभव की याद दिला देता है।

संदर्भ: भारतकोश-भोपाल

भोपाल के नवाब

भोपाल में लगभग 250 साल दोस्त मोहम्मद और उनके वारिसान का शासन रहा। इन में आठ नवाब और नौ बेगम रहीं। भोपाल के आस-पास अनेक स्थानों के नाम इनके द्वारा दिये गए हैं।

बेगम शाहजहाँ के कार्यकाल में 1879 में इटारसी से भोपाल रेल्वे लाइन डाली गई थी। प्रिन्स्ली स्टेट होने से बेगम ने रेल्वे लाइन के लिये ज़मीन अंग्रेजों को मुफ़्त में दी, कुछ पैसा बेगम ने भी लगाया और फ़िरंगी से एक गुज़ारिश की थी कि भोपाली से कभी भी प्लैट्फ़ॉर्म टिकट ना लिया जाये, जिसे अंग्रेजों ने माना। भोपाल के पुराने बाशिंदों को आज भी याद होगा कि वे तफ़रीह के लिये रेल्वे स्टेशन जाते थे। तब वहाँ से गुजरने वाले खूबसूरत चेहरों का दीदार तो होता ही था दीन दुनियाँ की खबरें भी मिल जाती थीं। नसरुल्ला खान के बड़े लड़के हबीबुल्ला के नाम पर भोपाल में छोटी सी जागीर थी जिसे हबीब गंज कहा जाता था।

सन् 1900 के लगभग भोपाल में बेगम के पद पर सुल्तान जहां क़ाबिज़ हुईं। उनके नाम पर रायसेन ज़िले में सुल्तानपुर तहसील और सुलतानिया जनाना अस्पताल बना है। उनके तीन लड़के और दो लड़कियाँ हुईं। लड़कियाँ कम उम्र में अल्लाह को प्यारी हो गईं जिनमें से एक का नाम बिल्कीस जहां था और उसके नाम पर सीहोर ज़िले की सीहोर तहसील में एक क़स्बा बिल्कीस गंज है।

तीन लड़के वरिष्ठता अनुसार ऐसे थे - 1. नसरुल्ला, 2. ओबेदुल्ला, 3. हमीदुल्ला। इनकी जागीरों के नाम पर नसरुल्ला गंज,ओबेदुल्ला गंज क़स्बे हैं और आख़री नवाब हमदुल्ला के नाम पर आज का हमीदिया कॉलेज और व्यस्ततम हमीदिया रोड है। नसरुल्ला खान सबसे बड़े होने के कारण नवाब होने के हक़दार थे मगर वे अल्ला वाले थे इसलिए अंग्रेजों को पसंद ना आये। दूसरे ओबेदुल्ला मस्तमौला, हॉकी के खिलाड़ी और दबंग थे इसलिये अंग्रेजों ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया। हमीदुल्ला अलीगढ़ और बाद में बरतानिया से पढ़ लिख आये और अंग्रेज तथा सुल्तान जहां बेगम दोनों की पसंद थे इसलिए नवाब बन गये। नसरुल्ला और अब्दुल्ला की मृत्यु संदिग्ध हालतों में हुई।

इन हालातों में नसरुल्ला खान का बड़ा लड़का हबीबुल्ला नवाबी का हक़दार बना। इसके नाम पर भोपाल में छोटी सी जागीर थी जिसे हबीब गंज कहा जाता था। दिल्ली सरकार में उसने केस किया कि उसे नवाब बनाया जाये और फ़ैसला उसके हक़ में हुआ। मगर उसकी नवाबी ज़्यादा दिन नहीं चली। बेगम सुल्तान जहां और हमीदुल्ला लंदन रवाना हो गये और विक्टोरिया महारानी से अपने पक्ष में फ़ैसला ले आये। इस प्रकार हबीबुल्ला अपदस्थ हुए।

इतिहास अपने आप को कैसे दोहराता है। 15.11.2021 को फिर हबीबुल्ला अपदस्थ होकर कूचे से बाहर हैं और “ताल तो भोपाल ताल बाक़ी सब तलईयें, रानी तो कमलापति बाक़ी सब गधईयें” की कहावत वाली रानी का नाम भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन पर चमचमा रहा है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मौजूद हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है जो गिन्नोरगढ़ की रानी कमलापती के नाम पर किया गया है।

स्रोत - सुदेश वाघमारे की फेसबुक पोस्ट, 16.11.2021, भोपाल का हबीब गंज रेल्वे स्टेशन, नवाबजादा हबीबउल्लाह और रानी कमलापती-मिथक और सच्चाइयाँ

रानी कमलापती का परिचय

रानी कमलापती

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मौजूद हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है. इस फ़ैसले के साथ ही प्रदेश में इतिहास को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. रानी कमलापति एक गोंड रानी थीं जिनका विवाह गिन्नौरगढ़ के राजा के साथ हुआ था. उन्हें गोंड राजवंश की अंतिम रानी माना जाता है. भोपाल में कमला पार्क उन्हीं के नाम पर बना है और उसी में उनका एक महल भी मौजूद है. रानी कमलापति के बारे में कहा जाता है कि वह बहुत ख़ूबसूरत थीं. इतिहासकारों की बात मानें तो भोपाल से लगभग 60 किलोमीटर दूर गिन्नौर गढ़ था जहां के राजा निज़ाम शाह थे. उस वक़्त भोपाल भी निज़ाम शाह के क़ब्ज़े में था. निज़ाम शाह एक गोंड राजा थे जिनकी सात बीवियां थीं. निज़ाम शाह की सात बीवियों में से एक बीवी का नाम कमलापति था. [2]

नागौरी शिलालेख

साँची के पास नागौरी गाँव में यह शिलालेख प्राप्त हुए हैं जो साँची मुख्य स्तूप से नागौरी गाँव की और के ढलान वाले सबसे निचले हिस्से में बुद्ध का शिलालेख स्थित है. इस शिलालेख की लिपि नागरी और भाषा संस्कृत है. दो पंक्तियों में अभिलेख और उसके नीचे भगवन बुद्ध से सम्बंधित कहानी उत्कीर्ण है. इसमें लिखा है कि जब भगवान बुद्ध सिंहासन पर बैठकर (पद्मासन)तपस्या कर रहे थे तो उनकी तपस्या में बाधा डालने के लिए दोनों तरफ से उत्तेजित अवस्था में हाथी उन्हें अपनीअपनी और खींच रहे थे. इस अवस्था से निकलने के लिए भगवान बुद्ध अपने तपोबल से ऊपर उठ गए और हाथी के खींचने का उन पर कोई असर नहीं हुआ. [3]

गोनर्द

विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है ...गोनर्द (AS, p.300) पाली ग्रंथ 'सुत्तनिपात' के अनुसार विदिशा तथा उज्जयिनी के मार्ग के बीच में स्थित एक नगर था। इस नगर को शुंग काल के उद्भट विद्वान् पतंजलि का जन्म स्थान माना जाता है। पतंजलि की माता का नाम 'गोणिका' था। ये 'योग दर्शन' तथा पाणिनि के व्याकरण के 'महाभाष्य' के विख्यात रचयिता थे। कई विद्वानों के मत में 'चरकसंहिता' के निर्माता भी पतंजलि ही थे। ऐसा जान पड़ता है कि गोनर्द की स्थिति भोपाल के निकट थी।

राजधानी भोपाल का उप नगर, कोलार

राजधानी भोपाल का उप नगर, कोलार (डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर), तहसील- कोलार, जिला - भोपाल, नगर पालिका निगम, भोपाल. कोलार क्षेत्र भोपाल के एक उपनगर के रूप में विकसित हुआ है । यह नगर करीब 8-9 किलोमीटर के क्षेत्र में बसा हुआ है। कोलार डैम यहां से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है । इसी कोलार डैम के नाम से क्षेत्र का नाम कोलार पड़ा । पहले यहां ग्राम पंचायतें थी । बाद में नगर पालिका परिषद बनी और अब यह क्षेत्र भोपाल नगर निगम के अंतर्गत आता है । बेतवा नदी का उद्गम स्थल कोलार रोड पर स्थित गांव झिरी है। आस-पास के गांव: सुहागपुर, गेहूं खेड़ा, दाम खेड़ा, अकबरपुर, नयापुरा, चीचली, बैरागढ़, इनायतपुर थुआ खेड़ा, गोलगांव, कजली खेड़ा आदि। जनसंख्या लगभग 1.75 लाख.

कोलार क्षेत्र में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तीन निजी चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, 3 शासकीय स्कूल, शासकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय है । लगभग 5 हायर सेकेण्डरी स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, मिशनरी स्कूल हैं । कोलार रोड पर जाट समाज के लगभग 44 घर हैं । इस क्षेत्र में निवासरत् जाट परिवारों के गौत्र: माली , कादयान, सोलंकी, जाखड़, मलिक, सिरोही, पौरस, बिसायती, राणा, नारोलिया , बोहरा, डागर, खैनवार, हंसेलिया, धारीवाल, गोधा, डींगवाल, चाहर, सोहरोत, सांगवान।

कोलार क्षेत्र जाट परिवारों के गौत्र

कोलार भोपाल, के प्रमुख व्यक्ति:

  • श्री संतोष ठाकुर (खैनवार ), कोलार भोपाल, सेवानिवृत्त अवर सचिव ,मध्यप्रदेश शासन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, मध्यप्रदेश जाट महासभा, पूर्व अध्यक्ष, जाट सभा भोपाल , पूर्व अध्यक्ष, संत तेजाजी गृह निर्माण सहकारी समिति, ग्रुप संचालक, जाट वैवाहिक रिश्ते (अखिल भारतीय जाट महासभा) Mob. 9826546968 ()
  • श्री सी पी वर्मा, रेकी मास्टर 9425071985
  • श्री यतेंद्र सिंह सेनि ऑफिसर, बीएसएनएल, Mob. 9425001232
  • श्रीमती लीलावती सोलंकी पत्नि स्व.श्री मोहनसिंह सोलंकी, कोलार भोपाल, Mob.07556452454, से.नि. शिक्षक (जाट सभा भोपाल में आपका और आपके पति का अविस्मरणीय योगदान रहा है.)

जानकारी स्रोत - संतोष ठाकुर (खेनवार), भोपाल (9826546968)

महाराणा प्रताप नगर एवं गोविंदपुरा

क्षेत्र महाराणा प्रताप नगर एवं गोविंदपुरा (भेल) भोपाल: महाराणा प्रताप नगर जिसे आम लोग एम पी नगर के नाम से जानते हैं । ये नये भोपाल का एक व्यवसायिक क्षेत्र है । यहां आलीशान होटल्स, बड़े-बड़े रेस्टोरेंट्स, बैंक्स, प्रेस कांप्लेक्स, अनेक व्यापारिक प्रतिष्ठान, कार्यालय आदि है । इससे लगा हुआ हबीबगंज रेलवे स्टेशन है । भेल कारखाना इससे जुड़ा हुआ है । भेल में माल यहीं से आता-जाता है । इसी क्षेत्र से लगा हुआ भेल (भोपाल हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) टाउनशिप है । इस टाउनशिप में बड़े-बड़े गार्डन, कल्चरल हॉल , स्पोर्ट्स कांपलेक्स, बड़े-बड़े मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे हैं । राज्य शासन शीघ्र ही इस क्षेत्र को (गोविंदपुरा को मिलाकर) एक नई तहसील एमपी नगर (महाराणा प्रताप नगर) बनाने जा रहा है । इसकी घोषणा हो चुकी है ।

एमपी नगर क्षेत्र में विक्रमादित्य महाविद्यालय है, जिसके चेयरमेन श्री आदित्य नारोलिया हैं । इनका संपर्क नं. 9425008182 है ।महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती दीपिका नारोलिया हैं । इनका संपर्क नं.0755-2578182 है । ये दोनों पति-पत्नी जाट समाज के लिए समर्पित हैं ।

भेल क्षेत्र में हेमा स्कूल, गांधी स्कूल, शासकीय कन्या विद्यालय, विद्या निकेतन, रमन हायर सेकेंडरी स्कूल, सेंट जॉन्स स्कूल, कार्मेल कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी गर्ल्स स्कूल, एम्स,कस्तूरबा हॉस्पिटल, औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा ।

गोविंदपुरा क्षेत्र के आसपास की कालोनियां पिपलानी, बरखेड़ा , हबीबगंज, शक्तिनगर, साकेत नगर बसी हुई है । एम्स हॉस्पिटल भी साकेत नगर कॉलोनी से लगा हुआ है ।

गोविंदपुरा क्षेत्र के प्रमुख व्यक्ति

1. श्री गजेन्द्र सिंह , आप एक बहुत ही सुलझे हुए ,स्पष्टवादी व्यक्ति हैं । आप पेशे से इंजीनियर/बिल्डर/ठेकेदार हैं ।आपकी कम्पनी का नाम 'लेण्ड मार्क बिल्डर' है । एम पी नगर में आपका कार्यालय है । जाट सभा भोपाल के आप कोषाध्यक्ष तथा संत तेजाजी गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल के अध्यक्ष रहे हैं । आप जाट समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं । समाज के कार्यों में आपकी सहभागिता उल्लेखनीय है । आपका संपर्क नंबर है-9826054466 .

2. एडवोकेट संतोष जाट ये समाज के एक सम्मानित व्यक्ति हैं । जाट समाज में आपका सराहनीय योगदान रहा है । आप जिला महामंत्री भाजपा पिछड़ावर्ग मोर्चा, भोपाल, अध्यक्ष, गिरनार हिल्स सोसायटी,संचालक, पीतांबरा मिल्क पार्लर,एम पी नगर, भोपाल हैं ।

3. श्री दिनेश बाल्यान , आप भेल भोपाल में अपर अभियंता के पद पर कार्यरत हैं । श्री बाल्यान विगत 32 वर्षों से जाट समाज की सेवा में संलग्न है । भोपाल जाट सभा के लंबे समय तक कार्य कारिणी सदस्य और उपाध्यक्ष रहे हैं । ये जाट समाज के एक वरिष्ठ समाज सेवी हैं । आप राजनीति में भी दखल रखते हैं । भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता हैं । वर्तमान में आप संत तेजाजी गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल के उपाध्यक्ष हैं ।

4. श्री बलजीत फोगाट, आप भेल भोपाल में अतिरिक्त अभियंता हैं । स्वभाव से मिलनसार और हमेशा चेहरे पर मुस्कान रखने वाले श्री फौगाट जाट समाज की गतिविधियों में भी सहर्ष भाग लेते हैं । आपका संपर्क नंबर है- 9131302706.

5. श्री अरुण कुमार सिंह, आप भेल भोपाल में वरिष्ठ लेखा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं । साथ ही आप और आपका परिवार राजोरा एसोसिएट्स, में. राजोरा इन्फ्रा होम्स, मेसर्स राजोरा सीमेंट वर्कस, मेसर्स राजोरा इंडस्ट्रीज एण्ड अर्बन घाट के मालिक हैं । जाट सभा भोपाल से आप एक लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं । स्पष्टवादिता आपका गुण है ।आपका संपर्क नं. 0755-6543080/ 9893429737 है ।

6. श्री जे पी राणा । आप जाट सभा भोपाल से 1973 हे जुड़े हुए हैं । जाट सभा के संस्थापक सदस्य हैं । आप सभा के कार्यकारिणी सदस्य, सचिव और उपाध्यक्ष का पद सुशोभित कर चुके हैं । आप म.प्र. माध्यमिक शिक्षा मंडल ,भोपाल से सेवा निवृत हुए हैं । समाज के परिवारों में आप हमेशा सुख-दुख में सम्मिलित होते हैं । ठेठ देशी अंदाज आपकी खासियत है ।आपका मोबाइल नंबर 9584030001 है ।

7. श्री मोकम सिंह नैन, आप मध्यप्रदेश पुलिस में एक दबंग पुलिस अधिकारी रहे हैं । आप उप पुलिस अधीक्षक के पद से से नि हुए हैं ।संपर्क नंबर 9827294605 है ।

8. श्री अनुप सिंह नैन, पुलिस निरीक्षक-संपर्क नंबर 9826051657 है ।

9. श्री कैलाश जाट, संचालनालय, लोक शिक्षण भोपाल में कार्यरत हैं । अपने विभाग से संबंधित कार्य में हमेशा सजातीय बंधुओं का सहयोग करते हैं ।मो.नं.9826048708.

10. श्री चंदन सिंह, आप रेलवे पुलिस फोर्स में इंस्पेक्टर के पद पर भोपाल में पदस्थ हैं। जनसेवा की भावना आपमें कूट-कूट भरी है । इन्हें इनकी सराहनीय सेवाओं के लिए कई बार विभाग तथा जाट समाज सम्मानित कर चुका है ।मो.नं.9893335911.

11.श्री रामेश्वर सिंह, शा.से.रेलवे,मो.नं. 8109680419

12. श्री धर्मपाल सिंह, कृषि मो.नं.9406534554

13. श्री सतेन्द्र कुमार सिंह, सब एडिशनल इंजीनियर, भेल, मो.नं. 9303108731

14. श्री मलकीतसिंह, व्यवसाय मो.नं. 9827287073

15. श्री संजीव राणा, शासकीय सेवा,संपर्क- 9981677210

16. श्री महेश कुमार वर्मा बिजनेस, मो.नं 9303112311

एमपी नगर (भेल गोविंदपुरा क्षेत्र) में जाट गोत्र

जानकारी स्रोत - संतोष ठाकुर (खेनवार), भोपाल (9826546968)

पुराना भोपाल शहर

शहर का नाम : पुराना भोपाल शहर, तहसील हुजूर जिला भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एक बहुत ही सुन्दर शहर है । ताल तलैयों के लिए यह शहर प्रसिद्ध है । यहां की बड़ी झील (बड़ा तालाब) बहुत प्रसिद्ध है । इसे धारा नगरी (वर्तमान धार) के राजा भोज ने बनवाया था । राजा भोज की एक बहुत बड़ी मूर्ति बड़े तालाब किनारे लगाई गई है। ये तालाब 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसी से लगा हुआ छोटा तालाब है । इसका क्षेत्रफल भी चार वर्ग किलोमीटर है । इसके किनारे पर गोंड रानी कमलापति का महल बना हुआ है जिसकी तीन मंजिल पानी में डूबी हुई है । इसी से लगा हुआ कमला पार्क,किलोल पार्क, वर्द्धमान पार्क, शीतलदास की बगिया,भारत भवन,सदर मंजिल आदि हैं. ‌

पुराने भोपाल शहर में जाट समाज के लगभग 25-30 घर हैं । यहां ज्यादातर परिवार शासकीय नोकरी अथवा स्वयं के व्यवसाय में लगे हुए हैं।

पुराना भोपाल के जाट परिवारों के गौत्र:

पुराने भोपाल शहर के प्रमुख व्यक्ति

1. स्व.ठाकुर मास्टर लाल सिंह जी (सिनसिनवार) का जन्म संवत् 1946 सन् 1889 ई.में स्व. ठाकुर वीरा सिंह जी के यहां भोपाल में हुआ था । इन्होंने क्रिश्चियन कॉलेज इंदौर से BA पास किया। वर्ष 1913 के लगभग उन्होंने जहांगिरिया स्कूल भोपाल में अध्यापन कार्य शुरू किया। आपका जीवन धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु रहा । इन्होंने भोपाल में कन्या शाला खोलकर स्त्री शिक्षा का श्रीगणेश किया। वर्ष 1924 में भोपाल में पहला अनाथालय शुरू कराया । वर्ष 1935 में सरकारी नौकरी छोड़कर हिंदू महासभा भोपाल की स्थापना की । आपने साप्ताहिक समाचार प्रजा पुकार निकाला बाद में किसान व पथ प्रदर्शक के नाम से भी पत्र निकाले जिसमें अछुतोद्धार और नारी चेतना की आवाज बुलंद की । कुछ समय पश्चात पंडित मदन मोहन मालवीय के परामर्श से प्रजा मंडल नामक राष्ट्रीय संस्था के द्वारा अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार किया। सन 1949 में भोपाल रियासत के भारतीय गणतंत्र में विलय हो जाने पर भोपाल प्रजामंडल का अखिल भारतीय कांग्रेस में विलय हो गया और ठाकुर साहब कांग्रेस में आ गये। सन् 1949 में भोपाल की ओर से कांस्टीट्यूएंट असेंबली में नई दिल्ली भेजे गए जो वह 1951 दिसंबर में मृत्यु होने तक बने रहे। 4 दिसंबर 1951 में जीप एक्सीडेंट से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बैरागढ़ रोड पर आहत हुए और स्वर्गवासी हो गये। आपके नाम से पुराने शहर भोपाल में मास्टर लाल सिंह हॉस्पिटल, लाल सिंह पार्क और लाल सिंह शासकीय स्कूल आज भी हैं।

2. श्री वीर सिह पचोरी (पचहेरे) - स्कूल संचालक, जाट समाज के लिए पूर्णरुप से समर्पित व्यक्ति.9755164131

3. श्री कुबेर सिंह जाट, बिजनेस । ग्रुप आफ कुबेर डेयरी के स़ंचालक , ग्राम सागौनी, भोपाल में कृषि भूमि ।भाजपा के वरिष्ठ सदस्य तथा पदाधिकारी ।हंसमुख मिलनसार व्यक्तित्व के धनी । 9826448036

4.श्री रमेश सिंह जाट , बिल्डर एवं कृषि 9827365125

5. श्री अनिल कुमार आर्य, बिजनेस 9893885440

6. श्रीमती सुनीता आर्य। आप जाट समाज के कार्यों हेतु सदैव तत्पर रहती हैं । एक अच्छी मिलनसार सामाजिक कार्यकर्त्ता ।9131883869

7. श्री हरदेव सिंह जाट, से नि सहायक उप निरीक्षक,पुलिस

8.श्री सुल्तान सिंह हंसेलिया, शासकीय सेवा

9. श्री ज्ञानेंद्र सिंह , बिजनेस

10. श्री चंदन सिंह जाट,से.नि.भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन एवं बिजनेस (बेकरी) 9755118825

11. श्री प्रमोद सिंह ,

12. श्रीअजीत सिंह,शिक्षक 9827260216

13. श्री संजय सिंह ठाकुर 14. श्री अखिलेश सिंह, ठेकेदार 9300789047

15.श्री धीरेंद्र प्रताप सिंह, ठेकेदार एवं कृषि

16. श्री यू एस वर्मा , सेनि कार्यपालन यंत्री, 9229117781

17. श्री नरेंद्र सिंह, बिजनेस

18. श्रीशैलेंद्र सिंह, बिजनेस

19. श्री ओम प्रकाश चौधरी 20. श्री जसराज जाट

21. सत्यभान सिंह कुंडू 22.श्री सुखबीर सिंह णं

23. श्री जेएस गिल

24. एडवो खुमान सिंह जाट

25 एडवो. दिलबाग सिंह

जानकारी स्रोत - संतोष ठाकुर (खेनवार), भोपाल (9826546968)

लालघाटी,भोपाल

क्षेत्र का नाम : लालघाटी,भोपाल, तहसील : हुजूर, जिला : भोपाल

स्थानीय निकाय: नगर पालिका निगम भोपाल, आस पास के गांव/कालोनी: खानू गांव, हलालपुर, नेवरी, सीटीओ, जैन कालोनी, विट्ठल नगर ।

भोपाल का लालघाटी नामक स्थान बस स्टेंड और रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । लाल घाटी से लगा हुआ भोपाल का प्रसिद्ध गुफा मंदिर स्थित है । यह यात्रियों और दर्शकों के मध्य आकर्षण का केंद्र है । यहां संस्कृत महाविद्यालय भी संचालित है । लालघाटी से लगा हुआ वी.आई.पी.रोड और एरोड्रम रोड है ।

जाट गौत्र

लालघाटी,भोपाल के प्रमुख व्यक्ति:


1. श्रीमती लक्ष्मी सिंह इनका परिवार मास्टर लालसिंह जी से संबंधित है । इनके पति स्व. श्री के के सिंह लालसिंह जी के नाती थे । ये परिवार जाट समाज का हितैषी है । इनका संपर्क नंबर है 9406526470

2. श्री भूपेन्द्र सिंह (राजा) इनके पिता स्व.श्री नरेन्द्र कुमार सिंह जी थे । ये भी लालसिंह जी के नाती थे । श्री भूपेन्द्र सिंह पेशे से ठेकेदार हैं और बेरसिया रोड पर इनकी कृषि भूमि भी है । ये भाजपा के पदाधिकारी तथा वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं । समाज के कार्यों के लिए ये स्वयं और इनका परिवार सदैव तत्पर रहता है ।आपकी माता जी श्रीमती शकुंतला देवी जाट से.नि.शासकीय शिक्षक हैं । आप भी जाट समाज के कार्यों के लिए समर्पित रहती हैं । आपका संपर्क नं. है--9826015479

3. कर्नल राजवीर सिंह नेहरा 9300273757

4. श्री दृगपाल सिंह वायु सेना में JCO के पद पर कार्यरत थे । 20 वर्ष की सेवा पश्चात सेवा निवृत्ति लेकर वर्तमान में रिलायंस कम्यूनिकेशंस भोपाल में कार्यरत हैं । मिलनसार स्वभाव के श्री सिंह समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के पक्षधर हैं । इनका मो.नं. है --9303134856

5. श्री मानसिंह 8889474276

6. श्री अवधेश कुमार बाल्यान9826239419

7. श्री सुनील सिंह आर्य 9926561721

8. श्री बृजभान सिंह पूनिया,से.नि.फारेस्ट आफिसर । मोबाइल नं. 7697686770

9. श्री देशदीपक राणा 7869494770

10. श्री दीपचंद सिंह डागर 9303133420

11.श्री जगदीश चन्द्र 9993960115

जानकारी स्रोत - संतोष ठाकुर (खेनवार), भोपाल (9826546968)

होशंगाबाद रोड और अरेरा कालोनी, भोपाल

Hoshangabad road & Arera colony area is a locality in Huzur & Kolar Tehsil in Bhopal district of (MP)

होशंगाबाद रोड, अरेरा कालोनी हबीबगंज रेलवे स्टेशन के सामने के क्षेत्र में है । ये आठ सेक्टर (ई-1 से ई-8) में विभाजित है । इस क्षेत्र में शाहपुरा, हितकारिणी नगर (1100 क्वार्टर्स), बसंत कुंज, त्रिलंगा, गुलमोहर कालोनी, रोहित नगर आदि बस्तियां बसी हुई है ।

होशंगाबाद रोड और अरेरा कालोनी, भोपाल के जाट गौत्र:

Population: Total population are 1798218 in which 936168 are males & 862050 are females. (As per census population of 2011)

Notable persons:

  • Mahipal Singh Malik, ex president, Jat Sabha Bhopal.
  • Mohan Lal Godara, ex president, jat sabha, Bhopal mob.no. 9826086857
  • Mrs Ajudhya Godara, ex president, jat Sabha ,Bhopal & President, Akhil Bhartiya jat mahasabha, (Mahila wing)MP. Mob.no. 9826247305
  • Harnarayan jat , ex president , Jat Sabha Bhopal.
  • S N Singh, ex President, jat Sabha Bhopal.
  • Ranvir Singh Kharab, Industrialist & Social worker.mob. 9303134841
  • Mrs. Shakun Kharb, Social worker & businesswoman.
  • Chhote Singh,IAS, Dy. secretary, Labour department. Mob.no. 9425071256
  • Prof. Dr. Arun Kumar Singh Sarawat 9425011662
  • Engi. Bhupendra kumar Choudhari, ex Secretay, Jat Sabha Bhopal.
  • Engi. Brajendra Singh Dhaka, Govt. Service & social worker.
  • Smt Jyoti Choudhari, Social worker.
  • Rajesh Lathi (Patel), PA to Minister of Agriculture.
  • Hodal Singh, Govt. Jab/Treasurer, jat Sabha Bhopal .
  • Jagdeep Singh maan, social worker/farmer & first price (Rs. 11,000) winner of Gyanaram puniya general knowledge Competition.
  • Amitoj Singh Thakur, ward prabhari, Nagar Nigam Bhopal.
  • Sushil Dalal, Officer in central bank.
  • Daryab Singh, Retd from BHEL & social wofker

Source - Santosh Kumar Thakur (Khenwar) 9826546968

इन्द्र पुरी, जे के रोड, रायसेन रोड - भोपाल

Indra Puri, J K road, Piplani, Raisen road area , Bhopal in HuzurTehsil in Bhopal district of (MP).

राजधानी भोपाल के भोपाल-रायसेन रोड पर निम्न कालोनियां अवस्थित हैं- इन्द्र पुरी, मिनाल रेसीडेंसी, नीरजा नगर, भरत नगर, जे के रोड , भवानी धाम, सोनागिरी, आनंद नगर आदि । इन कालोनियों में काफी जाट परिवार निवासरत हैं ।ये कालोनियां भेल (भोपाल हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) के सिल्वर जुबली गेट के सामने की ओर बसी हुई है ।

भोपाल-रायसेन रोड पर जाट गौत्र

Notable persons

  • एम एस सोलंकी, (से.नि.आईएफएस),पूर्व अध्यक्ष,जाट सभा भोपाल । मो.9425370381
  • एस सी सिंह, से.नि.अपर संचालक, पूर्व अध्यक्ष, जाट सभा, भोपाल 7869104172
  • एस आर दहिया, से.नि. शासकीय अधिकारी.9303237667
  • मास्टर इन्दर सिंह, (से.नि.भेल), पूर्व पदाधिकारी जाट सभा भोपाल 9752776060
  • श्री दयानंद सिंह, (से.नि.भेल)पूर्व उपाध्यक्ष, जाट सभा, भोपाल । आप अपने समाज के लिए समर्पित इंसान हैं । समाज का कोई भी काम करने के लिए आप हमेशा तत्पर रहते हैं । आपके परिवार का भी इसमें भरपूर सहयोग मिलता है । मो 9993779467
  • श्री पदमसिंह जाट, शा.सेवा में केंद्रीय मुद्रणालय भोपाल में सेवारत हैं । आप समाज के प्रति समर्पित व्यक्ति हैं । समाज के काम के लिए आप सदैव तत्पर रहते हैं ।मो.9826482064
  • राजपाल सिंह काकरान, से.नि.प्रोफेसर । आप जाट समाज के प्रदेश और देश के हरेक कार्यक्रमों में, जहां तक संभव हो, भाग लेते हैं । आप म.प्र.के विश्वविद्यालयों की समितियों में सदस्य भी रहे हैं तो.9425028689
  • श्रीमति कमलेश दलाल, अ भा जाट महासभा (महिला विंग ) की पदाधिकारी तथा पूर्व कार्यकारिणी सदस्य,जाट सभा भोपाल । आप एक उत्साही कर्मठ महिला हैं । समाज के प्रति समर्पण भाव आपमें कूट कूट कर भरा है ।मो.6263578760
  • सुनील कुमार सिंह, आप एथलेटिक्स के उत्कृष्ट खिलाड़ी रहे हैं । मध्यप्रदेश शासन ने आपको खिलाड़ी कोटे से आडिटर के पद पर नियुक्त किया था ‌ शासकीय सेवा में आने के पश्चात आपने देश और विदेश में स्वर्ण, रजत और र कांस्य पदक प्राप्त किए हैं ।9893019475
  • भूपेन्द्र सिंह दलाल, मप्रविमं सेवा/समाज सेवी, जाट सभा भोपाल के पदाधिकारी ।9425674983
  • बलजीत कादयान, उप निरीक्षक, पुलिस । समाज के प्रति अच्छा झुकाव रखते हैं । अपने स्तर पर आवश्यकता अनुसार सबकी सहायता भी करते हैं ।
  • श्रीमती सुनिता कुमोद सिंह, प्राचार्य , एस ओ एस बाल ग्राम । जाट सभा महिला इकाई की पदाधिकारी ।
  • कुणाल सांगवान, बिजनेस
  • धर्मेंद्र तोगड़े - जाट सभा भोपाल के पदाधिकारी, बीजेपी लीडर और पेशे से मेडिकल रिप्रजेंटेटिव तथा मेडिकल शाप । जाट समाज के कर्मठ कार्यकर्ता । 9826053621
  • सतवीर सिंह दलाल, सेनि सहायक पुलिस निरीक्षक। समाज के प्रति गहरी रुचि ।8109496046
  • संजीव कुमार राठी,चीफ लोको इंस्पेक्टर, रेलवे समाज के प्रत्येक कार्यक्रम में सहभागिता करते हैं । संपर्क: 9752416390

Source - Santosh Kumar Thakur (Khenwar) 9826546968

Tahsils in Bhopal District

Jat gotras in Bhopal

Adhran, Ahlawat, Anjane, Atri, Balhara, Balyan, Bangadwa, Barach, Barad, Bargoti, Basbana, Basman, Baswan, Beda, Bhagor, Bhakal, Bhalothia, Bhamu, Bharengar, Bijarnia, Binda, Bisayti, Bisonia, Bohra, Budhe, Budhwar, Burdak, Chahal, Chahar, Chandel, Chhokar, Choyal, Dabas, Dabisa, Dagar, Dahiya, Dalal, Dandak, Dashpuria, Dedar, Deshwal, Dhadaria, Dhainyar, Dhaka, Dhanerya, Dhankad, Dhankher, Dhatiriya, Dhayal, Didel, Dilwal, Dingwal, Dhinwal, Diswar, Dondaria, Dongre, Dudi, Durwas, Dusadh, Faraswal, Fogat, Foyar, Gahlawat, Garhwal, Gathware, Gehlot, Ghainyar, Ghanghas, Godara, Gode, Godha, Golia, Golya, Gulia, Hanselia, Hathingarwar, Hudda, Indolia, Jakhar, Jangoo, Jhunkale, Kadyan, Kajal, Kakran, Kalhari, Kalkhanda, Kashyap, Kaul, Khainwar, Khairwa, Kharb, Khatri, Khoja, Khokhar, Khutel, Kudia, Kuhad, Kuiya, Kulhar, Kundu, Lachau, Lakkad, Lalau, Lalgathwaria, Lamba, Lauchak, Legha, Mali, Mann, Marawat, Mehria, Menchu, Mohla, Motra, Mundel, Nain, Nandav, Narolia, Narwar, Nauhwar, Nawad, Nehra, Ohlan, Pachhare, Padode, Paldia, Palwar, Pander, Paraswan, Paraya, Patel, Pawar, Penda, Poras, Puchhwar, Punia, Rahi, Rajaura, Rana, Ranwa, Rao, Rathi, Rawat, Ruhil, Sangwan, Saran, Saroha, Serawat, Sheshma, Shyorat, Sidia, Sihak, Sikarwar, Sindhu, Sinsinwar, Sirohi, Siwach, Siyak, Sogarwal, Sohrot, Solanki, Soni, Takhar, Tanwar, Tewatia, Thadwar, Thakurel, Thakurela, Thakurele, Thenua, Thukrele, Thusya, Tomar, Toor, Vinda,

Jat Organizations

Notable persons

  • M.S.Solanki - IFS (1957), Madhya Pradesh cadre, DOB:12-8-1927.
  • Daya Ram Dhayal - Donated Rs. 25000/- for School
  • R.S. Kharb - President Govindpura Industries Association, Bhopal-4261619, Phone: 0755-4261619, Home: E-1/70, Arera Colony Bhopal, Mob: 9303134841
  • B.S. Arya - Senior Manager (PSCD), Bank of India, Zonal Office, Jail Road, Bhopal. Res:0755-2554470, Mob: 9425648864.
  • Har Narain Jat Mali: Ex. President Madhya Pradesh Jat Sabha, Bhopal, Mob: 9926900294
  • Radhe Shyam Verma (Palwar) - From Tarawli Kalan village in Berasia tahsil in Bhopal district in Madhya Pradesh. Mob: 9425010554
  • S P S VERMA CHIEF MANAGER(INSPECTION)PUNJAB NATIONAL BANK NEW MARKET BHOPAL MOB 9893591616
  • Santosh Kumar Thakur (Khenwar) - Ex President Madhya Pradesh Jat Sabha, Bhopal, Mob: 9826546968
  • वरुण सिंह दलाल भोपाल मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के आई टी एवं सोशल मीडिया सेल में प्रदेश सचिव
  • Laxman Ram Burdak - IFS (Retd.), Madhya Pradesh, 1980, Wiki Moderator. Founder President Teja Foundation, Residence: 28 New Colony, Khatipura Bridge, Jhotwara, Jaipur, Rajasthan. Mob:9826092101, 9680066814. Bhopal Address: A-504, Shree Krishna Heights, 80 Feet Road, Katara Hills, Barrai, Bhopal- (M.P.) 462043
  • Amit Burdak - Architect, A-504, Shree Krishna Heights, 80 Feet Road, Katara Hills, Barrai, Bhopal- (M.P.) 462043. Mob:9981662642

Gallery

External links

See also

References

  1. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.675-676
  2. https://www.bbc.com/hindi/india-59288987
  3. पीपुल्स समाचार भोपाल बुधवार 18 अप्रेल 2012
  4. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.300